जमुई: 'बचाव ही कोरोना का एकमात्र इलाज' का संदेश देने वाले स्वास्थ्य विभाग की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है. जिला यक्ष्मा केंद्र के लैब में शनिवार को ट्रूनेट मशीन से कोरोना सैंपल्स की जांच शुरू की गई. संक्रमण से बचाव के लिए लैब में कार्यरत टेक्नीशियनों की सुरक्षा की पूरी तरह से अनदेखी की गई. जानकारी के अनुसार ट्रूनेट मशीन पर जांच कर रहे कर्मचारियों को पीपीई किट तक मुहैया नहीं कराया गया.
गौरतलब है कि यक्ष्मा केंद्र में स्थापित ट्रूनेट मशीन में पहले दिन 16 सैंपल्स की जांच की गई. सैंपल जांच के लिए दो लैब टेक्नीशियन को लगाया गया है. पहले दिन मास्क और ग्लव्स लगाकर दो टेक्नीशियन सैंपल की जांच करते नजर आए. ऐसे में स्वास्थ्य कर्मियों में संक्रमण फैलने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. हालांकि, प्रवासियों की जांच के लिए बनी मेडिकल टीम द्वारा क्वारंटीन केंद्रों में जांच सैंपल लेने के दौरान पूरी तरह सुरक्षा बरती जा रही है.
टेक्नीशियन की सुरक्षा की अनदेखी
सदर अस्पताल के यक्ष्मा केंद्र लैब में तैनात टेक्नीशियन सुमित कुमार राम और संदीप कुमार ने बताया कि उन्हें पीपीई किट उपलब्ध नहीं कराया गया है. पहले दिन जल्दबाजी में सैंपल्स जांच शुरू करने के लिए उन्होंने ग्लव्स और मास्क का प्रयोग किया. बता दें कि शनिवार को टेक्नीशियनों को हेड कवर और जूता भी उपलब्ध नहीं कराया गया था. नतीजतन हम कह सकते हैं कि स्वास्थ्य विभाग अपने कर्मचारियों को लेकर तनिक भी संवेदनशील नहीं है.