जमुई: 2006 से 2015 के बीच नियोजित किए गए 90 हजार से ज्यादा फर्जी शिक्षकों के खिलाफ शिक्षा विभाग (Education Department) कार्रवाई कर रही है. इसके बाद भी लोग फर्जी सर्टिफिकेट (Fake Certificate) के आधार पर शिक्षक बनने के लिए जालसाजी से बाज नहीं आ रहे हैं. शुक्रवार को बिहार के जमुई जिले में एक ऐसी ही महिला को पकड़ा गया.
यह भी पढ़ें- साइबर कैफे से मार्कशीट लेकर शिक्षक बनने आई थी महिला, एक क्लिक से पकड़ा गया झूठ
जमुई के चकाई प्रखंड के एसके उच्च विद्यालय में तीन पंचायतों के लिए हुए शिक्षक काउंसलिंग के दौरान दूसरे अभ्यर्थी के कागजात पर गलत तरीके से काउंसलिंग कराने आई एक महिला को चकाई पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. पकड़े जाने पर महिला फूट-फूटकर रोने लगी. गिरफ्तार महिला की पहचान बांका जिले के अमरपुर थाना क्षेत्र के चपरी गांव निवासी सीता कुमारी के रूप में की गई है.
फारियताडीह पंचायत में काउंसलिंग के बाद जब चयनित अभ्यर्थियों के विभिन्न तरह की शैक्षणिक, प्रशैक्षणिक और आधार कार्ड आदि की जांच की गई तो महिला संदेह के घेरे में आ गई. बाद में कड़ाई से पूछे जाने पर महिला ने स्वीकार कर लिया कि उसने श्वेता कुमारी के नाम और कागजात पर काउंसलिंग करा लिया. उसका असली नाम सीता कुमारी है. वह बांका के अमरपुर की रहने वाली है.
काउंसलिंग में सीता पूरी तैयारी के साथ आई थी. वहीं, श्वेता कुमारी बांका जिला के चांदन थाना क्षेत्र के बिहारो गांव की रहने वाली है. श्वेता कुमारी के पति बालकृष्ण यादव को जब पता चला कि उनकी पत्नी के कागजात पर काउंसलिंग करा रही महिला की गिरफ्तारी हुई है तो वह भी चकाई थाना पहुंचे.
बता दें कि 2006 से 2015 के बीच हुए नियोजन में हजारों की संख्या में लोगों ने फर्जी सर्टिफिकेट इस्तेमाल कर शिक्षक की नौकरी पा ली थी. इस बार ऐसा नहीं हो इसके लिए शिक्षा विभाग के अधिकारी अभ्यर्थियों के सर्टिफिकेट की गहनता से जांच कर रहे हैं.
यह भी पढ़ें- शिक्षक के गले में जूता-चप्पल की माला, महिला टीचर बोली- घर पर अकेले बुलाते थे