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सर्पदंश से महिला को मरा समझकर फिर भी ले गए अस्पताल, 'धरती के भगवान' ने इस तरह बचाई जान

गोपालगंज में एक महिला को सांप ने डस लिया (Woman Was Bitten By Snake In Gopalganj) जिससे महिला अचेत हो गई. जिसके बाद महिला को परिजनों ने मृत समझ लिया लेकिन गोपालगंज सदर अस्पताल (Gopalganj Sadar Hospital) के डॉक्टर ने अथक प्रयास कर महिला की जान बचा ली. जिसके बाद पीड़ित महिला के परिजन सदर अस्पताल के डॉक्टर का शुक्रिया अदा करते नहीं थक रहे थे. पढ़ें पूरी खबर...

महिला की डॉक्टों ने बचाई जान
महिला की डॉक्टों ने बचाई जान
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Published : Aug 6, 2022, 6:58 PM IST

गोपालगंज: बिहार के सरकारी अस्पताल (Bihar Government Hospital) का नाम सुनते ही लोगों के मन में बेहतर चिकित्सकीय सुविधा नहीं मिलने का ख्याल जरूर आ जाता है. लेकिन इस ख्याल को एक परिजन उस वक्त अपने मन से निकाल कर डॉक्टर को धन्यवाद दिया, जब डॉक्टर ने सर्पदंश की शिकार महिला की अथक प्रयास के बाद जान बचाई. मिली जानकारी के अनुसार यादवपुर थाना क्षेत्र के गम्हरिया गांव निवासी नेहा देवी नाम की महिला को घर में कार्य करने के दौरान जहरीले सांप ने डस लिया. जिसके बाद उस महिला को आनन-फानन में गोपालगंज सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया.

ये भी पढ़ें- कैमूर में भाई को राखी बांधने आई महिला को सांप ने डसा, इलाज जारी

सर्पदंश शिकार महिला की इलाज से बची जान : डॉक्टर से इलाज के बाद महिला की हालत बिगड़ती चली गई. ऐसा लगा कि अब महिला की मौत हो जाएगी, उसे कोई बचा नहीं सकेगा. परिजन भी मान लिए की अब वह मर जाएगी. महिला के परिजनों ने नेहा देवी की जिंदगी की आस छोड़ दिए थे और उसे मरा समझकर रोने-बिलखने लगे. लेकिन इसी बीच गोपालगंज सदर अस्पताल में तैनात डॉक्टर सतीश कुमार और डॉ विमान केशरी ने साबित कर दिया कि धरती के भगवान डॉक्टर होते हैं. सदर अस्पताल में तैनात डॉक्टर और वहां के कर्मी मनीष कुमार के सूझबूझ से दोबारा महिला का इलाज शुरू किया.

डॉक्टरों ने महिला की बचाई जान : डॉक्टरों की अथक प्रयास से उस महिला की जान बचाई जा सकी. हालांकि डॉक्टर के मुताबिक चिकित्सकों ने भी उस महिला की जिंदगी की आस छोड़ दिया था. और उसकी गंभीर हालत होने के कारण उसे हायर सेंटर रेफर किया था. लेकिन फिर भी डॉक्टर को तसल्ली नहीं हुई तो डॉक्टर ने कम्पाउंडर की मदद से उस महिला का फिर से इलाज करना शुरू कर दिया. ऐसे में काफी मेहनत-मशक्कत करने के बाद उस महिला की जान बचाई जा सकी. फिलहाल महिला को डॉक्टरों की देख-रेख में रखा गया है. डॉक्टरों ने महिला की हालत स्टेबल बताया है.

'सांप काटने के बाद मैं सदर अस्पताल में अपनी पत्नी को लेकर आया था और यहां के डॉक्टरों की मेहनत की वजह से मेरी पत्नी मौत के मुंह से वापस आ गई है और मेरे बच्चों को उनकी मां वापस मिल गई है. मैं इतना खुश हूं कि, मेरे पास यहां के डॉक्टरों की तारीफ करने के लिए शब्द नहीं है और यहां की प्रशासन की जितनी तारीफ करूं कम है. मुझे विश्वास ही नहीं बल्कि भरोसा हो गया कि सदर अस्पताल में बेहतर इलाज होता है.' - नरेश यादव, पीड़ित महिला के पति

पीड़ित महिला के पति ने डॉक्टर को बताया भगवान : इस मामले पर पीड़ित महिला ने भी उस डॉक्टर को धन्यवाद कहा और कहा कि डॉक्टर भगवान के रूप होते हैं और सच में भगवान ने मुझे बचा लिया. वहीं इसकी जानकारी मिलते ही सदर अस्पताल के प्रबंधक सिद्धार्थ कुमार उन परिजन से मिलने पहुंचे और परिजनों से मिलकर काफी खुश हुए. उन्होंने कहा कि- 'हमारे डॉक्टर्स हमेशा ही प्रयास करते हैं कि मरीजों की जान बचाई जाए, इतनी गंभीर स्थिति में भी डॉक्टरों ने मेहनत कर मरीज की जान बचाई जिससे मुझे काफी खुशी है और मरीज ने भी काफी खुशी जाहिर की है.

गोपालगंज: बिहार के सरकारी अस्पताल (Bihar Government Hospital) का नाम सुनते ही लोगों के मन में बेहतर चिकित्सकीय सुविधा नहीं मिलने का ख्याल जरूर आ जाता है. लेकिन इस ख्याल को एक परिजन उस वक्त अपने मन से निकाल कर डॉक्टर को धन्यवाद दिया, जब डॉक्टर ने सर्पदंश की शिकार महिला की अथक प्रयास के बाद जान बचाई. मिली जानकारी के अनुसार यादवपुर थाना क्षेत्र के गम्हरिया गांव निवासी नेहा देवी नाम की महिला को घर में कार्य करने के दौरान जहरीले सांप ने डस लिया. जिसके बाद उस महिला को आनन-फानन में गोपालगंज सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया.

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सर्पदंश शिकार महिला की इलाज से बची जान : डॉक्टर से इलाज के बाद महिला की हालत बिगड़ती चली गई. ऐसा लगा कि अब महिला की मौत हो जाएगी, उसे कोई बचा नहीं सकेगा. परिजन भी मान लिए की अब वह मर जाएगी. महिला के परिजनों ने नेहा देवी की जिंदगी की आस छोड़ दिए थे और उसे मरा समझकर रोने-बिलखने लगे. लेकिन इसी बीच गोपालगंज सदर अस्पताल में तैनात डॉक्टर सतीश कुमार और डॉ विमान केशरी ने साबित कर दिया कि धरती के भगवान डॉक्टर होते हैं. सदर अस्पताल में तैनात डॉक्टर और वहां के कर्मी मनीष कुमार के सूझबूझ से दोबारा महिला का इलाज शुरू किया.

डॉक्टरों ने महिला की बचाई जान : डॉक्टरों की अथक प्रयास से उस महिला की जान बचाई जा सकी. हालांकि डॉक्टर के मुताबिक चिकित्सकों ने भी उस महिला की जिंदगी की आस छोड़ दिया था. और उसकी गंभीर हालत होने के कारण उसे हायर सेंटर रेफर किया था. लेकिन फिर भी डॉक्टर को तसल्ली नहीं हुई तो डॉक्टर ने कम्पाउंडर की मदद से उस महिला का फिर से इलाज करना शुरू कर दिया. ऐसे में काफी मेहनत-मशक्कत करने के बाद उस महिला की जान बचाई जा सकी. फिलहाल महिला को डॉक्टरों की देख-रेख में रखा गया है. डॉक्टरों ने महिला की हालत स्टेबल बताया है.

'सांप काटने के बाद मैं सदर अस्पताल में अपनी पत्नी को लेकर आया था और यहां के डॉक्टरों की मेहनत की वजह से मेरी पत्नी मौत के मुंह से वापस आ गई है और मेरे बच्चों को उनकी मां वापस मिल गई है. मैं इतना खुश हूं कि, मेरे पास यहां के डॉक्टरों की तारीफ करने के लिए शब्द नहीं है और यहां की प्रशासन की जितनी तारीफ करूं कम है. मुझे विश्वास ही नहीं बल्कि भरोसा हो गया कि सदर अस्पताल में बेहतर इलाज होता है.' - नरेश यादव, पीड़ित महिला के पति

पीड़ित महिला के पति ने डॉक्टर को बताया भगवान : इस मामले पर पीड़ित महिला ने भी उस डॉक्टर को धन्यवाद कहा और कहा कि डॉक्टर भगवान के रूप होते हैं और सच में भगवान ने मुझे बचा लिया. वहीं इसकी जानकारी मिलते ही सदर अस्पताल के प्रबंधक सिद्धार्थ कुमार उन परिजन से मिलने पहुंचे और परिजनों से मिलकर काफी खुश हुए. उन्होंने कहा कि- 'हमारे डॉक्टर्स हमेशा ही प्रयास करते हैं कि मरीजों की जान बचाई जाए, इतनी गंभीर स्थिति में भी डॉक्टरों ने मेहनत कर मरीज की जान बचाई जिससे मुझे काफी खुशी है और मरीज ने भी काफी खुशी जाहिर की है.

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