जमुई: बिहार के जमुई में 3 अंतरराष्ट्रीय साइबर क्रिमिनल गिरफ्तार (Jamui police arrested international cyber criminal) हुए हैं. लोगों से ठगी करने वाले इन तीनों का पाकिस्तान कनेक्शन भी सामने आया है. पुलिस के मुताबिक ये तीनों पाकिस्तानी गिरोह के इशारे पर केबीसी और अन्य लॉटरी के नाम पर लोगों से ठगी करते थे. इसी आधार पर पुलिस ने तीनों अपराधियों को गिरफ्तार किया है. जमुई पुलिस और पटना एटीएस (Jamui Police And Patna ATS Arrested Three Criminal In Jamui) की टीम सभी से पूछताछ कर रही है..
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केबीसी के नाम पर ठगी: गिरफ्तार तीनों अपराधी पाकिस्तानी साइबर गिरोह के साथ मिलकर केबीसी (Cheat People In Jamui) और अन्य प्रकार के लॉटरी लगाने के नाम पर लोगों से फोन कॉल और इमेल से लॉटरी में पैसे लगाने की बात करते थे. उसके एवज में लोगों को इनलोगों के द्वारा भरोसा दिया जाता था कि आप केबीसी के प्रोग्राम में जाएंगे. वहां से आप ढेर सारे रुपये जीत सकेंगे और कई तरह के लॉटरी के बारे में बताकर रुपये ऐंठते थे. फोन कॉल करने के बाद लोग भी इन शातिरों के बहकावे में आ आसानी से आ जाते थे.
"पुलिस अधीक्षक महोदय के द्वारा गुप्त सूचना मिली थी उसके आधार पर अंचल निरीक्षक अखिलेश जी, थानाध्यक्ष लक्ष्मीपुर और तकनीकी टीम के द्वारा तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया. इनका तार विभिन्न अंतराज्जीय गिरोह से जुड़ा हुआ है. एक दो ऐसे नम्बर भी इनके पास से मिले हैं जो पाकिस्तानी नम्बर हैं. इस बात की जानकारी आर्थिक अपराध ईकाई पटना को दिया गया है. वे लोग भी पूछताछ कर रहे हैं"- सदर एसडीपीओ डॉ. राकेश कुमार
शातिरों की पहचान: इन तीनों शातिरों की पहचान कर ली गई है. पहले अपराधी का नाम सरवन कुमार पिता (बहादुर यादव), दूसरा अमरजीत कुमार और वहीं तीसरा अपराधी झाझा थाना क्षेत्र के चांय गांव निवासी रमेश कुमार पिता (शिव नारायण सिंह) है. इन तीनों के पास से पुलिस ने 2 लाख रुपये नगद, 5 मोबाइल और 10 एटीएम कार्ड बरामद किया है.
तीनों को गिरफ्तार करने के बाद अधिकारी ने बताया: इन शातिरों के बारे में सदर एसडीपीओ डॉ. राकेश कुमार (SDPO Rakesh Kumar) ने बताया कि गिरफ्तार हुए तीनों साइबर अपराधियों का सांठगांठ पाकिस्तान के साइबर अपराधियों से था. पाकिस्तानी गिरोह के साथ मिलकर ये लोग केबीसी और अन्य लॉटरी के नाम पर लोगों से ठगी करते थे. इस अपराध के मुख्य षड्यंत्र कर्ता के द्वारा सारे सहयोगियों के बैंक अकाउंट में रकम जमा किया जाता था. उनके सहयोगी उक्त रकम का 7 प्रतिशत कमीशन काटकर पुनः मुख्य षड्यंत्रकर्ता के बताए हुए अकाउंट में रुपये जमा कर देता था. इन साइबर अपराधी के द्वारा ठगी के पैसे की लेनदेन की डिटेल्स, ट्रांजैक्शन डीटेल्स की सारी बातें इन लोगों के व्हाट्सएप मैसेज में देखा गया है. इस ग्रुप के सरगना के व्हाट्सएप नंबर को ट्रैक करने पर एटीएस की टीम को पाकिस्तानी निवासी मो.आबिद के नाम पर मिला है. इन लोगों न कबूला है कि अब तक करोड़ों रुपए की ठगी कर चुके है. इन सारी बातों के पुख्ता सबूत मिलने के बाद पुलिस ने तीनों अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया है. पटना एटीएस की टीम जमुई पहुंचकर तीनों शातिरों से पूछताछ में जुटी है.
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