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जमुई: संसाधन की कमी से जूझ रहीं प्रतिभावान 'बेटियां' - Competitive exam preparation

जमुई जिले में प्रतिभा की कमी नहीं संसाधन की कमी से जूझ रही बेटियां पंख लगाकर उड़ना चाहती हैं. देश का नाम रौशन करना चाहती हैं. जिले का अधिकतर इलाका नक्सल प्रभावित, पिछड़ा और अति पिछड़ा है, लेकिन यहां प्रतिभा की कोई कमी नहीं है. समय-समय पर बेटियां कई क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाती रही हैं.

प्रतिभावान 'बेटियां'
प्रतिभावान 'बेटियां'
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Published : Dec 25, 2020, 7:45 PM IST

जमुई: जिले की बेटियां कई क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाती आई हैं और देश-विदेश में अपना नाम रोशन करती आ रही हैं. ईटीवी भारत ने फिटनेस प्रैक्टिस, प्रतियोगी परीक्षाओं को लेकर तैयारी और खेल के क्षेत्र में अपना भविष्य तलाशते ऐसे ही युवक और युवतियों से उनकी तैयारी और परेशानियों को लेकर बात की सभी ने एक सुर में संसाधनों की कमी को भविष्य का रोड़ा बताया.

जिलेभर में संसाधनों की कमी
युवक और युवतियों ने तैयारियों को लेकर बताया कि जिलेभर में कहीं कोई खास इंतजाम नहीं है. इस ओर प्रशासन, माननीय और सरकार का ध्यान नहीं है. अगर इस प्रकार की तैयारियों के लिए ग्राउंड, संसाधन की मदद मिले तो हमें भी आगे बढ़ने का मौका मिलेगा. ईटीवी भारत से बात करते हुए संगीता कुमारी, अमीषा और नीतू कुमारी ने बताया कि हम लोगों का बिहार पुलिस का रिजल्ट आने वाला है. फिटनेस प्रैक्टिस की तैयारी में लगे हैं.

फिटनेस की प्रैक्टिस में लगी बेटियां
फिटनेस की प्रैक्टिस में लगी बेटियां

निःशुल्क फिटनेस की ट्रेनिंग
कौशल कुमार गुप्ता खुद बीए की पढ़ाई के साथ-साथ खेल के क्षेत्र में कराटे में स्टेट और इंटरनेशनल स्तर पर गोल्ड और नेशनल स्तर पर सिल्वर जीत चुके हैं. ईटीवी भारत से बात करते हुए कौशल कुमार गुप्ता ने बताया कि कम संसाधन में ही किसी प्रकार छोटे ग्राउंड में लगभग 60 लड़की और 150 लड़कों को निःशुल्क फिटनेस की ट्रेनिंग दे रहे हैं. इनमें अधिकतर किसान और मध्यमवर्गीय परिवार से आते हैं.

संसाधन की कमी से जूझ रहीं बेटियां

श्रेयसी सिंह से काफी उम्मीदें
सभी युवक और युवतियां मैट्रिक, इंटर, बीए, एमए की पढ़ाई के साथ-साथ बिहार पुलिस, दारोगा, आर्मी, एसएससीजीडी, सीआरपीएफ और रेलवे ग्रुप की तैयारी के साथ-साथ खेल के क्षेत्र में भी आगे बढ़ना चाहती हैं. लेकिन संसाधन और अच्छे ग्राउंड की कमी खलती है. सभी को जमुई के नव निर्वाचित विधायक श्रेयसी सिंह खेल के क्षेत्र में जिले के खिलाड़ियों के लिए काम करेंगी. श्रेयसी सिंह खुद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निशानेबाजी में गोल्ड मेडल जीतकर देश का नाम रोशन कर चुकी हैं.

संसाधन की कमी से जूझ रहीं बेटियां
संसाधन की कमी से जूझ रहीं बेटियां

जिले में प्रतिभा की कमी नहीं
जमुई जिले का अधिकतर इलाका नक्सल प्रभावित और पिछड़ा है, लेकिन यहां प्रतिभा की कमी नहीं है. यहां की बेटियों ने कई क्षेत्र में न सिर्फ जिले का बल्कि राज्य और देश का भी नाम विदेशों में भी रोशन किया है. आज संसाधन की कमी से जूझते हुऐ बुलंद हौसले के साथ बेटियां पंख लगाकर उड़ना चाहती है.

जमुई: जिले की बेटियां कई क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाती आई हैं और देश-विदेश में अपना नाम रोशन करती आ रही हैं. ईटीवी भारत ने फिटनेस प्रैक्टिस, प्रतियोगी परीक्षाओं को लेकर तैयारी और खेल के क्षेत्र में अपना भविष्य तलाशते ऐसे ही युवक और युवतियों से उनकी तैयारी और परेशानियों को लेकर बात की सभी ने एक सुर में संसाधनों की कमी को भविष्य का रोड़ा बताया.

जिलेभर में संसाधनों की कमी
युवक और युवतियों ने तैयारियों को लेकर बताया कि जिलेभर में कहीं कोई खास इंतजाम नहीं है. इस ओर प्रशासन, माननीय और सरकार का ध्यान नहीं है. अगर इस प्रकार की तैयारियों के लिए ग्राउंड, संसाधन की मदद मिले तो हमें भी आगे बढ़ने का मौका मिलेगा. ईटीवी भारत से बात करते हुए संगीता कुमारी, अमीषा और नीतू कुमारी ने बताया कि हम लोगों का बिहार पुलिस का रिजल्ट आने वाला है. फिटनेस प्रैक्टिस की तैयारी में लगे हैं.

फिटनेस की प्रैक्टिस में लगी बेटियां
फिटनेस की प्रैक्टिस में लगी बेटियां

निःशुल्क फिटनेस की ट्रेनिंग
कौशल कुमार गुप्ता खुद बीए की पढ़ाई के साथ-साथ खेल के क्षेत्र में कराटे में स्टेट और इंटरनेशनल स्तर पर गोल्ड और नेशनल स्तर पर सिल्वर जीत चुके हैं. ईटीवी भारत से बात करते हुए कौशल कुमार गुप्ता ने बताया कि कम संसाधन में ही किसी प्रकार छोटे ग्राउंड में लगभग 60 लड़की और 150 लड़कों को निःशुल्क फिटनेस की ट्रेनिंग दे रहे हैं. इनमें अधिकतर किसान और मध्यमवर्गीय परिवार से आते हैं.

संसाधन की कमी से जूझ रहीं बेटियां

श्रेयसी सिंह से काफी उम्मीदें
सभी युवक और युवतियां मैट्रिक, इंटर, बीए, एमए की पढ़ाई के साथ-साथ बिहार पुलिस, दारोगा, आर्मी, एसएससीजीडी, सीआरपीएफ और रेलवे ग्रुप की तैयारी के साथ-साथ खेल के क्षेत्र में भी आगे बढ़ना चाहती हैं. लेकिन संसाधन और अच्छे ग्राउंड की कमी खलती है. सभी को जमुई के नव निर्वाचित विधायक श्रेयसी सिंह खेल के क्षेत्र में जिले के खिलाड़ियों के लिए काम करेंगी. श्रेयसी सिंह खुद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निशानेबाजी में गोल्ड मेडल जीतकर देश का नाम रोशन कर चुकी हैं.

संसाधन की कमी से जूझ रहीं बेटियां
संसाधन की कमी से जूझ रहीं बेटियां

जिले में प्रतिभा की कमी नहीं
जमुई जिले का अधिकतर इलाका नक्सल प्रभावित और पिछड़ा है, लेकिन यहां प्रतिभा की कमी नहीं है. यहां की बेटियों ने कई क्षेत्र में न सिर्फ जिले का बल्कि राज्य और देश का भी नाम विदेशों में भी रोशन किया है. आज संसाधन की कमी से जूझते हुऐ बुलंद हौसले के साथ बेटियां पंख लगाकर उड़ना चाहती है.

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