जमुई: दीपावली के पर्व में महज अब कुछ दिन ही बचे हुए हैं. ऐसे मे लोग घरों की साफ-सफाई के साथ रंग-रोगन के कार्य को लेकर परेशान हैं. जिले में रंग-रोगन करने वाले मजदूर बीते वर्ष इतने मिल रहे थे कि मजदूरो की चांदी ही चांदी रही, लेकिन इस बार मजदूर न कई घरों के पूरे परिवार अपने घर को चमकाने के लिये स्वयं लग गए हैं.
मजदूर नहीं मिलने से स्वयं कर रहे रंग-रोगन का काम
रंग-रोगन करवाने वाले लोगों ने बताया कि भाग दौड़ की जिंदगी में पहले मजदूर को रखकर मकान, दुकान आदि रंगवा लेते थे. इस वर्ष खोजने से भी मजदूर नहीं मिल रहे हैं. एक दो मजदूर मिल भी रहे है तो मजदूरी महंगा बता रहे हैं.मजबूरन हाथों में ब्रश-पेंट उठाकर अपने से ही किसी तरह रंग-रोगन का कार्य करना पड़ रहा है.
पर्व के कारण महंगी मजदूरी
एक दो मजदूरों से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि कोरोना काल में दैनिक कार्यो पर मानो तो ग्रहण ही लग गया है. काम की तलाश में इधर-उधर भटकना पड़ रहा है. इसके कारण घर की आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं है. ऐसे में घरों में दीपावली और छठ पूजा भी सामने है, यदि अच्छी कमाई नहीं हुई तो इन दोनों पर्व को मना पाना संभव नहीं हो सकेगा.
मजदूरों ने किया पलायन
झाझा ग्रामीण क्षेत्र के लोग अन्य प्रदेशों में रहकर रोजगार करते हैं. पहले लोग दुर्गा पूजा में अपने घर आते थे तो, वे घरों पर रहकर रंग-रोगन का कार्य भी कर लिया करते थे. लेकिन इस बार कोरोना काल के डर से अपने घर पर इस उम्मीद से आए थे कि उन्हें रोजगार मिल जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इसके कारण मजदूर रोजगार की तलाश मे अन्य प्रदेशों में काम के लिये पलायन कर गए.
हार्डवेयर दुकान पर पड़ा गहरा असर
हार्डवेयर दुकानदारों ने भी बताया कि इस बार महंगे दामों में अच्छे किस्म के रंग मंगवाया, लेकिन दुकानदारी फीकी साबित हो रही है. उन्होने बताया कि प्रखंड क्षेत्र में मजदूर की कमी होने से हार्डवेयर दुकान की बिक्री पर गहरा असर पड़ा है.