जमुई: कभी जिले का एकमात्र सरकारी बस स्टैंड से 3 दर्जन से अधिक बसें बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल सहित अन्य राज्य के अलावा शहर के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में यात्रियों का पहुंचाने का काम करता था. लेकिन आज यह बसें अपने बदहाली पर आंसू बहाने को मजबूर है.बिहार परिवहन विभाग की उदासीनता के कारण यहां मौजूद अधिकतर बसें अब कबाड़ खाने के रूप में तब्दील हो गई है. मात्र 2 से 3 बसें हैं जो जमुई से मुंगेर संग्रामपुर तक ही जाती हैं.
सरकारी बस स्टैंड में काम कर रहे कर्मचारियों ने बताया कि पहले इस बस स्टैंड से 3 दर्जन से अधिक बसें बिहार झारखंड पश्चिम बंगाल सहित जिले सहित अन्य इलाकों में यात्रियों को उनके मंजिल तक पहुंचाती थी. इस कारण स्टैंड में काफी चहल कदमी रहती थी.
बिहार राज्य परिवहन विभाग के द्वारा इस बस स्टैंड में 100 से अधिक कर्मचारियों को नियुक्त किया गया था, जो बस स्टैंड पर अलग-अलग पदों पर तैनात थे. जबकि बस स्टैंड के अंदर ही बसों में ईंधन भरने के लिए पेट्रोल पंप बना हुआ था. जिससे बसों में तेल भरे जाते थे.
4 कर्मचारियों के सहारे चलता है बस स्टैड
सरकार की उदासीनता के कारण सरकारी बस स्टैंड धीरे-धीरे बसे खराब होती गई और सरकार इस पर ध्यान नहीं दिया. इस कारण ज्यादातर बसें बिल्कुल कबाड़ खाने के रूप में तब्दील हो गई है. यही कारण था कि सभी कर्मचारियों को धीरे-धीरे हटा दिया गया. मात्र चार कर्मचारी यहां पर उपस्थित है, जो चार बसों को जैसे तैसे चला रहे है. स्थानीय लोगों की माने तो बिहार सरकार की ओर से पहल की जाती है. तो बस स्टैंड दोबारा गुलजार हो सकता है.