जमुईः बिहार के जमुई में रफ्तार का कहर थमने का नाम ही नहीं ले रही है. यहां आए दिन कोई न कोई सड़क दुर्घटना होती रहती है और इसमें किसी न किसी को अपनी जान गंवानी पड़ती है. खासकर अवैध बालू का परिवहन (Illegal Sand Transportation in Jamui) करने वाले ट्रक और ट्रैक्टर तो सड़कों पर मौत लिये दौड़ती है. इसी कड़ी में जमुई में अवैध बालू लदे तेज रफ्तार ट्रैक्टर सवार ने स्कूल जा रहे बाप-बेटी को कुचल दिया. इस हादसे में पिता की मौके पर ही मौत हो गई और बेटी बाल-बाल बच गई. हादसे के बाद लोगों ने सड़क जाम (Road Jam after Accident in Jamui) कर दिया. यह घटना बरहट प्रखंड के गुगुलडीह गांव की है. मृतक की पहचान गुगुलडीह निवासी रविंद्र सिंह के रूप में की गई है.
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निजी स्कूल में शिक्षक था मरने वालाः रविंद्र सिंह कटौना गांव स्थित एक निजी स्कूल में शिक्षक थे. वह हर दिन की तरह बाइक पर सवार होकर अपनी बेटी अनु कुमारी के साथ कटौना स्तिथ ब्लैक डायमंड स्कूल जा रहे थे. बाइक जैसे ही गुगुलडीह चौक के पास पहुंची, पीछे से आ रही तेज रफ्तार ट्रैक्टर ने दोनों को कुचल दिया. इस दुर्घटना में रविंद्र सिंह की मौके पर मौत हो गई. वहीं 22 वर्षीय पुत्री अनु कुमारी मामूली रूप से घायल हो गई. अनु भी उसी स्कूल में शिक्षिका है.
स्कूल जाने के क्रम में हुआ हादसाः गुगुलडीह चौक के पास दुर्घटना के बाद ट्रैक्टर सवार ट्रैक्टर छोड़कर फरार हो गया. ट्रैक्टर पर अवैध बालू लदा था. इसके बाद अक्रोशित ग्रामीणों ने सड़क जाम कर दिया और जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की. तेज रफ्तार अवैध बालू लदे ट्रैक्टरों के परिचालन पर रोक लगाने की भी मांग की. इस हादसे के बाद मृतक के परिवार में कोहराम मच गया है.
ट्रैक्टर पर रजिस्ट्रेशन नंबर अंकित नहींः बालू लदे ट्रैक्टर से टक्कर मारने के बाद ट्रैक्टर चालक ट्रैक्टर को मौके पर छोड़कर फरार हो गया. शिक्षक की सड़क दुर्घटना में ट्रैक्टर से टक्कर लगने की सूचना पाकर स्थानीय ग्रामीण मौके पर पहुंच गए. घटनास्थल पर स्थानीय ग्रामीणों की भीड़ लग गई. सड़क दुर्घटना में शिक्षक की मौत के बाद शिक्षक के परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है. आपको बताते चलें कि ट्रैक्टर और ट्रैक्टर के डाले पर गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नंबर अंकित नहीं है. जिले में जितने भी ट्रैक्टर अवैध बालू परिवहन में लगे हैं. उसमें ज्यादातर ट्रैक्टर और उसके डाले में रजिस्ट्रेशन नंबर अंकित नहीं होता है. इससे अवैध बालू परिवहन में लगे ट्रैक्टर छोटी-मोटी दुर्घटनाओं में पकड़ में नहीं आ पाते हैं.