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BPSC: मोटरयान निरीक्षक परीक्षा के महिला वर्ग में जहानाबाद की अंजली बनीं टॉपर

जहानाबाद के कालुपुर गांव की अंजली सिंहा ने बीपीएससी (Motor Vehicle Inspector Exam) के मोटरयान निरीक्षक की परीक्षा में महिला वर्ग में प्रथम स्थान हासिल कर गांव का नाम रोशन किया है. उसने परीक्षा की तैयारी के लिए कोई भी कोचिंग नहीं ली थी.पढ़ें पूरी खबर...

जहानाबाद के कालुपुर गांव
जहानाबाद के कालुपुर गांव
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Published : Oct 15, 2022, 5:27 PM IST

जहानाबाद: बिहार के जहानाबाद (Motor Vehicle Inspector Exam) के कालुपुर गांव की अंजली सिंहा ने बीपीएससी के मोटरयान निरीक्षक की परीक्षा में महिला वर्ग में प्रथम स्थान हासिल किया है. खास बात यह है कि किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाली अंजली परीक्षा की तैयारी के लिए कोई भी कोचिंग नहीं ली थी. उनके पिता शैलेन्द्र कुमार अधिवक्ता हैं और मां सुशीला देवी गृहणी हैं. अंजली ने कहा कि अगर मन में सच्ची लगन हो और कुछ कर गुजरने की जज्बा हो तो कठिन परिस्थिति में भी सफलता की जा सकती है. उन्होंने मोटरयान निरीक्षक की परीक्षा में 90 रिक्तियों के विरुद्ध 88 सफल अभ्यर्थियों में महिला वर्ग में पूरे बिहार प्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त कर अपने परिवार एवं गांव की नाम को रोशन किया है.

यह भी पढ़ें : BPSC 65th Result 2021: 1 नंबर से मैट्रिक में फेल होने वाले राजीव को मिला 45वां रैंक, बनेंगे DSP

पहली बार में सफलता हासिल की : मध्यम वर्गीय परिवार में जन्मी पांच भाई-बहनों में सबसे छोटी अंजली पढ़ने में तेज थी. बचपन से ही काफी मेहनती थी. गांव में पली बढ़ी और गांव के ही सरकारी विद्यालय से पढ़ाई करते हुए प्लस टू प्रवेशिका विद्यालय शकुराबाद से वर्ष 2015 में मैट्रिक की परीक्षा 74.80 प्रतिशत अंक के साथ पास की. इसके पश्चात् वह पॉलिटेक्निक की परीक्षा पास कर गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक कॉलेज टेकारी, गया से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा पास की. मोटरयान निरीक्षक की परीक्षा भी पहली बार में सफल हुई.

यह भी पढ़ें : BPSC में सफल हुए पटना के कॉन्स्टेबल मोहन कुमार, बोले- 'ईमानदारी से मेहनत करने पर जरूर होंगे कामयाब'

सेल्फ स्टडी से मिली सफलता : अंजली की इस सफलता पर उसके माता-पिता से लेकर तमाम परिजन एवं ग्रामीण बेहद खुश हैं. अंजली ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, गुरुजनों एवं भाइयों के साथ-साथ सभी शुभचिंतको को दी है. जिन्होंने संघर्ष के दौर में उसे संबल दिया है. उसने प्रतियोगी परीक्षा (Competitive Exam) की तैयारी करने वाले परीक्षार्थियों को सीख देते हुए कहा कि सेल्फ स्टडी सफलता का मूल मंत्र है.

"सरकारी सेवा परीक्षा के लिए युवा वर्ग हजारों-लाखों रुपए खर्च कर कोचिंग में तैयारी करते हैं. मैंने सिर्फ सेल्फ स्टडी के जरिये ही यह सफलता प्राप्त की है. इस परीक्षा में न केवल सफलता प्राप्त की बल्कि एक सम्मानजनक रैंक भी हासिल की हूं."-अंजली सिंहा

यह भी पढ़ें : सिपाही की ड्यूटी.. गोद में बच्चा फिर भी BPSC क्रेक कर बनी DSP... सफलता पर एसपी ने दी बधाई

जहानाबाद: बिहार के जहानाबाद (Motor Vehicle Inspector Exam) के कालुपुर गांव की अंजली सिंहा ने बीपीएससी के मोटरयान निरीक्षक की परीक्षा में महिला वर्ग में प्रथम स्थान हासिल किया है. खास बात यह है कि किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाली अंजली परीक्षा की तैयारी के लिए कोई भी कोचिंग नहीं ली थी. उनके पिता शैलेन्द्र कुमार अधिवक्ता हैं और मां सुशीला देवी गृहणी हैं. अंजली ने कहा कि अगर मन में सच्ची लगन हो और कुछ कर गुजरने की जज्बा हो तो कठिन परिस्थिति में भी सफलता की जा सकती है. उन्होंने मोटरयान निरीक्षक की परीक्षा में 90 रिक्तियों के विरुद्ध 88 सफल अभ्यर्थियों में महिला वर्ग में पूरे बिहार प्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त कर अपने परिवार एवं गांव की नाम को रोशन किया है.

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पहली बार में सफलता हासिल की : मध्यम वर्गीय परिवार में जन्मी पांच भाई-बहनों में सबसे छोटी अंजली पढ़ने में तेज थी. बचपन से ही काफी मेहनती थी. गांव में पली बढ़ी और गांव के ही सरकारी विद्यालय से पढ़ाई करते हुए प्लस टू प्रवेशिका विद्यालय शकुराबाद से वर्ष 2015 में मैट्रिक की परीक्षा 74.80 प्रतिशत अंक के साथ पास की. इसके पश्चात् वह पॉलिटेक्निक की परीक्षा पास कर गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक कॉलेज टेकारी, गया से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा पास की. मोटरयान निरीक्षक की परीक्षा भी पहली बार में सफल हुई.

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सेल्फ स्टडी से मिली सफलता : अंजली की इस सफलता पर उसके माता-पिता से लेकर तमाम परिजन एवं ग्रामीण बेहद खुश हैं. अंजली ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, गुरुजनों एवं भाइयों के साथ-साथ सभी शुभचिंतको को दी है. जिन्होंने संघर्ष के दौर में उसे संबल दिया है. उसने प्रतियोगी परीक्षा (Competitive Exam) की तैयारी करने वाले परीक्षार्थियों को सीख देते हुए कहा कि सेल्फ स्टडी सफलता का मूल मंत्र है.

"सरकारी सेवा परीक्षा के लिए युवा वर्ग हजारों-लाखों रुपए खर्च कर कोचिंग में तैयारी करते हैं. मैंने सिर्फ सेल्फ स्टडी के जरिये ही यह सफलता प्राप्त की है. इस परीक्षा में न केवल सफलता प्राप्त की बल्कि एक सम्मानजनक रैंक भी हासिल की हूं."-अंजली सिंहा

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