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Bihar News: जमुई में बरनार नदी पर बना पुल क्षतिग्रस्त, 4 पिलर धंसने से आवामगन प्रभावित, प्रशासन पर गंभीर आरोप

बिहार के जमुई में पुल क्षतिग्रस्त हो गया है. भारी बारिश के कारण पानी की तेज बहाव से सोनो के बरनार नदी पर बना पुल का 4 पिलर धंस गया. इससे पुल पर आवागमन बाधित हो गया है. लोगों ने प्रशासन पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है. पढ़ें पूरी खबर...

जमुई में बरनार नदी पर बना पुल क्षतिग्रस्त
जमुई में बरनार नदी पर बना पुल क्षतिग्रस्त
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Sep 23, 2023, 4:40 PM IST

जमुई में बरनार नदी पर बना पुल क्षतिग्रस्त

जमुईः बिहार में पुल क्षतिग्रस्त होने का एक और मामला (Bridge damaged in Jamui) सामने आया है. इस बार जमुई में बरनार नदी पर बना पुल क्षतिग्रस्त हो गया है. इससे लाखों लोगों का आवागमन बाधित हो गया है. सूचना मिलने के बाद पहुंची पुलिस ने माइकिंग कर लोगों को पुल पर आने से मना कर रहे हैं. लोगों ने पुल धंसने का कारण बालू खनन बताया है. जमुई में बीते कई दिनों से बारिश के कारण नदी में पानी की तेज बहाव हो गया है, जिस कारण पुल का 4 पिलर धंस गया.

यह भी पढ़ेंः Sitamarhi Floating Bridge : बागमती की धारा में बहा चचरी का पुल, हलक में अटकी लोगों की जान, देखें VIDEO

बारिश में पानी की तेज बहाव से जमुई में पुल धंसाः बताया जा रहा है कि जमुई में भारी बारिश के कारण बरनार नदी उफान पर है. पानी की तेज बहाव के कारण सोनो मुख्यालय को पश्चिम क्षेत्र से जोड़ने वाले सोनो चुरहेत काजवे पुल शनिवार की सुबह नदी में धंस गया. आसपास के कई गांवों का संपर्क टूट गया. सूचना पर पहुंची स्थानीय प्रशासन एहतियात बरतते हुए सोनो चुरहेत काजवे मार्ग पर परिचालन को पूरी तरह रोक दिया है. पुल के दोनों और बेरिकेडिंग कर दी गई है.

आवागमन करने पर रोकः पुल धंसने की जानकारी मिलते ही आसपास के गांव के लोग पुल के पास पहुंच गए. इसकी सूचना स्थानीय अंचल अधिकारी को दी गई. जिसके बाद सूचना मिलते ही अंचलाधिकारी राजेश कुमार, थानाध्यक्ष चितरंजन कुमार व एसआई विपिन कुमार पुलिस जवानों के साथ मौके पर पहुंचे और क्षतिग्रस्त काजवे पुल का मुआयना किया. माइकिंग कर लोगों को आवागमन करने पर रोक लगा दी है.

लाखों लोगों का आवामगन बाधितः स्थानीय लोगों ने बताया कि इस पुल से कई गांवों के लोगों का आना-जाना लगा रहता है. काजवे-चुरहेत समेत अन्य गांवों के लोग प्रखंड मुख्यालय जाते हैं. कई छोटे और बड़े वाहनों का भी परिचालन होता है, लेकिन पुल क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण यहां के डेढ़ लाख ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. लोगों ने प्रशासन पर गलत तरीके से बालू खनन करवाने का आरोप लगाया है, जिससे पुल ध्वस्त हो गया है.

"संवेदकों द्वारा पुल के पिलर के पास से बालू का उठाव किया जा रहा था. जिस कारण पानी आने के बाद पुल धंस गया. इसको लेकर स्थानीय लोगों ने कई बार विरोध भी किया, लेकिन उल्टे स्थानीय लोगों पर ही फर्जी केस दर्ज कर फंसाने का काम किया गया. यही कारण है कि पुल धंस गया." -मुकेश शास्त्री, स्थानीय

'पुल धंसने का जिम्मेदार प्रशासन': बिहार में एक बार फुल क्षतिग्रस्त होने से लोगों ने सवाल उठाना शुरू कर दिए हैं. इस बार बालू खनन में लापरवाही का मामला सामने आया है, जिस कारण यह पुल क्षतिग्रस्त हो गया. स्थानीय लोगों ने इसका जमकर विरोध किया है. पुल धंसने का जिम्मेवार प्रशासन को बताया है. लोगों ने कहा कि अगल बालू खनन को लेकर प्रशासन कार्रवाई की होती तो आज यह पुल नहीं धंसता.

जमुई में बरनार नदी पर बना पुल क्षतिग्रस्त

जमुईः बिहार में पुल क्षतिग्रस्त होने का एक और मामला (Bridge damaged in Jamui) सामने आया है. इस बार जमुई में बरनार नदी पर बना पुल क्षतिग्रस्त हो गया है. इससे लाखों लोगों का आवागमन बाधित हो गया है. सूचना मिलने के बाद पहुंची पुलिस ने माइकिंग कर लोगों को पुल पर आने से मना कर रहे हैं. लोगों ने पुल धंसने का कारण बालू खनन बताया है. जमुई में बीते कई दिनों से बारिश के कारण नदी में पानी की तेज बहाव हो गया है, जिस कारण पुल का 4 पिलर धंस गया.

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बारिश में पानी की तेज बहाव से जमुई में पुल धंसाः बताया जा रहा है कि जमुई में भारी बारिश के कारण बरनार नदी उफान पर है. पानी की तेज बहाव के कारण सोनो मुख्यालय को पश्चिम क्षेत्र से जोड़ने वाले सोनो चुरहेत काजवे पुल शनिवार की सुबह नदी में धंस गया. आसपास के कई गांवों का संपर्क टूट गया. सूचना पर पहुंची स्थानीय प्रशासन एहतियात बरतते हुए सोनो चुरहेत काजवे मार्ग पर परिचालन को पूरी तरह रोक दिया है. पुल के दोनों और बेरिकेडिंग कर दी गई है.

आवागमन करने पर रोकः पुल धंसने की जानकारी मिलते ही आसपास के गांव के लोग पुल के पास पहुंच गए. इसकी सूचना स्थानीय अंचल अधिकारी को दी गई. जिसके बाद सूचना मिलते ही अंचलाधिकारी राजेश कुमार, थानाध्यक्ष चितरंजन कुमार व एसआई विपिन कुमार पुलिस जवानों के साथ मौके पर पहुंचे और क्षतिग्रस्त काजवे पुल का मुआयना किया. माइकिंग कर लोगों को आवागमन करने पर रोक लगा दी है.

लाखों लोगों का आवामगन बाधितः स्थानीय लोगों ने बताया कि इस पुल से कई गांवों के लोगों का आना-जाना लगा रहता है. काजवे-चुरहेत समेत अन्य गांवों के लोग प्रखंड मुख्यालय जाते हैं. कई छोटे और बड़े वाहनों का भी परिचालन होता है, लेकिन पुल क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण यहां के डेढ़ लाख ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. लोगों ने प्रशासन पर गलत तरीके से बालू खनन करवाने का आरोप लगाया है, जिससे पुल ध्वस्त हो गया है.

"संवेदकों द्वारा पुल के पिलर के पास से बालू का उठाव किया जा रहा था. जिस कारण पानी आने के बाद पुल धंस गया. इसको लेकर स्थानीय लोगों ने कई बार विरोध भी किया, लेकिन उल्टे स्थानीय लोगों पर ही फर्जी केस दर्ज कर फंसाने का काम किया गया. यही कारण है कि पुल धंस गया." -मुकेश शास्त्री, स्थानीय

'पुल धंसने का जिम्मेदार प्रशासन': बिहार में एक बार फुल क्षतिग्रस्त होने से लोगों ने सवाल उठाना शुरू कर दिए हैं. इस बार बालू खनन में लापरवाही का मामला सामने आया है, जिस कारण यह पुल क्षतिग्रस्त हो गया. स्थानीय लोगों ने इसका जमकर विरोध किया है. पुल धंसने का जिम्मेवार प्रशासन को बताया है. लोगों ने कहा कि अगल बालू खनन को लेकर प्रशासन कार्रवाई की होती तो आज यह पुल नहीं धंसता.

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