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केंद्रीय पुस्तकाल को फिर से खोले जाने के लिए चलाया गया हस्ताक्षर अभियान

शिक्षा विभाग परिसर में जिले का एक मात्र केंद्रीय पुस्तकाल सालों से बंद पड़ा है. हजारों महंगी किताबें यहां रखे-रखे खराब हो रही हैं. वहीं गरीब होनहार छात्र पुस्तकें महंगी रहने से पढ़ने से वंचित रह जाते हैं.

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केंद्रीय पुस्तकाल फिर से खोले जाने के लिए चलाया गया हस्ताक्षर अभियान
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Published : Jan 11, 2020, 12:31 PM IST

गोपालगंजः जिले के मौनिया चौक पर जिला बुद्धिजीवी मंच ने हस्ताक्षर अभियान चलाया. ये मुख्यालय स्थित एक मात्र जिला केंद्रीय पुस्तकालय को फिर से खोले जाने को लेकर चलाया गया. इसमें सैंकड़ों लोगों ने भाग लेकर हस्ताक्षर किया.

जरूरतमंद छात्र रह जाते हैं वंचित
बता दें कि शिक्षा विभाग परिसर में जिले का एक मात्र केंद्रीय पुस्तकाल सालों से बंद पड़ा है. हजारों महंगी किताबें यहां रखे-रखे खराब हो रही हैं. स्थानीय लोगों ने बताया कि जिले के एकमात्र केंद्रीय पुस्तकालय नहीं खुलने से छात्र-छात्राए बाजारों से महंगी किताबें खरीदने के लिए मजबूर हैं. वहीं, गरीब होनहार छात्र पुस्तकें महंगी रहने से पढ़ने से वंचित रह जाते हैं.

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हस्ताक्षर अभियान में भाग लेते लोग

अधिकारी नहीं दे रहे ध्यान
जिला बुद्धिजीवी मंच के सदस्य वरुण मिश्रा ने बताया कि केंद्रीय पुस्तकाल प्रशासनिक उपेक्षा की वजह से बंद पड़ा है. बुद्धिजीवी मंच समय-समय पर कार्यक्रम आयोजित कर इसे खोलने की मांग करता रहा है. उन्होंने बताया कि पहले भी कई बार अधिकारियों से इस बारे में बात की गई है. लेकिन इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया.

केंद्रीय पुस्तकाल फिर से खोले जाने के लिए चलाया गया हस्ताक्षर अभियान

पुस्तकालय फिर से खोलने की मांग
वरुण मिश्रा ने बताया कि इस हस्ताक्षर अभियान से लोगों द्वारा किए गए हस्ताक्षर को जिलाधिकारी और मुख्यमंत्री के पास भेजा जाएगा. इसके माध्यम से पुस्तकालय को बेहतर संसाधन के साथ खोलने की मांग की जाएगी.

गोपालगंजः जिले के मौनिया चौक पर जिला बुद्धिजीवी मंच ने हस्ताक्षर अभियान चलाया. ये मुख्यालय स्थित एक मात्र जिला केंद्रीय पुस्तकालय को फिर से खोले जाने को लेकर चलाया गया. इसमें सैंकड़ों लोगों ने भाग लेकर हस्ताक्षर किया.

जरूरतमंद छात्र रह जाते हैं वंचित
बता दें कि शिक्षा विभाग परिसर में जिले का एक मात्र केंद्रीय पुस्तकाल सालों से बंद पड़ा है. हजारों महंगी किताबें यहां रखे-रखे खराब हो रही हैं. स्थानीय लोगों ने बताया कि जिले के एकमात्र केंद्रीय पुस्तकालय नहीं खुलने से छात्र-छात्राए बाजारों से महंगी किताबें खरीदने के लिए मजबूर हैं. वहीं, गरीब होनहार छात्र पुस्तकें महंगी रहने से पढ़ने से वंचित रह जाते हैं.

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हस्ताक्षर अभियान में भाग लेते लोग

अधिकारी नहीं दे रहे ध्यान
जिला बुद्धिजीवी मंच के सदस्य वरुण मिश्रा ने बताया कि केंद्रीय पुस्तकाल प्रशासनिक उपेक्षा की वजह से बंद पड़ा है. बुद्धिजीवी मंच समय-समय पर कार्यक्रम आयोजित कर इसे खोलने की मांग करता रहा है. उन्होंने बताया कि पहले भी कई बार अधिकारियों से इस बारे में बात की गई है. लेकिन इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया.

केंद्रीय पुस्तकाल फिर से खोले जाने के लिए चलाया गया हस्ताक्षर अभियान

पुस्तकालय फिर से खोलने की मांग
वरुण मिश्रा ने बताया कि इस हस्ताक्षर अभियान से लोगों द्वारा किए गए हस्ताक्षर को जिलाधिकारी और मुख्यमंत्री के पास भेजा जाएगा. इसके माध्यम से पुस्तकालय को बेहतर संसाधन के साथ खोलने की मांग की जाएगी.

Intro:जिला केंद्रीय पुस्तकाल खोले जाने को लेकर चलाया गया हस्ताक्षर अभियान
----सैकड़ो लोगो ने हस्ताक्षर कर दी सहमति

गोपालगंज। जिला मुख्यालय गोपालगंज में स्थित एक मात्र जिला केंद्रीय पुस्तकाल को पुनः खोले जाने को लेकर मौनिया चौक पर जिला बुद्धिजीवी मंच के द्वारा हस्ताक्षर अभियान चलाया गया। जिसमे सैकड़ो लोगो ने हस्ताक्षर कर अपनी सहमति दी।


Body:ज्ञातव्य हो कि शिक्षा विभाग परिसर में स्थित जिले का एक मात्र जिला केंद्रीय पुस्तकाल वर्षो से बंद पड़ा है। जिसमें हजारों महंगे पुस्तके रखे रखे खराब हो रहे है। लेकिन छात्रों को मिलने वाली सुविधा नशीब नही हो रही है। वही जिला बुद्धिजीवी मंच द्वारा हमेशा इसे खुलवाने को लेकर विभिन्न तरह के कार्यक्रम आयोजित की जाती रही है। वही एक बार फिर जिला केन्द्रीय पुस्तकाल के पुनः खोंलने को लेकर इसकी मांग उठने लगी है। जिसको लेकर शहर के मौनिया चौक पर हस्ताक्षर अभियान चलाकर लोगो से इसकी सहमति ली गई। इस संदर्भ में मंच जुड़े वरुण मिश्रा ने बताया कि जिला केंद्रीय पुस्तकाल प्रशानिक उपेक्षा के कारण बंद हुआ है। और प्रशान द्वारा इसपर पहल नही की जाने के कारण हजारों पुस्तके छात्र छात्राओ से वंचित है। बुद्धिजीवी मंच द्वारा समय समय पर कार्यक्रम आयोजित कर इसे खोंलने के लिए मांग की जाती रही है। और यह हस्ताक्षर अभियान चलाकर लोगो द्वारा किए गए हस्ताक्षर जिलाधिकारी और मुख्यमंत्री के पास भेज कर इससे पुनः वेहतर संसाधन के साथ खोंलने की मांग की जाएगी।

बाइट-वरुण मिश्रा, जिला बुद्धिजीवी मंच
बाइट-प्रमीला तिवारी, स्थानीय


Conclusion:जिले के एकमात्र जिला केंद्रीय पुस्तकालय नही खुलने से छात्र छात्राए महंगे पुस्तकें बाजरो से खरीदने को बाध्य होते है वही गरीब होनहार छात्र महंगे पुस्तको से वंचित रह जाते है। लेकिन जिला प्रशासन के उदाशीनता के कारण यह वर्षों से बंद पड़ा है।
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