जमुई: बिहार के जमुई में सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफी तेजी से इन दिनों वायरल हो रहा है. जिसमें शराब तस्कर एक दुकान में खुलेआम शराब को डिजिटल तराजू पर तोलकर (Liquor Sold In Jamui) बेच रहा है. वीडियो वायरल होने के बाद जिला पुलिस और उत्पाद विभाग की टीम हरकत में आई और वीडियो के जरिए आरोपी की पहचान कर उसकी गिरफ्तार करने में जुट गई है. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में साफतौर पर शराब तस्करों को देखा जा सकता है कि वह विदेशी शराब के बड़े बोतल को छोटे पानी की बोतल में डालकर ग्राहकों को डिजिटल तराजू पर तोलकर बेच रहे हैं.
ये भी पढ़ें- यह है शराबबंदी वाला बिहार, हाथ में शराब, मुंह में पैसा और सामने बार बालाओं के ठुमके
जमुई में शराब तोलकर बेची जा रही है : बताया जा रहा है कि वायरल हो रहा वीडियो नगर परिषद क्षेत्र के भछियार मोहल्ला स्थित एक किराना दुकान की है. जिसका मालिक अमरजीत सिंह उर्फ झबू सिंह है. जिसमें शराब डिजिटल तराजू पर तोल रहे युवक की पहचान भछियार मोहल्ले के ही रवि केसरी उर्फ मुंशी के रूप में की गई है. बताया जा रहा है कि वायरल हो रहे वीडियो में दोनों शराब तस्कर हैं जो पहले भी शराब बेचने के आरोप में जेल जा चुके हैं. हालांकि उत्पाद अधीक्षक ने कहा है कि- 'वीडियो उनके पास मिला है जिसके जरिए दोनों शराब तस्करों की पहचान कर ली गई है. जल्द ही दोनों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.'
बिहार में पूर्ण शराबबंदी : गौरतलब है कि उत्पाद विभाग की टीम जनवरी में हर रोज औसत 42 लोगों की गिरफ्तारी करती थी, लेकिन अगस्त तक ये बढ़कर 395 हो गई है. आंकड़ों के मुताबिक, अगस्त महीने में कुल 10653 गिरफ्तारी हुई, जिसमें 7184 शराबी हैं. वहीं शराब बेचने वाले 3469 आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं. टीम की माने तो जब से ड्रोन से छापेमारी शुरू हुई तब से गिरफ्तारी की संख्या में सफलता मिल रही है. इस साल अब तक ड्रोन से 18 हजार से अधिक छापेमारी की गई है.
अप्रैल 2016 में लागू हुई थी शराबबंदी : बता दें कि बिहार सरकार ने पांच अप्रैल 2016 से राज्य में शराब के निर्माण, व्यापार, भंडारण, परिवहन, बिक्री और खपत पर रोक लगाने और इसका उल्लंघन दंडनीय अपराध बनाने के कानून को लागू किया था. शराबबंदी कानून संशोधन विधेयक 2022 के अनुसार, पहली बार शराब पीकर पकड़े जाने पर मजिस्ट्रेट द्वारा केवल जुर्माना लगाकर छोड़ने का प्रावधान किया गया है. अगर जुर्माना नहीं भरा गया तो ऐसी स्थिति में आरोपित को एक महीने की जेल हो सकती है. अगर कोई जुर्माना नहीं देता है तो उसे एक महीने की जेल हो सकती है. पहले जुर्माना 50 हजार था.
नोट- ईटीवी भारत वीडियो की पुष्टि नहीं करता है.