जमुईः पूर्व कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह ने सरकार पर उपेक्षापूर्ण नीति अपनाने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि जिले के कुछ प्रखंड और उनमें भी कुछ पंचायतों को सरकार ने सूखाग्रस्त घोषित किया, लेकिन इसी जमुई के दो प्रखंड खैरा और चकाई को मनमाने ढंग से छोड़ दिया. जबकि ये दो प्रखंड भी सूखा से प्रभावित हैं.
'प्रदेश में अकाल'
दरअसल, बुधवार को खैरा प्रखंड के किसान प्रखंड मुख्यालय पर अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे थे. नरेंद्र सिंह इसी आंदोलन को समर्थन देने पहुंचे थे. यहां नरेंद्र सिंह सरकार के काम-काज को लेकर खफा थे. उन्होंने कहा कि आधा बिहार बाढ़ और आधा सुखाड़ का दंश झेल रहा है. मैं मानता हूं कि यह प्राकृतिक आपदाएं हैं लेकिन सरकार और अधिकारियों की नाकामी की वजह से सम्पूर्ण बिहार आज अभाव और अकाल के गाल में चला गया है.
'किसानों का भला करे सरकार'
खैरा प्रखंड को सूखाग्रस्त क्षेत्र घोषित नहीं करने के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों को बल देने पहुंचे पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह ने कहा कि अधिकारियों ने ठीक से प्रतिवेदन नहीं किया. प्रतिवेदन में जो त्रुटि रह गई है सरकार उसमें सुधार करे. जिससे किसानों का भला होगा. उन्होंने कहा कि आज किसानों की स्थिति बहुत खराब है. सरकार को इनकी मदद करनी चाहिए.
'सस्ती दर पर कर्ज दे सरकार'
नरेंद्र सिंह ने बताया कि सूखे की वजह से किसानों की फसल खराब हो गई. अब इनके पास खेती करने के लिए पूंजी नहीं है. इसलिए इनकी मांग है कि सरकार इलाके को अकाल क्षेत्र घोषित करे, खेतों पर मुफ्त में बिजली पहुंचाई जाए, खेतों पर सरकार नलकूप लगवाए और किसानों को सस्ती दर पर कर्ज दिए जाएं ताकि ये आगे खेती कर सकें. उन्होंने कहा कि किसानों की मांग पूरी होने तक मैं इनके साथ संघर्ष करूंगा.