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जमुई: किसानों के आंदोलन में पहुंचे नरेंद्र सिंह, सरकार पर लगाया उपेक्षा का आरोप

नरेंद्र सिंह ने कहा कि सूखे की वजह से किसानों का फसल खराब हो गया. सरकार इलाके को अकाल क्षेत्र घोषित करे. अब इनके पास खेती करने के लिए पूंजी नहीं है. इन्हें सस्ती दर पर कर्ज मिलना चाहिए.

जमुई
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Published : Sep 26, 2019, 11:40 AM IST

जमुईः पूर्व कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह ने सरकार पर उपेक्षापूर्ण नीति अपनाने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि जिले के कुछ प्रखंड और उनमें भी कुछ पंचायतों को सरकार ने सूखाग्रस्त घोषित किया, लेकिन इसी जमुई के दो प्रखंड खैरा और चकाई को मनमाने ढंग से छोड़ दिया. जबकि ये दो प्रखंड भी सूखा से प्रभावित हैं.

'प्रदेश में अकाल'
दरअसल, बुधवार को खैरा प्रखंड के किसान प्रखंड मुख्यालय पर अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे थे. नरेंद्र सिंह इसी आंदोलन को समर्थन देने पहुंचे थे. यहां नरेंद्र सिंह सरकार के काम-काज को लेकर खफा थे. उन्होंने कहा कि आधा बिहार बाढ़ और आधा सुखाड़ का दंश झेल रहा है. मैं मानता हूं कि यह प्राकृतिक आपदाएं हैं लेकिन सरकार और अधिकारियों की नाकामी की वजह से सम्पूर्ण बिहार आज अभाव और अकाल के गाल में चला गया है.

पूर्व कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह का बयान

'किसानों का भला करे सरकार'
खैरा प्रखंड को सूखाग्रस्त क्षेत्र घोषित नहीं करने के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों को बल देने पहुंचे पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह ने कहा कि अधिकारियों ने ठीक से प्रतिवेदन नहीं किया. प्रतिवेदन में जो त्रुटि रह गई है सरकार उसमें सुधार करे. जिससे किसानों का भला होगा. उन्होंने कहा कि आज किसानों की स्थिति बहुत खराब है. सरकार को इनकी मदद करनी चाहिए.

जमुई
आंदोलन में शामिल किसान

'सस्ती दर पर कर्ज दे सरकार'
नरेंद्र सिंह ने बताया कि सूखे की वजह से किसानों की फसल खराब हो गई. अब इनके पास खेती करने के लिए पूंजी नहीं है. इसलिए इनकी मांग है कि सरकार इलाके को अकाल क्षेत्र घोषित करे, खेतों पर मुफ्त में बिजली पहुंचाई जाए, खेतों पर सरकार नलकूप लगवाए और किसानों को सस्ती दर पर कर्ज दिए जाएं ताकि ये आगे खेती कर सकें. उन्होंने कहा कि किसानों की मांग पूरी होने तक मैं इनके साथ संघर्ष करूंगा.

जमुईः पूर्व कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह ने सरकार पर उपेक्षापूर्ण नीति अपनाने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि जिले के कुछ प्रखंड और उनमें भी कुछ पंचायतों को सरकार ने सूखाग्रस्त घोषित किया, लेकिन इसी जमुई के दो प्रखंड खैरा और चकाई को मनमाने ढंग से छोड़ दिया. जबकि ये दो प्रखंड भी सूखा से प्रभावित हैं.

'प्रदेश में अकाल'
दरअसल, बुधवार को खैरा प्रखंड के किसान प्रखंड मुख्यालय पर अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे थे. नरेंद्र सिंह इसी आंदोलन को समर्थन देने पहुंचे थे. यहां नरेंद्र सिंह सरकार के काम-काज को लेकर खफा थे. उन्होंने कहा कि आधा बिहार बाढ़ और आधा सुखाड़ का दंश झेल रहा है. मैं मानता हूं कि यह प्राकृतिक आपदाएं हैं लेकिन सरकार और अधिकारियों की नाकामी की वजह से सम्पूर्ण बिहार आज अभाव और अकाल के गाल में चला गया है.

पूर्व कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह का बयान

'किसानों का भला करे सरकार'
खैरा प्रखंड को सूखाग्रस्त क्षेत्र घोषित नहीं करने के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों को बल देने पहुंचे पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह ने कहा कि अधिकारियों ने ठीक से प्रतिवेदन नहीं किया. प्रतिवेदन में जो त्रुटि रह गई है सरकार उसमें सुधार करे. जिससे किसानों का भला होगा. उन्होंने कहा कि आज किसानों की स्थिति बहुत खराब है. सरकार को इनकी मदद करनी चाहिए.

जमुई
आंदोलन में शामिल किसान

'सस्ती दर पर कर्ज दे सरकार'
नरेंद्र सिंह ने बताया कि सूखे की वजह से किसानों की फसल खराब हो गई. अब इनके पास खेती करने के लिए पूंजी नहीं है. इसलिए इनकी मांग है कि सरकार इलाके को अकाल क्षेत्र घोषित करे, खेतों पर मुफ्त में बिजली पहुंचाई जाए, खेतों पर सरकार नलकूप लगवाए और किसानों को सस्ती दर पर कर्ज दिए जाएं ताकि ये आगे खेती कर सकें. उन्होंने कहा कि किसानों की मांग पूरी होने तक मैं इनके साथ संघर्ष करूंगा.

Intro:जमुई " सरकार ने उपेक्षापूर्ण नीति अपनाई है कुछ जिले और जिले के कुछ प्रखंड और प्रखंडों के कुछ पंचायत को सरकार ने सूखाग्रस्त क्षेत्र धोषित किया लेकिन इसी जमुई जिले में दो प्रखंड खैरा और चकाई को मनमाने ढंग से छोड़ दिया जबकि ये दो प्रखंड ज्यादा सूखा से प्रभावित है इसलिए आज खैरा प्रखंड के किसान प्रखंड मुख्यालय पर अपनी मांगों को लेकर धरणा प्रदर्शन कर रहे है मुझकों भी इनके समर्थन में बैठना पड़ा " --- पूर्व कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह


Body:जमुई " निकम्मी है सरकार और निकम्मे है इनके अधिकारी सम्पूर्ण बिहार आज आभाव और आकाल के गाल में चला गया है खैरा प्रखंड मुख्यालय पर अपने मांगो के समर्थन में धरणा प्रदर्शन कर रहे किसानों को अपना समर्थन देने पहुंचे पूर्व कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह ने ये बातें कहीं

जमुई " सरकार ने उपेक्षापूर्ण नीति अपनाई है कुछ जिले और जिले के कुछ प्रखंड और प्रखंडों के कुछ पंचायत को सरकार ने सूखाग्रस्त क्षेत्र धोषित किया लेकिन इसी जमुई जिले में दो प्रखंड खैरा और चकाई को मनमाने ढंग से छोड़ दिया जबकि ये दो प्रखंड ज्यादा सूखा से प्रभावित है इसलिए आज खैरा प्रखंड के किसान प्रखंड मुख्यालय पर अपनी मांगों को लेकर धरणा प्रदर्शन कर रहे है मुझकों भी इनके समर्थन में बैठना पड़ा " --- पूर्व कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह "

जमुई आज खैरा ब्लॉक पर किसानों ने पूरे खैरा प्रखंड को सुखाग्रस क्षेत्र धोषित नहीं किए जाने को लेकर धरणा प्रदर्शन किया मौके पर समर्थन देने पहुंचे पूर्व कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह ने कहा सरकार का निकम्मापन है उनके अधिकारियों का निकम्मापन है की उनहोनें प्रतिवेदन ठीक से नहीं दिया उसे ठीक कर किसानों का ' भला करे सरकार ' सरकार ने खुद महसूस किया है बिहार में सुखाड़ है आधे में बाढ़ आधे में सुखाड़ सम्पूर्ण बिहार आज आकाल के गाल में चला गया है सरकार ने उपेक्षापूर्ण नीति अपनाई है की कुछ जिले और जिलों में कुछ प्रखंड और प्रखंडों में कुछ पंचायत को सरकार ने सुखाग्रस धोषित किया है लेकिन इसी जमुई जिले में दो प्रखंड खैरा और चकाई जहां ज्यादा सुखा है उसे छोड़ दिया इस कारण आज पूरे खैरा प्रखंड के किसान प्रखंड मुख्यालय पर धरणा प्रदर्शन कर रहे है " मुझको भी इनके समर्थन में बैठना पड़ा ये लोग हमारे परिवार हमारे धर के है "

किसानों की स्थिति आज बहुत ही दयनीय है रोपा खत्म मोरी जल गई अगले फसल के लिए भी इनके पास पूंजी नहीं है इसलिए ये अपने इलाके को आकाल क्षेत्र धोषित की मांग के लिए आज विशाल धरणा और प्रदर्शन कर रहे है मैं इनके बीच तबतक रहूंगा संघर्ष करता रहूंगा जबतक किसानों की मांग पूरी नहीं हो जाती है इसके सिवा मेरे जीवन का और कोई लक्ष नहीं है किसानों को खुशी सम्पन्न खुशहाल देखने तक अनवरत संघर्ष जारी रहेगा

मांगे
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तात्कालिक मांग --- खैरा और चकाई को सुखाड़ क्षेत्र धोषित करे सरकार सभी किसानों को 25,000 प्रत्येक किसान मुआवजा दिया जाए , तमाम किसानों के खेतों में सरकारी खर्च पर नलकूप गाड़े जाए वहां बिजली नि:शुल्क दी जाए सरकार के सारे तरह के कर्ज जो किसानों मजदूरों पर है उसे माफ कर दिया जाए अगली फसल के लिए एक प्रतिशत की सूद पर किसानों को ऋण मुहैया किया जाए जितने , आहर पोखर पैन आदि है उनका जीर्णोद्धार किया जाए नए निर्माण किए जाए आगे लंबी लड़ाई होगी

वाइट ------ पूर्व कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह


राजेश जमुई


Conclusion:जमुई " सरकार ने उपेक्षापूर्ण नीति अपनाई है कुछ जिले और जिले के कुछ प्रखंड और प्रखंडों के कुछ पंचायत को सरकार ने सूखाग्रस्त क्षेत्र धोषित किया लेकिन इसी जमुई जिले में दो प्रखंड खैरा और चकाई को मनमाने ढंग से छोड़ दिया जबकि ये दो प्रखंड ज्यादा सूखा से प्रभावित है इसलिए आज खैरा प्रखंड के किसान प्रखंड मुख्यालय पर अपनी मांगों को लेकर धरणा प्रदर्शन कर रहे है मुझकों भी इनके समर्थन में बैठना पड़ा " --- पूर्व कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह
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