गोपालगंज: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव (RJD supremo Lalu Prasad Yadav) 25 सितंबर यानी रविवार को कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष से मुलाकात (nitish lalu meeting with sonia gandhi) करेंगे. बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा है कि 25 को शाम छह बजे सोनिया गांधी से दोनों नेता मिलेंगे और देशभर के विपक्षी दलों को एक मंच पर लाने की चल रही कोशिश पर बात करेंगे.
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लालू बोले- 2024 में BJP का सफाया तय : इससे पहले आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव (RJD Chief Lalu Yadav) आज सुबह दिल्ली के लिए रवाना हो गए. इस दौरान उन्होंने बीजेपी पर जमकर हमला बोला है. वहीं लालू से जब पत्रकारों ने केन्द्रीय मंत्री अमित शाह के सीमांचल दौरे को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अमित शाह अब रिटायर हो चुके हैं और पूरे देश से बीजेपी वालों का सफाया होगा. उन्होंने कहा कि विपक्ष एकजुट होगा और अगली बार बीजेपी सत्ता में नहीं आयेगी.
25 सितंबर की फतेहाबाद रैली में शामिल होंगे नीतीश : बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात के पहले 25 सितंबर यानी रविवार को को ही नीतीश कुमार, आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव हरियाणा के फतेहाबाद में इंडियन नेशनल लोकदल द्वारा आयोजित रैली (Fatehabad Rally On September 25) में भाग लेंगे.
मिशन 2024 पर नीतीश कुमार: दरअसल, ओम प्रकाश चौटाला ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को समारोह में शामिल होने का आमंत्रण दिया है. जानकारी के अनुसार एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार, आंध्रप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, शरद यादव, के.सी त्यागी को भी आमंत्रित किया गया है. ये सभी विपक्ष के दिग्गज नेताओं में से माने जाते हैं. ऐसे में अगर ये सभी एक मंच पर आते हैं तो काफी कुछ समझा जा सकता है.
BJP विरोधियों को एकजुट करने में लगे नीतीश : बता दें कि पिछले साल भी हरियाणा के जींद में चौधरी देवीलाल की जयंती के मौके पर विपक्षी एकता को लेकर रैली की गई थी. लेकिन राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में होने के चलते नीतीश रैली में नहीं गए थे और केसी त्यागी को हिस्सा लेने के लिए भेजा गया था. के चंद्रशेखर राव, अरविंद केजरीवाल और ममता बनर्जी को लेकर विपक्षी खेमे में संशय है. कुछ दल जहां गैर भाजपा और गैर कांग्रेसी गठबंधन की वकालत कर रहे हैं, वहीं नीतीश कुमार तमाम दलों को एक फोरम पर लाने की कोशिश में जुटे हैं.
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