जमुई: जिले के सदर अस्पताल में एक गर्भवती महिला के परिजनों ने जमकर हंगामा किया. परिजनों का आरोप है कि अल्ट्रासाउंड, जांच और दवाई के लिए बाहर जाना पड़ता है. एक महिला डॉक्टर के सहारे 100 बेड का सरकारी अस्पताल चलाया जा रहा है. डॉक्टर रहने की कमी की वजह से इलाज में देरी होती है, ऊपर से डॉक्टर अपनी मर्जी के मुताबिक इलाज करते हैं. जिसकी वजह से मरीजों को काफी परेशानी होती है.
'डॉक्टर ने इलाज से किया इंकार'
परिजनों ने बताया कि शुक्रवार को लखीसराय से गर्भवती महिला को जमुई सदर अस्पताल में भर्ती कराया था. उन्होंने बताया कि रातभर दर्द से महिला तड़पती रही, बावजूद इसके शनिवार की सुबह तक डॉक्टर ने उसका इलाज नहीं किया. जिसके बाद हालत गंभीर होने पर महिला के परिजनों ने निजी क्लिनिक में भर्ती कराया. परिजनों का आरोप है कि जब डॉक्टर के पास जाकर बोला गया कि गर्भवती महिला दर्द से तड़प रही है, एक बार जांच कर लीजिए. तो इतना सुनते ही डॉक्टर आगबबूला होकर चिल्लाने लगी. उन्होंने कहा कि जाओ यहां से यहां तुम्हारा इलाज नहीं होगा.
दोषियों पर होगी कार्रवाई- सिविल सर्जन
पूरे मामले पर जब ईटीवी भारत ने सदर अस्पताल के सिविल सर्जन से पूछा तो उन्होंने कहा कि हमें इस बात की सूचना नहीं मिली थी. दरअसल स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय जमुई आ रहे हैं, इस कारण व्यस्तता चल रही है. लेकिन हम इस मामले की जांच करेंगे. जिसने भी लापरवाही की है उस पर कड़ी कार्रवाई होगी. सर्जन ने कहा कि कर्मियों की घोर कमी है, इस वजह से इलाज करने में परेशानी हो रही है.