जमुई: बिहार के स्कूलों में पढ़ा रहे नियोजित शिक्षक जितने वेतन की मांग बीते दस सालों से कर रहे हैं, उतना वेतन उन्हें नहीं मिल रहा है. इसीलिए बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले शिक्षकों ने सरकार के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की और मुख्यालय समाहरणालय पर रोषपूर्ण प्रदर्शन किया और कहा कि अगर सरकार हमारी मांगे पूरी नहीं करती है, तो हम सब चरणबद्ध आंदोलन करेंगे. आगामी 2020 विधानसभा चुनाव तक सरकार के नाक में दम कर देंगे.
पुलिस ने किया लाठीचार्ज
फिर एक बार बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति जमुई के द्वारा 'समान काम, समान वेतन' के लिए मांग उठी है. शिक्षकों ने कहा कि एक समान काम के लिए समान वेतन हमारा संवैधानिक अधिकार है. बीते 18 जुलाई को बिहार विधानसभा के पास एकदिवसीय धेराव प्रदर्शन किया गया थी. वहीं, सरकार ने शिक्षकों पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज करा दिया. शिक्षकों पर फर्जी मुकदमा कर जेल में बंद कर दिया गया. इसको लेकर सम्पूर्ण बिहार के शिक्षकों में आक्रोश उत्पन्न हो गया है.
शिक्षकों ने दिखाई एकजुटता
सभी शिक्षक संघ राज्य स्तरीय एकजुटता दिखा रहे हैं. शिक्षकों ने सात सूत्री मांग के लिए सरकार के खिलाफ एकदिवसीय धरना प्रदर्शन और प्रतिरोध मार्च निकाला और जिला पदाधिकारी को मुख्य मांगों का ज्ञापन सौंप दिया.
शिक्षकों की सात सूत्री मांग:
1 . गिरफ्तार शिक्षकों को बिना शर्त रिहा किया जाए
2 . शिक्षकों पर से फर्जी मुकदमा वापस लिया जाए
3 . नियोजित शिक्षकों को नियमित शिक्षकों की भांति वेतनमान और सेवा शर्त का लाभ दिया जाए
4 . सभी नियमित शिक्षकों की भांति जिला स्थानांतरण की सुविधा प्रदान की जाए
5 . पुरानी पेंशन योजना से सभी शिक्षकों को अच्छादित किया जाए
6 . सभी कोटि के नियोजित शिक्षकों को ग्रुप बीमा योजना एवं सामान्य भविष्य योजना से अच्छादित किया जाए
7 . नव प्रशिक्षित शिक्षकों को वेतन निर्धारण में वर्तमान में प्राप्त बेसिक पे में ग्रेड पे को 2.57 से गुणा कर जोड़कर बेसिक पे निर्धारण किया जाए