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जमुई: सरकारी गोदाम में सैकड़ों ट्राइसायकिल सालों से खा रही जंग

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Published : Jan 10, 2021, 7:31 PM IST

Updated : Jan 10, 2021, 11:04 PM IST

जमुई में जहां एक तरफ दिव्यांगजनों को निःशुल्क बांटा जाने वाला लाखों कीमत का सैकड़ों ट्राइसायकिल सरकारी गोदाम में पड़ा सालों से जंग खा रहा है और पूरी तरह खराब हो चुका है. वहीं, दूसरी तरफ 100, 90, 80 और 70 प्रतिशत दिव्यांगता का प्रमाण पत्र हाथों में लिए मदद के लिए कार्यालयों का चक्कर लगा रहे हैं. लेकिन इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है.

जमुई
जमुई

जमुई: जिला प्रशासन का उदासीन रवैया दिव्यांग लोगों के लिए अभिशाप बन गया है. इन लोगों की मदद के लिए आई ट्राइसायकिल प्रशासन की लापरवाही और उदासीन रवैये की भेंट चढ़ गई हैं. सरकारी गोदाम में सालों से पड़ी लाखों कीमत की ट्राइसायकिल जंग खाकर खराब हो चुकी है.

दिव्यांगों के प्रति प्रशासन का उदासीन रवैया
दरअसल, भारत सरकार सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री विजय सांपला और जमुई सांसद चिराग पासवान के सौजन्य से एलिमको ने शहर के श्री कृष्ण मेमोरियल स्टेडियम में दिव्यांगजनों को 2018 में सहायक उपकरण और ट्राइसायकिल का वितरण किया था, जिसे आज तक दिव्यांगों को नहीं दिया गया है. लाखों कीमत का ट्राइसायकिल सरकारी गोदाम में पड़ा जंग खाकर लगभग खराब हो चुका है.

देखें रिपोर्ट

लाखों की ट्राइसायकिल सालों से खा रही जंग
इस संबंध में ईटीवी भारत ने पड़ताल शुरू की. कई दिनों के प्रयास के बाद ईटीवी भारत की टीम बंद पड़े गोदाम के अंदर पहुंची, तो वहां लाखों कीमत की ट्राइसायकिल को खराब पाया. पूरे मामले की जानकारी लेने के लिए जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग जमुई मौके पर पहुंचे. मौके पर मौजूद अधिकारी ने कैमरे के सामने जबाब देने से मना कर दिया. ऑफ कैमरा बताया कि प्रक्रिया के अनुसार दिव्यांगजनों के बीच वितरण किया जा रहा है, कहीं कोई दिक्कत नहीं है.

मदद के लिए भटक रहे दिव्यांगजन
मदद के लिए भटक रहे दिव्यांगजन

'ईटीवी भारत के माध्यम से पूरे मामले की जानकारी मिली है. आखिर किस कारण से गोदाम में पड़ा लाखों कीमत की सैकड़ों ट्राइसायकिल सालों से जंग खा रही है, हम मामले की पड़ताल करेंगे'- आरिफ अहसन, जमुई डीडीसी

'2010 में ही दिव्यांगता प्रमाण पत्र मिला है. तब से लेकर आजतक प्रखंड से लेकर जिला मुख्यालय तक चक्कर लगा रहे हैं'- राजू, दिव्यांग

ट्राइसायकिल सालों से जंग खा रही
ट्राइसायकिल सालों से जंग खा रही

'अगर ट्राइसाइकिल मिल जाती तो नौकरी कर लेते. गांव से आने जाने में सुविधा होती. परिवार की मदद कर पाते. किसी पर बोझ नहीं बनते. पटना में दिव्यांगजनों की प्रतियोगिता में भी भाग ले चुकी हैं जीतकर प्रमाण पत्र भी मिला लेकिन एक अदद ट्रायसाइकिल आजतक नहीं मिल पाई'- खुशबू, दिव्यांग

गोदाम में खराब हो रही ट्राइसायकिल
गोदाम में खराब हो रही ट्राइसायकिल

दर-दर की ठोकरें खा रहे दिव्यांगजन
एक तरफ सरकारी गोदाम में वर्षों से पड़ा लाखों कीमत का सैकड़ों ट्राइसाइकिल जंग खाकर खराब हो चुका है, वहीं दूसरी तरफ सालों से दिव्यांगता प्रमाण पत्र लेकर दिव्यांगजन मदद के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं, लेकिन इनकी सुनने वाला कोई नहीं है.

बंद पड़े गोदाम में ट्राइसायकिल
बंद पड़े गोदाम में ट्राइसायकिल

जमुई: जिला प्रशासन का उदासीन रवैया दिव्यांग लोगों के लिए अभिशाप बन गया है. इन लोगों की मदद के लिए आई ट्राइसायकिल प्रशासन की लापरवाही और उदासीन रवैये की भेंट चढ़ गई हैं. सरकारी गोदाम में सालों से पड़ी लाखों कीमत की ट्राइसायकिल जंग खाकर खराब हो चुकी है.

दिव्यांगों के प्रति प्रशासन का उदासीन रवैया
दरअसल, भारत सरकार सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री विजय सांपला और जमुई सांसद चिराग पासवान के सौजन्य से एलिमको ने शहर के श्री कृष्ण मेमोरियल स्टेडियम में दिव्यांगजनों को 2018 में सहायक उपकरण और ट्राइसायकिल का वितरण किया था, जिसे आज तक दिव्यांगों को नहीं दिया गया है. लाखों कीमत का ट्राइसायकिल सरकारी गोदाम में पड़ा जंग खाकर लगभग खराब हो चुका है.

देखें रिपोर्ट

लाखों की ट्राइसायकिल सालों से खा रही जंग
इस संबंध में ईटीवी भारत ने पड़ताल शुरू की. कई दिनों के प्रयास के बाद ईटीवी भारत की टीम बंद पड़े गोदाम के अंदर पहुंची, तो वहां लाखों कीमत की ट्राइसायकिल को खराब पाया. पूरे मामले की जानकारी लेने के लिए जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग जमुई मौके पर पहुंचे. मौके पर मौजूद अधिकारी ने कैमरे के सामने जबाब देने से मना कर दिया. ऑफ कैमरा बताया कि प्रक्रिया के अनुसार दिव्यांगजनों के बीच वितरण किया जा रहा है, कहीं कोई दिक्कत नहीं है.

मदद के लिए भटक रहे दिव्यांगजन
मदद के लिए भटक रहे दिव्यांगजन

'ईटीवी भारत के माध्यम से पूरे मामले की जानकारी मिली है. आखिर किस कारण से गोदाम में पड़ा लाखों कीमत की सैकड़ों ट्राइसायकिल सालों से जंग खा रही है, हम मामले की पड़ताल करेंगे'- आरिफ अहसन, जमुई डीडीसी

'2010 में ही दिव्यांगता प्रमाण पत्र मिला है. तब से लेकर आजतक प्रखंड से लेकर जिला मुख्यालय तक चक्कर लगा रहे हैं'- राजू, दिव्यांग

ट्राइसायकिल सालों से जंग खा रही
ट्राइसायकिल सालों से जंग खा रही

'अगर ट्राइसाइकिल मिल जाती तो नौकरी कर लेते. गांव से आने जाने में सुविधा होती. परिवार की मदद कर पाते. किसी पर बोझ नहीं बनते. पटना में दिव्यांगजनों की प्रतियोगिता में भी भाग ले चुकी हैं जीतकर प्रमाण पत्र भी मिला लेकिन एक अदद ट्रायसाइकिल आजतक नहीं मिल पाई'- खुशबू, दिव्यांग

गोदाम में खराब हो रही ट्राइसायकिल
गोदाम में खराब हो रही ट्राइसायकिल

दर-दर की ठोकरें खा रहे दिव्यांगजन
एक तरफ सरकारी गोदाम में वर्षों से पड़ा लाखों कीमत का सैकड़ों ट्राइसाइकिल जंग खाकर खराब हो चुका है, वहीं दूसरी तरफ सालों से दिव्यांगता प्रमाण पत्र लेकर दिव्यांगजन मदद के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं, लेकिन इनकी सुनने वाला कोई नहीं है.

बंद पड़े गोदाम में ट्राइसायकिल
बंद पड़े गोदाम में ट्राइसायकिल
Last Updated : Jan 10, 2021, 11:04 PM IST
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