ETV Bharat / state

गोपालगंज में विचाराधीन कैदी बिना जमानत जेल से रिहा, कोर्ट ने जेल अधीक्षक से मांगा जवाब - गोपालगंज जेल से कैदी रिहा

चनावे मंडल कारागार (Chanave Mandal Prison) में बंद इस कैदी को एक मामले में बेल मिली थी, जबकि दूसरे मामले में जेल में ही रखने का कोर्ट का आदेश था. इसके बावजूद उसे रिहा कर दिया गया.

विचाराधीन कैदी बिना जमानत जेल से रिहा
विचाराधीन कैदी बिना जमानत जेल से रिहा
author img

By

Published : Oct 17, 2022, 12:21 PM IST

गोपालगंज: बिहार के गोपालगंज में विचाराधीन कैदी बिना जमानत जेल से रिहा (Prisoner Released from Gopalganj Jail Without Bail) हो गया. शनिवार को कैदी की जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान मामले का खुलासा हुआ. चनावे मंडल कारागार में बंद विचाराधीन बंदी को एक अक्टूबर को ही जेलर ने रिहा कर दिया था. कोर्ट ने इस मामले में जेल अधीक्षक से जवाब तलब किया है. इस मामले की सुनवाई के लिए 21 अक्टूबर की तारीख मुकर्रर की गई है.

ये भी पढ़ें: गोपालगंज जेल में 28 साल बिताने के बाद कोर्ट ने कहा- 'ये शख्स निर्दोष है', जानिए क्या है पूरा मामला

विचाराधीन कैदी बिना जमानत जेल से रिहा: प्रभारी जेल अधीक्षक राहुल कुमार ने कहा कि कैदी पर दो केस चल रहा था. एक मेंटेनेंस और दूसरा मामला प्रताड़ना का था. मेंटेनेंस मामले में कोर्ट के आदेश पर उसे रिहा कर दिया गया लेकिन कोर्ट ने प्रताड़ना के मामले में कस्टडी में रखने के लिए जो पत्र जेलर के नाम जारी किया था, वह उसे मिला ही नहीं था. पूरे मामले की जांच कराई जाएगी.

ये भी पढ़ें: गाेपालगंजः चनावे मंडल कारा में हत्या के आराेपी ने ब्लेड से गला काटकर की आत्महत्या की कोशिश

गोपालगंज: बिहार के गोपालगंज में विचाराधीन कैदी बिना जमानत जेल से रिहा (Prisoner Released from Gopalganj Jail Without Bail) हो गया. शनिवार को कैदी की जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान मामले का खुलासा हुआ. चनावे मंडल कारागार में बंद विचाराधीन बंदी को एक अक्टूबर को ही जेलर ने रिहा कर दिया था. कोर्ट ने इस मामले में जेल अधीक्षक से जवाब तलब किया है. इस मामले की सुनवाई के लिए 21 अक्टूबर की तारीख मुकर्रर की गई है.

ये भी पढ़ें: गोपालगंज जेल में 28 साल बिताने के बाद कोर्ट ने कहा- 'ये शख्स निर्दोष है', जानिए क्या है पूरा मामला

विचाराधीन कैदी बिना जमानत जेल से रिहा: प्रभारी जेल अधीक्षक राहुल कुमार ने कहा कि कैदी पर दो केस चल रहा था. एक मेंटेनेंस और दूसरा मामला प्रताड़ना का था. मेंटेनेंस मामले में कोर्ट के आदेश पर उसे रिहा कर दिया गया लेकिन कोर्ट ने प्रताड़ना के मामले में कस्टडी में रखने के लिए जो पत्र जेलर के नाम जारी किया था, वह उसे मिला ही नहीं था. पूरे मामले की जांच कराई जाएगी.

ये भी पढ़ें: गाेपालगंजः चनावे मंडल कारा में हत्या के आराेपी ने ब्लेड से गला काटकर की आत्महत्या की कोशिश

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.