जमुई: एक ओर जहां पूरे प्रदेश में कोरोना वायरस के संभावित खतरे से निपटने के लिए इंतजामात किए जा रहें हैं. वहीं, जिले के अस्पताल में कोरोना को लेकर जांच कराने पहुंचे युवक को बिना इलाज के ही वापस जाना पड़ा. दरअसल, खैरा प्रखंड क्षेत्र के चंगोडीह गांव निवासी 5 युवक अपने दोस्तों के साथ मुंबई के संजय गांधी नगर पारला पुलिस चौकी से एयरपोर्ट तक ऑटो चलाता था. उसे कोरोना का भय था. जिस वजह से वह जिला अस्पताल में इलाज करवाने के लिए पहुंचा था.
'बिना इलाज वापस लौटे मरीज'
इस बाबत पीड़ित युवक ने बताया कि मुंबई में काफी तेजी से कोरोना वायरस फैल रहा है. इस वजह से वह वापस अपने गांव आ गया. पिछले कुछ दिनों से हमलोगों का तबीयत खराब था. जिस वजह से हमलोग कोरोना वायरस के संक्रमण के भय से इलाज के लिए सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में पहुंचे. वहा, पर सुरक्षा के नाम पर कुछ नहीं था. हमें साधारण मरीज की तरह अस्पताल के पर्ची काउंटर पर लाइन लग कर पर्ची कटना पड़ा. इसके बाद भी जांच के लिए घंटों लाइन में खड़ा रहना पड़ा.
'कोरोना जांच के लिए कोई ऑथेंटिक मशीन नहीं'
इस मामले पर ओपीडी कक्ष में इलाज कर रहे चिकित्सक डॉ अरविंद कुमार ने कहा कि कोरोना जांच के लिए अस्पताल में किसी तरह का कोई ऑथेंटिक जांच मशीन नहीं है. यह बात युवकों को बताई गई. लेकिन वे उग्र हो गए. उन्होंने कहा कि युवकों में प्राथमिक जांच के आधार पर कोरोना के कोई लक्षण नहीं पाए गए थे.