जमुई: आयुष्मान भारत योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है. लेकिन जमुई सदर अस्पताल में इस योजना का इस्तेमाल गलत तरीके से कर वित्तीय अनियमितता करने का मामला प्रकाश में आया है.
आयुष्मान भारत कार्ड पर दूसरे मरीजों का किया गया डायलिसिस
आयुष्मान भारत योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर खासकर बीपीएल कार्डधारक लोगों को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराई जाती है. जिले के सदर अस्पताल में मुंबई के बी ब्राउन संस्था की ओर से संचालित डायलिसिस सेंटर में आयुष्मान भारत कार्ड पर दूसरे मरीजों की डायलिसिस कर दी गई है. साथ ही उन लोगों की स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ डायलिसिस सेंटर चलाने वाली एजेंसी ने ले लिया है.
सरकार से मिलने वाली राशि लेकर एजेंसी ने की वित्तीय अनिमितता
बताया जाता है कि एजेंसी ने 2 दर्जन से अधिक किडनी रोग से ग्रसित मरीजों का महीने में दो बार डायलिसिस करवाया. इसके बाद सरकार से मिलने वाली राशि लेकर एजेंसी ने वित्तीय अनियमितता की. सरकार कंपनी को एक मरीज की डायलिसिस करने पर 1 हजार 666 रुपए देती है. इस मामले में बिहार राज्य स्वास्थ्य रक्षा समिति ने सिविल सर्जन को इसकी सूचना देकर जांच कराने का निर्देश दिया है.
कैमरे से बचता नजर आया बी ब्राउन एजेंसी का कर्मी
मामले की पड़ताल करने गई ईटीवी भारत की टीम को देखकर बी ब्राउन एजेंसी के कर्मी फरार हो गए. ईटीवी भारत की टीम सदर अस्पताल की तीसरी मंजिल पर बने डायलिसिस केंद्र पहुंची. वहां मौजूद बी ब्राउन एजेंसी का एक कर्मचारी ईटीवी भारत के कैमरे से बचता नजर आया. जब टीम ने उसका पीछा किया तो वह मौके से फरार हो गया.
वित्तीय अनियमितता की जांच के लिए टीम गठित
इस मामले में सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ सैयद नौशाद अहमद ने बताया कि वित्तीय अनियमितता की जांच के लिए टीम गठित कर दी गई है. ये टीम डायलिसिस के लिए आने वाले मरीज और आयुष्मान कार्ड धारक को चिन्हित कर अब तक किए गए भुगतान की जांच कर रही है. फिलहाल जांच रिपोर्ट आना बाकी है.
एजेंसी के 3 महीने का भुगतान रुका
सूत्रों का कहना है कि डायलिसिस सेंटर कर्मियों ने गलत तरीके से आयुष्मान भारत योजना के तहत लाखों का लाभ लिया है. जानकारी के बाद अस्पताल अधीक्षक ने एजेंसी के 3 महीने का भुगतान रोक दिया है. साथ ही जांच के बाद कार्रवाई की बात भी कही है.