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गर्म जल धाराओं के लिए प्रसिद्ध भीम बांध में पर्यटन पर जिला प्रशासन ने फिर लगाई रोक

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Published : Jan 28, 2021, 9:50 AM IST

कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए जिला प्रशासन ने मशहूर भीम बांध पर पर्यटन के लिए फिर से रोक लगा दी है. जिस कारण पर्यटकों में नाराजगी देखने को मिल रही है. बीते साल वन एवं पर्यटन विभाग ने 393 करोड़ की लागत से भीम बांध के सौंदर्यकरण का कार्य पूरा कर लिया था. वहीं, सीएम के उद्घाटन किए जाने के बाद इसे आम लोगों के लिए खोल दिया गया था.

जमुई में पर्यटन
जमुई

जमुई: जमुई-मुंगेर की सीमा पर स्थित राष्ट्रीय वन्य जीवन अभयारण्य और गर्म जल धाराओं के लिए प्रसिद्ध भीम बांध पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र है. लेकिन इस साल यहां आने वाले पर्यटकों द्वारा कोविड गाइड लाइन उल्लंघन करने पर जिला प्रशासन ने उक्त स्थल पर प्रतिबंध लगा दिया है. प्रशासन के इस कदम के बाद पर्यटक नाराज दिख रहें हैं. तो वहीं, स्थानीय रोजगार भी प्रभावित हुआ है.

यह भी पढ़ें: NHAI और भू अर्जन विभाग के खाते से 28 करोड़ की निकासी, पटना पुलिस ने आरा से 2 को दबोचा

सीएम ने 3.93 करोड़ की लागत से भीम बांध के सौंदर्यीकरण का किया था उद्घाटनदरअसल, पिछले साल वन एवं पर्यटन विभाग ने 393 करोड़ की लागत से भीम बांध के सौंदर्यीकरण का कार्य पूरा कर लिया. जिसमें भीम बांध में गर्म जल कुंड का विस्तार का जीर्णोद्धार किया गया. महिलाओं और पुरुषों के लिए बनाए गए दोनों कुंड में टाइल्स और फव्वारे लगाकर उसे स्विमिंग पूल का लुक दिया गया. वही बच्चों के मनोरंजन के लिए अलग से गर्म जल कुंड की व्यवस्था की गई. महिलाओं के लिए शौचालय एवं चेंजिंग रूप बनाए गए. कुंड के पास बने दोनों रेस्ट हाउस का भी जीर्णोद्धार किया गया.
राष्ट्रीय वन्य जीवन अभयारण्य
राष्ट्रीय वन्य जीवन अभयारण्य

यह भी पढ़ें: ...जान की कीमत सिर्फ 120 रुपए ! पढ़ें पूरी ख़बर

असम से लाए गए बांस से बने फर्नीचर लोगों को कर रहे आकर्षित
बता दें कि सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए वन एवं पर्यटन विभाग ने असम के कारीगरों द्वारा असम के बांस से पूरे पार्क में जगह जगह पर फर्नीचर बनाया गया. जिससे यहां पहुंचने वाले टूरिस्टों को इसे अपनी और काफी आकर्षित कर रहा है. साथ ही बच्चों के लिए झूले और मनोरंजन के लिए अन्य संसाधनों का विस्तार किया गया . प्रदूषण मुक्त रखने के लिए प्लास्टिक और थर्मोकोल के प्रयोग पर पूर्ण प्रतिबंध है.

देखें रिपोर्ट
भीम बांध में टूरिस्टों की सुरक्षा के लिए सीआरपीएफ जवानों को लगायाजिला प्रशासन द्वारा भीम बांध पहुंचने वाले सैलानियों की सुरक्षा के लिए सीआरपीएफ जवानों को तैनात किया गया है. जिसमें भीम बांध स्थित सीआरपीएफ 131 बटालियन के जवानों को इसकी सुरक्षा में लगाया गया है. ताकि यहां पहुंचने वाले टूरिस्ट को किसी प्रकार की कोई परेशानी ना हो.

बता दें कि 2005 में इसी भीम बांध के जंगलों में मुंगेर जिले के तत्कालीन एसपी केसी सुरेंद्र बाबू सहित छह पुलिसकर्मियों को नक्सलियों ने डायनामाइट लगाकर उड़ा दिया था जिसमें सभी लोगों की मौत हो गई थी.

जिला प्रशासन द्वारा पर्यटक पर रोक लगाए जाने से पर्यटकों में दिखी नाराजगी
कोविड माहामारी के चलते जिला प्रशासन द्वारा लगाए गए रोक पर प्रयटकों में नाराजगी देखी जा रही है. प्रयटकों का कहना है कि जहां एक तरफ सब कुछ खुल गया है. तो वहीं, अबतक भीम बांध को प्रशासन ने बंद रखा है. जिला प्रशासन को जल्द से जल्द बांध को खोल देना चाहिए.

जमुई: जमुई-मुंगेर की सीमा पर स्थित राष्ट्रीय वन्य जीवन अभयारण्य और गर्म जल धाराओं के लिए प्रसिद्ध भीम बांध पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र है. लेकिन इस साल यहां आने वाले पर्यटकों द्वारा कोविड गाइड लाइन उल्लंघन करने पर जिला प्रशासन ने उक्त स्थल पर प्रतिबंध लगा दिया है. प्रशासन के इस कदम के बाद पर्यटक नाराज दिख रहें हैं. तो वहीं, स्थानीय रोजगार भी प्रभावित हुआ है.

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सीएम ने 3.93 करोड़ की लागत से भीम बांध के सौंदर्यीकरण का किया था उद्घाटनदरअसल, पिछले साल वन एवं पर्यटन विभाग ने 393 करोड़ की लागत से भीम बांध के सौंदर्यीकरण का कार्य पूरा कर लिया. जिसमें भीम बांध में गर्म जल कुंड का विस्तार का जीर्णोद्धार किया गया. महिलाओं और पुरुषों के लिए बनाए गए दोनों कुंड में टाइल्स और फव्वारे लगाकर उसे स्विमिंग पूल का लुक दिया गया. वही बच्चों के मनोरंजन के लिए अलग से गर्म जल कुंड की व्यवस्था की गई. महिलाओं के लिए शौचालय एवं चेंजिंग रूप बनाए गए. कुंड के पास बने दोनों रेस्ट हाउस का भी जीर्णोद्धार किया गया.
राष्ट्रीय वन्य जीवन अभयारण्य
राष्ट्रीय वन्य जीवन अभयारण्य

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असम से लाए गए बांस से बने फर्नीचर लोगों को कर रहे आकर्षित
बता दें कि सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए वन एवं पर्यटन विभाग ने असम के कारीगरों द्वारा असम के बांस से पूरे पार्क में जगह जगह पर फर्नीचर बनाया गया. जिससे यहां पहुंचने वाले टूरिस्टों को इसे अपनी और काफी आकर्षित कर रहा है. साथ ही बच्चों के लिए झूले और मनोरंजन के लिए अन्य संसाधनों का विस्तार किया गया . प्रदूषण मुक्त रखने के लिए प्लास्टिक और थर्मोकोल के प्रयोग पर पूर्ण प्रतिबंध है.

देखें रिपोर्ट
भीम बांध में टूरिस्टों की सुरक्षा के लिए सीआरपीएफ जवानों को लगायाजिला प्रशासन द्वारा भीम बांध पहुंचने वाले सैलानियों की सुरक्षा के लिए सीआरपीएफ जवानों को तैनात किया गया है. जिसमें भीम बांध स्थित सीआरपीएफ 131 बटालियन के जवानों को इसकी सुरक्षा में लगाया गया है. ताकि यहां पहुंचने वाले टूरिस्ट को किसी प्रकार की कोई परेशानी ना हो.

बता दें कि 2005 में इसी भीम बांध के जंगलों में मुंगेर जिले के तत्कालीन एसपी केसी सुरेंद्र बाबू सहित छह पुलिसकर्मियों को नक्सलियों ने डायनामाइट लगाकर उड़ा दिया था जिसमें सभी लोगों की मौत हो गई थी.

जिला प्रशासन द्वारा पर्यटक पर रोक लगाए जाने से पर्यटकों में दिखी नाराजगी
कोविड माहामारी के चलते जिला प्रशासन द्वारा लगाए गए रोक पर प्रयटकों में नाराजगी देखी जा रही है. प्रयटकों का कहना है कि जहां एक तरफ सब कुछ खुल गया है. तो वहीं, अबतक भीम बांध को प्रशासन ने बंद रखा है. जिला प्रशासन को जल्द से जल्द बांध को खोल देना चाहिए.

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