ETV Bharat / state

विदेशी पक्षियों के साथ-साथ 'जांघिल' को भी भा रही जमुई की आबोहवा - Birds nest in Mahavir Vatika

देसी पक्षियों के साथ-साथ विदेशी पक्षियों को जमुई की आबोहवा इन दिनों पसंद आ रही है. यही कारण है कि यहां बड़ी संख्या में पक्षियों ने अपना डेरा बनाया है. पढ़ें पूरी खबर..

जमुई में पक्षियों का बसेरा
जमुई में पक्षियों का बसेरा
author img

By

Published : Aug 23, 2021, 7:27 AM IST

Updated : Aug 23, 2021, 8:27 AM IST

जमुई: बिहार (Bihar) के जमुई (Jamui) में इन दिनों 'जांघिल' ओपन बिल स्ट्रोक (Open Bill Stroke) का परिवार बढ़ रहा है. प्रवासी पक्षियों के साथ-साथ देश में सीमित संख्या में बचे हुए कुछ पक्षियों को यहां की आबोहवा खूब भा रही है. यही कारण है कि नागी नकटी डैम (Nagi Nakti Dam) और महावीर वाटिका (Mahavir Vatika) की खूबसूरती में देसी और विदेशी पक्षियां चार चांद लगा रही हैं.

ये भी पढ़ें:पटना: बिहार रेजीमेंट सेंटर बना साइबेरियन पक्षियों का ठिकाना, इनका आगमन मानसून का सूचक

यही नहीं जमुई शहर भी 'जांघिल' ओपन बिल स्ट्रोक के कलरव से गुलजार हो रहा है. यहां इस पक्षी का परिवार दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है. तकरीबन तीन साल पूर्व जमुई के रिहायशी इलाके में ओपन बिल स्ट्रोक ने अपना आशियाना बनाकर प्रजनन का वक्त गुजारने का जो सिलसिला शुरू किया था, वह लगातार जारी है.

तब इस पक्षी की संख्या 40-50 थी. अब यह संख्या बढ़कर ढाई सौ से तीन सौ के आसपास पहुंच चुकी है. मुंबई के प्रसिद्ध बांबे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी की पक्षी विज्ञानी नीता शाह ने इसे पर्यावरण के साथ-साथ पक्षियों के लिहाज से शुभ बताया है. उन्होंने पक्षियों की आवश्यकता और उनके घोसले बनाने के लिए उपयुक्त पौधे लगाने पर जोर दिया है.

वहीं वन प्रमंडल पदाधिकारी पीयूष वर्णवाल ने कहा कि वन विभाग की ओर से पर्यावरण के साथ-साथ पक्षियों के हितों का ख्याल कर पौधारोपण किया जाता है. उन्होंने कहा कि सड़क किनारे ज्यादा से ज्यादा ऐसे पौधे लगाया जाय ताकि पक्षियों को उनके पसंद का भोजन मिल सके और ज्यादा टहनीदार पेड़ों पर बसेरा बनाने में उन्हें सहूलियत हो.

बता दें कि मुख्य रूप से हिंदुस्तान के अलावा श्रीलंका और इंडोनेशिया में पाए जाने वाले ओपन बिल स्ट्रोक हाल ही में विलुप्त होने के कगार पर आ गए थे. ऐसे में इसके द्वारा जमुई को प्रजनन केंद्र बनाया जाना महत्वपूर्ण माना जा रहा है. इससे इस पक्षी की संख्या में भी वृद्धि हो रही है.

ये भी पढ़ें:Gaya News: बड़ी संख्या में गया आया साइबेरियन पक्षियों का झुंड, माना जाता है वायरस का वाहक

जमुई: बिहार (Bihar) के जमुई (Jamui) में इन दिनों 'जांघिल' ओपन बिल स्ट्रोक (Open Bill Stroke) का परिवार बढ़ रहा है. प्रवासी पक्षियों के साथ-साथ देश में सीमित संख्या में बचे हुए कुछ पक्षियों को यहां की आबोहवा खूब भा रही है. यही कारण है कि नागी नकटी डैम (Nagi Nakti Dam) और महावीर वाटिका (Mahavir Vatika) की खूबसूरती में देसी और विदेशी पक्षियां चार चांद लगा रही हैं.

ये भी पढ़ें:पटना: बिहार रेजीमेंट सेंटर बना साइबेरियन पक्षियों का ठिकाना, इनका आगमन मानसून का सूचक

यही नहीं जमुई शहर भी 'जांघिल' ओपन बिल स्ट्रोक के कलरव से गुलजार हो रहा है. यहां इस पक्षी का परिवार दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है. तकरीबन तीन साल पूर्व जमुई के रिहायशी इलाके में ओपन बिल स्ट्रोक ने अपना आशियाना बनाकर प्रजनन का वक्त गुजारने का जो सिलसिला शुरू किया था, वह लगातार जारी है.

तब इस पक्षी की संख्या 40-50 थी. अब यह संख्या बढ़कर ढाई सौ से तीन सौ के आसपास पहुंच चुकी है. मुंबई के प्रसिद्ध बांबे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी की पक्षी विज्ञानी नीता शाह ने इसे पर्यावरण के साथ-साथ पक्षियों के लिहाज से शुभ बताया है. उन्होंने पक्षियों की आवश्यकता और उनके घोसले बनाने के लिए उपयुक्त पौधे लगाने पर जोर दिया है.

वहीं वन प्रमंडल पदाधिकारी पीयूष वर्णवाल ने कहा कि वन विभाग की ओर से पर्यावरण के साथ-साथ पक्षियों के हितों का ख्याल कर पौधारोपण किया जाता है. उन्होंने कहा कि सड़क किनारे ज्यादा से ज्यादा ऐसे पौधे लगाया जाय ताकि पक्षियों को उनके पसंद का भोजन मिल सके और ज्यादा टहनीदार पेड़ों पर बसेरा बनाने में उन्हें सहूलियत हो.

बता दें कि मुख्य रूप से हिंदुस्तान के अलावा श्रीलंका और इंडोनेशिया में पाए जाने वाले ओपन बिल स्ट्रोक हाल ही में विलुप्त होने के कगार पर आ गए थे. ऐसे में इसके द्वारा जमुई को प्रजनन केंद्र बनाया जाना महत्वपूर्ण माना जा रहा है. इससे इस पक्षी की संख्या में भी वृद्धि हो रही है.

ये भी पढ़ें:Gaya News: बड़ी संख्या में गया आया साइबेरियन पक्षियों का झुंड, माना जाता है वायरस का वाहक

Last Updated : Aug 23, 2021, 8:27 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.