जमुई: बिहार के जमुई में बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था की (Bad health system in Jamui) एक और बानगी देखने को मिला. जमुई सदर अस्पताल में एक व्यक्ति को इलाज के लिए परिजन ठेले पर लेकर जमुई सदर अस्पताल पहुंचे. ठेले पर मरीज को अस्पताल लेकर आने की बात तो समझ में आता है, लेकिन उसके बाद जो हुआ वह हैरान करने वाला है. सदर अस्पताल पहुंचने पर चिकित्सकों ने इमरजेंसी कक्ष के बाहर ही ठेले पर ही मरीज का इलाज किया गया. फिर उसे मृत घोषित कर बिना एंबुलेंस के ठेले पर ही घर भेज दिया गया.
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परिजन ठेले से लेकर पहुंचे अस्पतालः मृतक के परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार जमुई सदर प्रखंड के हारदी गांव के राजो मांझी की तबीयत अचानक बिगड़ गई. उसे चिंताजनक हाल में उसकी पत्नी ठेले पर लेकर सदर अस्पताल पहुंचे. यहां ठेले पर ही सदर अस्पताल के डॉक्टर ने इलाज किया और ठेले पर ही उसकी मौत हो गई. फिर ठेले से ही परिजन राजो मांझी के शव को लेकर घर चले गए. परिजनों ने बताया कि एंबुलेंस के लिए 102 पर डायल किया था लेकिन नहीं मिला. मजबूरन ठेले पर मरीज को लाना पड़ा.
"मरीज को ठेले पर लेकर रविवार को सदर अस्पताल पहुंचे थे. ठेले पर ही डॉक्टर ने चेक किया मौत के बाद शव को ले जाने के लिए एंबुलेंस की मांग की गई, लेकिन दो एंबुलेंस होने के बावजूद एंबुलेंस नहीं दी गयी. आप खुद एंबुलेंस वाले से बात कर लीजिए. तब शव को भी ठेले से ले जाया गया."-पीड़ित
एडमिट किये बिना ठेले पर ही हुआ इलाजः अब इस घटना के बाद ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि क्या मरीज को अस्पताल के अंदर नहीं ले जाना चाहिए था? क्या मरने के बाद अस्पताल प्रशासन को एम्बुलेंस से शव नहीं भेजना चाहिए था? बहरहाल सवाल तो कई हैं, लेकिन जवाब हर बार एक सा ही आता है कि जांच कर कार्रवाई की जाएगी. लिहाजा बार-बार अस्पताल के बदहाली की तस्वीर सामने आती है लेकिन न तो अस्पताल की व्यवस्था सुधर रही है और न अस्पतालकर्मियों और चिकित्सकों का रवैया. इस मामले में अस्पताल प्रबंधन की प्रतिक्रिया आना बाकी है.