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जमुई के कटौना रेलवे हॉल्ट पर ट्रेनों के ठहराव को लेकर प्रदर्शन - कटौना रेलवे हॉल्ट पर ट्रेनों के ठहराव की मांग

जमुई के कटौना रेलवे हॉल्ट पर ट्रेनों के ठहराव की मांग (Demand for stoppage trains at Katauna railway halt) को लेकर स्थानीय लोग प्रदर्शन कर रहे हैं. रविवार को रेलवे प्रशासन को जैसे ही खबर लगी की लोगों की भीड़ ट्रेन को रोक सकती है. वहां पर बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती कर दी गई. पढ़ें पूरी खबर.

ट्रेन की ठहराव की मांग को लेकर प्रदर्शन
ट्रेन की ठहराव की मांग को लेकर प्रदर्शन
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Published : Nov 13, 2022, 11:02 PM IST

जमुई: बिहार के जमुई जिले के जमुई और झाझा रेलवे स्टेशन के बीच कटौना रेलवे हॉल्ट (Katuna Railway Halt In Jamui) पर कोरोना काल से 13 ट्रेनों का ठहराव होता था. लेकिन कोरोना काल में कई ट्रैनों का ठहराव बंद हो गया, जो अबतक चालू नहीं हुआ है. स्थानीय लोग लगातार इन ट्रेनों की ठहराव की मांग कर रहे हैं. रविवार को लोगों ने ट्रेन की ठहराव को महा प्रदर्शन किया. प्रदर्शन को देखते हुए प्रशासन द्वारा बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई.

ये भी पढे़ं- मसौढ़ी के लोगों के लिए खुशखबरी, पटना-गया रेलखंड के तिनेरी हॉल्ट पर मेमू ट्रेन का ठहराव शुरू

कटौना रेलवे हॉल्ट पर 13 ट्रेनों का था ठहराव: कोरोना काल से पहले कटौना हॉल्ट पर 13 ट्रेनों का ठहराव था, जिसे कोरोना काल में हटा लिया गया. अब फिर से उक्त सभी ट्रेनों के ठहराव को बहाल कराने की मांग को लेकर भ्रष्टाचार मुक्ति मोर्चा के बैनर तले बड़ी संख्या में ग्रामीण युवा बुजुर्ग प्रत्येक रविवार को धरणा प्रदर्शन कर रहे हैं.

ट्रेन के ठहराव की मांग को लेकर प्रदर्शन: रविवार को झाझा आरपीएफ को जैसे ही सूचना मिली की बड़े संख्या में कटौना हॉल्ट पर मौजूद प्रदर्शनकारी रेल को भी रोक सकते हैं, तत्काल आरपीएफ असिस्टेंट हीरा सिंह के नेतृत्व में बड़ी संख्या में आरपीएफ जवानों को तैनात कर दिया. उक्त हॉल्ट और आसपास के रेल लाइनों के पास जिससे ट्रेनों के परिचालन में व्यावधान तो नहीं पड़ा, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने कहा कि अगर उनकी मांगों को नहीं माना जाएगा तो वे लोग रेल रोकेंगे. लोगों ने कहा कि 'जान चली जाऐ, लेकिन हम इस हॉल्ट को नहीं गवां सकते.'

"अटल जी की सरकार में क्षेत्रीय सांसद दिवंगत नेता दिग्विजय सिंह रेल राज्य मंत्री बने थे, उस समय क्षेत्र की जनता के बीच आकंक्षा जगी थी और मांग पर कटौना रेल हॉल्ट बनाया गया था. 2020 से कटौना हॉल्ट पर ट्रेनों का ठहराव खत्म कर दिया गया है. इस हॉल्ट को फिर से चालू किया जाय. पूर्व में यहां 13 ट्रेनों का ठहराव था, उसे फिर से बहाल किया जाय. इसी बात को लेकर बड़े संख्या में लोग कटौना हॉल्ट पर धरणा प्रदर्शन कर रहे हैं. किसी भी हालत में हम उक्त हॉल्ट को गवां नहीं सकते हैं. जान गवां सकते है लेकिन हॉल्ट नहीं. इस संबंध में जमुई विधायक श्रेयसी सिंह विधानसभा में भी प्रश्न उठा चुकी है. रेलमंत्री से भी मिल चुकी हैं. रेल प्रशासन से भी हम लगातार मांग कर रहे हैं. जनता में खासकर युवाओं में काफी आक्रोश है, ट्रेनों का ठहराव खत्म किऐ जाने से. अगर हमारी मांग नहीं पूरी की गई तो हमलोग धरणा प्रदर्शन तो कर ही रहे हैं. रेल को भी रोकेंगे. उस स्तर पर भी जल्द ही जा सकते हैं."- चंद्रचूड़ सिंह, जिलाध्यक्ष, राष्ट्रीय भ्रष्टाचार मुक्ति मोर्चा

"भ्रष्टाचार मुक्ति मोर्चा संगठन के द्वारा कटौना रेलवे हॉल्ट पर ट्रेनों के ठहराव को लेकर प्रत्येक रविवार को धरणा प्रदर्शन किया जा रहा है. लोगों के द्वारा कहा जा रहा है कि कटौना रेलवे हॉल्ट पर पहले कई ट्रेनों का ठहराव था लेकिन कोरोना काल में यहां ट्रेनों का ठहराव खत्म कर दिया गया. लोगों का कहना है की ट्रेनों का ठहराव फिर से बहाल किया जाए. ऐसी सूचना मिल रही थी कि आज ये लोग धरणा प्रदर्शन करते हुऐ रेल को भी रोक सकते हैं. इसी सूचना पर बड़ी संख्या में आरपीएफ और पुलिस बल को तैनात किया गया था, ताकि ट्रेनों के आवागमन में किसी तरह की बाधा न पहुंचे. सुरक्षा के दृष्टिकोण से बल लगाया गया था."- हीरा सिंह, असिस्टेंड कमांडेंट, आरपीएफ, झाझा

ये भी पढ़ें- पटना: अब हरदास बीघा रुकेगी मोकामा फास्ट ट्रेन, रविशंकर प्रसाद ने दिखाई लाल झंडी

जमुई: बिहार के जमुई जिले के जमुई और झाझा रेलवे स्टेशन के बीच कटौना रेलवे हॉल्ट (Katuna Railway Halt In Jamui) पर कोरोना काल से 13 ट्रेनों का ठहराव होता था. लेकिन कोरोना काल में कई ट्रैनों का ठहराव बंद हो गया, जो अबतक चालू नहीं हुआ है. स्थानीय लोग लगातार इन ट्रेनों की ठहराव की मांग कर रहे हैं. रविवार को लोगों ने ट्रेन की ठहराव को महा प्रदर्शन किया. प्रदर्शन को देखते हुए प्रशासन द्वारा बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई.

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कटौना रेलवे हॉल्ट पर 13 ट्रेनों का था ठहराव: कोरोना काल से पहले कटौना हॉल्ट पर 13 ट्रेनों का ठहराव था, जिसे कोरोना काल में हटा लिया गया. अब फिर से उक्त सभी ट्रेनों के ठहराव को बहाल कराने की मांग को लेकर भ्रष्टाचार मुक्ति मोर्चा के बैनर तले बड़ी संख्या में ग्रामीण युवा बुजुर्ग प्रत्येक रविवार को धरणा प्रदर्शन कर रहे हैं.

ट्रेन के ठहराव की मांग को लेकर प्रदर्शन: रविवार को झाझा आरपीएफ को जैसे ही सूचना मिली की बड़े संख्या में कटौना हॉल्ट पर मौजूद प्रदर्शनकारी रेल को भी रोक सकते हैं, तत्काल आरपीएफ असिस्टेंट हीरा सिंह के नेतृत्व में बड़ी संख्या में आरपीएफ जवानों को तैनात कर दिया. उक्त हॉल्ट और आसपास के रेल लाइनों के पास जिससे ट्रेनों के परिचालन में व्यावधान तो नहीं पड़ा, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने कहा कि अगर उनकी मांगों को नहीं माना जाएगा तो वे लोग रेल रोकेंगे. लोगों ने कहा कि 'जान चली जाऐ, लेकिन हम इस हॉल्ट को नहीं गवां सकते.'

"अटल जी की सरकार में क्षेत्रीय सांसद दिवंगत नेता दिग्विजय सिंह रेल राज्य मंत्री बने थे, उस समय क्षेत्र की जनता के बीच आकंक्षा जगी थी और मांग पर कटौना रेल हॉल्ट बनाया गया था. 2020 से कटौना हॉल्ट पर ट्रेनों का ठहराव खत्म कर दिया गया है. इस हॉल्ट को फिर से चालू किया जाय. पूर्व में यहां 13 ट्रेनों का ठहराव था, उसे फिर से बहाल किया जाय. इसी बात को लेकर बड़े संख्या में लोग कटौना हॉल्ट पर धरणा प्रदर्शन कर रहे हैं. किसी भी हालत में हम उक्त हॉल्ट को गवां नहीं सकते हैं. जान गवां सकते है लेकिन हॉल्ट नहीं. इस संबंध में जमुई विधायक श्रेयसी सिंह विधानसभा में भी प्रश्न उठा चुकी है. रेलमंत्री से भी मिल चुकी हैं. रेल प्रशासन से भी हम लगातार मांग कर रहे हैं. जनता में खासकर युवाओं में काफी आक्रोश है, ट्रेनों का ठहराव खत्म किऐ जाने से. अगर हमारी मांग नहीं पूरी की गई तो हमलोग धरणा प्रदर्शन तो कर ही रहे हैं. रेल को भी रोकेंगे. उस स्तर पर भी जल्द ही जा सकते हैं."- चंद्रचूड़ सिंह, जिलाध्यक्ष, राष्ट्रीय भ्रष्टाचार मुक्ति मोर्चा

"भ्रष्टाचार मुक्ति मोर्चा संगठन के द्वारा कटौना रेलवे हॉल्ट पर ट्रेनों के ठहराव को लेकर प्रत्येक रविवार को धरणा प्रदर्शन किया जा रहा है. लोगों के द्वारा कहा जा रहा है कि कटौना रेलवे हॉल्ट पर पहले कई ट्रेनों का ठहराव था लेकिन कोरोना काल में यहां ट्रेनों का ठहराव खत्म कर दिया गया. लोगों का कहना है की ट्रेनों का ठहराव फिर से बहाल किया जाए. ऐसी सूचना मिल रही थी कि आज ये लोग धरणा प्रदर्शन करते हुऐ रेल को भी रोक सकते हैं. इसी सूचना पर बड़ी संख्या में आरपीएफ और पुलिस बल को तैनात किया गया था, ताकि ट्रेनों के आवागमन में किसी तरह की बाधा न पहुंचे. सुरक्षा के दृष्टिकोण से बल लगाया गया था."- हीरा सिंह, असिस्टेंड कमांडेंट, आरपीएफ, झाझा

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