जमुई: जिले के सदर अस्पताल में प्रसव के दौरान नवजात की मौत हो गयी. घटना के बाद परिजनों ने अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया. पूरी घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस और सदर अस्पताल के डीएस मौके पर पहुंचे. वहीं, पीड़ित समरजीत सिंह ने अस्पताल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की बात कही है.
'अस्पताल प्रंबधन की लापरवाही के कारण गई जान'
प्रसूति के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि नवजात बच्चे की मौत का जिम्मेदार डॉक्टर और अस्पताल के कर्मचारी हैं. प्रसूति के पति समरजीत ने बताया कि डॉक्टर रीता ने जब प्रसूति का चेकअप किया तो बताया कि प्रसव दो दिन के बाद होगा. दो दिन बाद डॉक्टर कविता ने देख पर बताया कि 2-4 घंटे में प्रसव हो जाएगा. लेकिन 4 घंटे बाद प्रसव के दौरान नवजात की मौत हो गयी.
'सरकारी अस्पताल में देने पड़ते हैं दवाई के पैसे'
समरजीत ने डॉक्टर कविता पर आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि डॉ. कविता के कहने पर सरकारी अस्पताल में भी दवा के लिए पैसे देने पड़े. रात के एक बजे प्रसव पीड़ा होने पर उन्होंने कहा कि प्रसव 2 घंटे बाद होगा. 2 घंटे के बाद जाने पर प्रसूति को भर्ती कर लिया गया. अचानक 4 बजकर 40 मिनट पर नर्स ने बाहर आकर बताया कि बच्चा मृत पैदा हुआ है.
डीएस ने दिया जांच का आश्वासन
सदर अस्पताल के डीएस सैयद नौशाद अहमद का कहना है कि लापरवाही हुई है. लेकिन स्टाफ जो जानकारी दे रहा है उसपर भी विश्वास करना पड़ेगा. अगर लापरवाही हुई है तो जांच होगी और दोषियों पर कार्रवाई होगी. बता दें कि पिछले दो से तीन दिनों में सदर अस्पताल में प्रसव के दौरान तीन नवजात की जान जा चुकी है.