जमुई: सड़क दुर्घटना में घायल मंजोष गांव के आशा कार्यकर्ता मंजू देवी की मौत हो गई. वहीं, मृतक आशा कार्यकर्ता के परिजनों ने मुआवजे के राशि की मांग को लेकर सिकंदरा मुख्य चौक पर मृतका का शव रखकर सड़क को पूरी तरह जाम कर दिया. जिस कारण यातायात लगभग एक घंटे तक पूरी तरह से ठप पड़ गया. वहीं, स्थानीय विधायक के आश्वासन के बाद आक्रोशित परिजनों ने सड़क को खाली किया.
आशा की मौत के बाद नाराजगी
आशा कार्यकर्ताओं के परिजनों काा आरोप था कि मौत के बाद भी स्वास्थ्य विभाग के किसी भी अधिकारी ने मृतक आशा के परिवार वालों से सुध नहीं ली. जिससे नाराज होकर परिजनों और अन्य आशा कार्यकर्ताओं ने एनएच 333 ए सड़क जाम कर दिया. वहीं, आशा संघ की नेत्री सावित्री देवी ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा हम आशा कार्यकर्ताओं के लिए 4 लाख की बीमा निर्धारित की गई है. इस बीमा राशि को जल्द से जल्द पीड़ित परिवार को दिया जाए. उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटना में मरने पर श्रम विभाग की ओर से 4 लाख की राशि देने का प्रावधान भी निहित है. उस राशि के साथ अन्य सरकारी लाभ भी शीघ्र प्रदान की जाए. ताकि परिजनों की आजिविका प्रभावित न हो.
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स्थानीय विधायक घटनास्थल पर पहुंचकर जाम कर रहे लोगों को आश्वासन दिया
जाम की सूचना पर मिलने पर स्थानीय विधायक मौके पहुंचे. विधायक प्रफुल्ल कुमार मांझी के आश्वासन के बाद परिजनों ने अपना प्रदर्शन समाप्त किया. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ साजिद हुसैन ने भी आशा कार्यकर्ताओं की मांग को जायज ठहराते हुए हर सम्भव मदद भरोसा दिया.
बता दें कि मंजोष गांव के सुनील कुमार की 45 वर्षीय पत्नी रेणु देवी तीन दिन पूर्व जमुई से मंजोष लौटने के क्रम में एनएच 333 ए सिकन्दरा-जमुई मुख्यमार्ग पर खड़गौर गांव के समीप सड़क दुर्घटना में घायल हो गई थी. गंभीर स्थिति देख उन्हें पटना रेफर कर दिया गया था. जहां इलाज के क्रम में उसने दम तोड़ दिया. मृतका आशा के पद पर सिझौड़ी पंचायत के जलय दोस्तनी में कार्यरत थी.