जमुई: महापर्व छठ को लेकर घाटों पर चल रहे हलचल से देखने पर यही प्रतीत होता है कि आस्था का सैलाब कोरोना को धता बता रहा हो. जिले में महापर्व का उमंग जिस तरह से घाटों पर भारी भीड़ की शक्ल में दिख रहा है मानो कोरोना का किसी को कोई भय नहीं है.
लोक आस्था का चार दिवसीय छठ पर्व नहाय खाय के साथ 18 नवंबर से शुरू हो रहा है. 19 नवंबर को खरना पूजा, 20 नवंबर को छठ व्रती अस्ताचलगामी (डूबते हुए सूर्य ) को पहला अर्घ्य देंगी. 21 नवंबर को उदयगामी सूर्य (उगते हुए सूर्य) को अर्घ्य देने के साथ यह महापर्व संपन्न हो जाएगा.
जिले के किउल नदी तट पर त्रिपुरारी घाट, हनुमान धाट, पटनेश्वर घाट आदि दर्जनो स्थान पर सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है. छठ व्रती के साथ-साथ भारी संख्या में श्रद्धालु भी नदी तट पर पहुंचक स्नान के बाद मंदिरों में पूजा अर्चना करने पहुंच रहे हैं.
कोविड-19 के दरम्यान हो रहे महापर्व पर जिला प्रशासन के बंदोबस्त को लेकर जब ईटीवी भारत जमुई के पतनेश्वर के पास किउल नदी तट पर बने छठ घाट पर पहुंचा. वहां ईटीवी भारत को जिला प्रशासन द्वारा कहीं किसी भी प्रकार के इंतजाम देखने को नहीं मिला.