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जमुई: बिना पीपीई किट पहने एएनएम कर रही कोरोना टेस्ट, संक्रमण बढ़ने का खतरा - जमुई में एएनएम कर रही कोरोना टेस्ट

जमुई में एएनएम बिना पीपीई किट पहने कोरोना टेस्ट कर रही हैं. जिसकी वजह से सैंपलिंग टीम में शामिल एक एएनएम कोरोना से संक्रमित हो गई हैं. वहीं स्वास्थ्यकर्मी भी लापरवाही बरत रहे हैं.

jamui
बिना पीपीई किट पहने एएनएम कर रही कोरोना टेस्ट
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Published : Aug 16, 2020, 9:13 PM IST

जमुई: जिले के चकाई में कोरोना टेस्टिंग में घोर लापरवाही बरती जा रही है. जिससे कोरोना संक्रमण के फैलने का खतरा बढ़ गया है. सुरक्षा मानकों की अनदेखी कर स्वास्थ्यकर्मी कोरोना संदिग्ध मरीजों का सैंपल जांच के लिए कलेक्ट कर रहे हैं.

पीपीई किट पहनने की हिदायत
आम तौर पर कोरोना सैंपलिंग के दौरान स्वास्थ्य कर्मियों को पीपीई किट पहनने की हिदायत दी गई है. लेकिन यहां गांव-गांव जाकर सैंपल कलेक्ट कर रही एएनएम और अन्य स्वास्थ्यकर्मी बिना सुरक्षा मानक को ध्यान में रखे ही सैंपल कलेक्ट कर रहे हैं. रविवार को चकाई प्रखंड के बिशनपुर गांव में भी ऐसा ही कुछ देखने को मिला.

लोगों का लिया जा रहा सैंपल
यहां डॉ. उमेश शर्मा, फर्मासिस्ट अनुप कुमार, एएनएम सरीता हांसदा, स्नेहलता कुमारी, यसोदा कुमारी दास, बेबी कुमारी आदि ग्रामीणों का सैंपल कलेक्ट करने में जुटे थे. ये सभी स्वास्थ्यकर्मी बिना पीपीई किट के ही लोगों का सैंपल ले रहे थे. साधारण ग्लव्स, साधारण मास्क और सिर पर पीपीई किट का कैप लगाकर सभी खुद को सुरक्षित मान रहे थे.

क्या कहते हैं स्वास्थ्यकर्मी
बड़े-बड़े अस्पताल में उतनी सुरक्षा के बाद भी चिकित्सकों के संक्रमित होने की हर रोज खबर आ रही है. लेकिन यहां के स्वास्थ्यकर्मी मास्क और ग्लव्स लगाकर ही खुद को सुरक्षित मान रहे हैं. सैंपल कलेक्ट करने वाले कर्मियों का कहना था कि वे इन सभी चीजों का प्रयोग कर ही सुरक्षित हैं. पीपीई किट पहनने की जरूरत नहीं है.

जान जोखिम में डालकर कर रहे काम
गर्मी का वास्ता देकर जान को जोखिम में डालकर काम कर रहे इन स्वास्थ्यकर्मियों के साथ- साथ चकाई रेफरल अस्पताल के स्वास्थ्य प्रबंधक उपेंद्र चौधरी भी मास्क और ग्लव्स लगाकर काम कर रहे स्वास्थ्यकर्मियों को सुरक्षित मान रहे हैं. ऐसा नहीं है कि इन कर्मियों को विभाग ने पीपीई किट उपलब्ध नहीं कराया है. पीपीई किट होने के बावजूद ये लोग बिना उसे पहने ही कोरोना जांच के लिए सैंपल कलेक्ट कर रहे थे.

क्या कहती हैं एएनएम
सैंपल ले रही एएनएम ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में गर्मी अधिक होने के कारण पीपीई किट पहन कर ज्यादा देर नहीं रह सकते, उपर से टारगेट अधिक है. पीपीई किट में महज 13 से 14 लोगों का सैंपलिंग किया जा सकता है. लेकिन यहां सैंकड़ों की तादाद में लोगों का सैंपल लेना है. ऐसे में पीपीई किट पहन कर सैंपल लेना संभव नहीं है.

एएनएम की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव
रविवार को लगातार दूसरे दिन भी स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी एएनएम ने डढ़वा पंचायत के रंगनिया गांव में कोरोना टेस्ट बिना पीपीई किट पहने ही किया. करीब 54 से अधिक लोगों का टेस्ट लिया जा चुका था. इसी बीच जांच टीम में शामिल एक एएनएम की तबियत खराब हो गयी. जिसके बाद उसने मौके पर ही जांच कराई.

जांच में उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आयी. जिसके बाद जांच कर चुके लोगों में हड़कंप मच गया. बताया जाता है कि इससे पहले उस गांव में लोगों की जांच की जा चुकी थी. लैब टेक्नीशियन के हड़ताल के कारण जिला स्वास्थ्य समिति ने सभी प्रखंड की एएनएम और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों को कोरोना सैंपल लेने में लगाया है.

संक्रमण बढ़ने का खतरा
ऐसे में एएनएम और स्वास्थ्यकर्मियों की ओर से बरती जा रही लापरवाही कहीं न कहीं कोरोना संक्रमण को बढ़ावा दे रहा है. यह जानते हुए भी स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारी इस लापरवाही की अनदेखी कर रहे हैं.

जमुई: जिले के चकाई में कोरोना टेस्टिंग में घोर लापरवाही बरती जा रही है. जिससे कोरोना संक्रमण के फैलने का खतरा बढ़ गया है. सुरक्षा मानकों की अनदेखी कर स्वास्थ्यकर्मी कोरोना संदिग्ध मरीजों का सैंपल जांच के लिए कलेक्ट कर रहे हैं.

पीपीई किट पहनने की हिदायत
आम तौर पर कोरोना सैंपलिंग के दौरान स्वास्थ्य कर्मियों को पीपीई किट पहनने की हिदायत दी गई है. लेकिन यहां गांव-गांव जाकर सैंपल कलेक्ट कर रही एएनएम और अन्य स्वास्थ्यकर्मी बिना सुरक्षा मानक को ध्यान में रखे ही सैंपल कलेक्ट कर रहे हैं. रविवार को चकाई प्रखंड के बिशनपुर गांव में भी ऐसा ही कुछ देखने को मिला.

लोगों का लिया जा रहा सैंपल
यहां डॉ. उमेश शर्मा, फर्मासिस्ट अनुप कुमार, एएनएम सरीता हांसदा, स्नेहलता कुमारी, यसोदा कुमारी दास, बेबी कुमारी आदि ग्रामीणों का सैंपल कलेक्ट करने में जुटे थे. ये सभी स्वास्थ्यकर्मी बिना पीपीई किट के ही लोगों का सैंपल ले रहे थे. साधारण ग्लव्स, साधारण मास्क और सिर पर पीपीई किट का कैप लगाकर सभी खुद को सुरक्षित मान रहे थे.

क्या कहते हैं स्वास्थ्यकर्मी
बड़े-बड़े अस्पताल में उतनी सुरक्षा के बाद भी चिकित्सकों के संक्रमित होने की हर रोज खबर आ रही है. लेकिन यहां के स्वास्थ्यकर्मी मास्क और ग्लव्स लगाकर ही खुद को सुरक्षित मान रहे हैं. सैंपल कलेक्ट करने वाले कर्मियों का कहना था कि वे इन सभी चीजों का प्रयोग कर ही सुरक्षित हैं. पीपीई किट पहनने की जरूरत नहीं है.

जान जोखिम में डालकर कर रहे काम
गर्मी का वास्ता देकर जान को जोखिम में डालकर काम कर रहे इन स्वास्थ्यकर्मियों के साथ- साथ चकाई रेफरल अस्पताल के स्वास्थ्य प्रबंधक उपेंद्र चौधरी भी मास्क और ग्लव्स लगाकर काम कर रहे स्वास्थ्यकर्मियों को सुरक्षित मान रहे हैं. ऐसा नहीं है कि इन कर्मियों को विभाग ने पीपीई किट उपलब्ध नहीं कराया है. पीपीई किट होने के बावजूद ये लोग बिना उसे पहने ही कोरोना जांच के लिए सैंपल कलेक्ट कर रहे थे.

क्या कहती हैं एएनएम
सैंपल ले रही एएनएम ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में गर्मी अधिक होने के कारण पीपीई किट पहन कर ज्यादा देर नहीं रह सकते, उपर से टारगेट अधिक है. पीपीई किट में महज 13 से 14 लोगों का सैंपलिंग किया जा सकता है. लेकिन यहां सैंकड़ों की तादाद में लोगों का सैंपल लेना है. ऐसे में पीपीई किट पहन कर सैंपल लेना संभव नहीं है.

एएनएम की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव
रविवार को लगातार दूसरे दिन भी स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी एएनएम ने डढ़वा पंचायत के रंगनिया गांव में कोरोना टेस्ट बिना पीपीई किट पहने ही किया. करीब 54 से अधिक लोगों का टेस्ट लिया जा चुका था. इसी बीच जांच टीम में शामिल एक एएनएम की तबियत खराब हो गयी. जिसके बाद उसने मौके पर ही जांच कराई.

जांच में उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आयी. जिसके बाद जांच कर चुके लोगों में हड़कंप मच गया. बताया जाता है कि इससे पहले उस गांव में लोगों की जांच की जा चुकी थी. लैब टेक्नीशियन के हड़ताल के कारण जिला स्वास्थ्य समिति ने सभी प्रखंड की एएनएम और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों को कोरोना सैंपल लेने में लगाया है.

संक्रमण बढ़ने का खतरा
ऐसे में एएनएम और स्वास्थ्यकर्मियों की ओर से बरती जा रही लापरवाही कहीं न कहीं कोरोना संक्रमण को बढ़ावा दे रहा है. यह जानते हुए भी स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारी इस लापरवाही की अनदेखी कर रहे हैं.

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