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7 मजदूर कश्मीर के अनंतनाग से बिहार लौटे, गांव पहुंचकर बोले- 'अब नहीं जाना दोबारा'

गोपालगंज जिले के सात मजदूर सकुशल अपने गांव अनंतनाग से लौट (7 laborers of Gopalganj returned their village) गये हैं. मजदूरों कहा अब दोबारा अनंतनाग नहीं जाना है. मजदूरों ने कहा कि जिस तरह से फायरिंग की गयी, उससे जिंदगी बाल-बाल बची है. वही सांसद डॉ आलोक कुमार सुमन (MP Dr. Alok Kumar Suman) ने कहा कि बिहार सरकार उनकी रोजगार और उन्हें काम देने के लिए लगातार काम कर रही है.

गोपालगंज के सात मजदूर अनंतनाग से लौटे सकुशल अपने गांव
गोपालगंज के सात मजदूर अनंतनाग से लौटे सकुशल अपने गांव
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Published : Nov 20, 2022, 5:09 PM IST

गोपालगंज: बिहार के जिले के सात मजदूर, सांसद और गृह विभाग की पहल से अपने गांव सकुशल लौट (Seven laborers of Gopalganj returned safely) आये हैं. साथ मजदूरों ने आतंकी हमले की पूरी दस्तां बताई. इस दौरान मजदूरों ने सांसद डॉ आलोक कुमार सुमन को धन्यवाद दिया है. जिनकी पहल पर वे अपने गांव लौटे है. वही अनंतनाग से लौटे मजदूरों ने कहा कि अब हम दोबारा नहीं जाएंगे अपने ही राज्य व शहर में रहकर रोजी रोटी की व्यवस्था करेंगे.

यह भी पढ़ें: गोपालगंज में मद्य निषेद्य विभाग की समीक्षा बैठक, अपर सचिव ने दिए दिशा-निर्देश

जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में आतंकियों ने किया था हमला: दरअसल जिले के अधिकांश लोग विभिन्न्न राज्यों में रहकर रोजी-रोटी की व्यवस्था करते हैं. वहीं जिले के सात मजदूरों पर तीन नवंबर को जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में आतंकियों ने हमला कर दिया था. इस हमले में गोपालगंज सदर प्रखंड की जादोपुर दुखहरण पंचायत के मशानथाना गांव का निवासी भिखु उर्फ राजू राम को गोली लगी थी, जबकि इन मजदूरों को बचाने में वहां तैनात नेपाली नागरिक बहादुर थापा की मौत हो गयी थी. वारदात के बाद से इन सभी मजदूरों को स्थानीय प्रशासन ने जम्मू-कश्मीर में नजरबंद कर रखा था. परिजनों को वारदात के 12 दिनों बाद घटना की जानकारी हुई. जिसके बाद परिजनों ने सांसद सह जेडीयू के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष डॉ आलोक कुमार सुमन को पूरी बात बतायी और सुरक्षित वापस बुलाने की गुहार लगायी थी.

सांसद ने गृह विभाग को लिखा था पत्र: परिजनों द्वारा लगाई गई गुहार के बाद सांसद ने गृह विभाग में बात की और मामले में जम्मू-कश्मीर में फंसे मजदूरों को वापस घर बुलाने के लिए पत्र लिखा था. इसके बाद सेना ने सभी मजदूरों को अनंतनाग जिले से बाहर निकाला और घर भेज दिया. वापस अपने घर लौटने वाले मजदूरों में मशानथाना गांव के नगीना राम, धर्मेंद्र राम, सुनील राम, मुन्ना साह, हीरापाकड़ गांव के हरेंद्र मांझी, चौराव गांव निवासी सुरेंद्र राम भी जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों से घिरे हुए थे. जो अपने घर लौटकर राहत की सांस ली है और सांसद के पहल की सराहना की है. इस सन्दर्भ में आतंकी हमले में जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले से बचकर घर पहुंचे मजदूरों ने कहा कि आतंकियों के इलाके में जम्मू-कश्मीर कभी नहीं जायेंगे. मजदूरों ने कहा कि जिस तरह से फायरिंग की गयी, उसमें जिंदगी बाल-बाल बची है. सेना नहीं होती तो शायद उनकी जान नहीं बच पाती.

"बिहार सरकार उनकी रोजगार और उन्हें काम देने के लिए लगातार काम कर रही है. अब इन मजदूरों को घर पर ही काम मिलेगा. इन्हें ऐसे जोन में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी." :- डॉ आलोक कुमार सुमन, सांसद

यह भी पढ़ें: गोपालगंज में पुलिसकर्मियों से भरी नाव गंडक नदी में पलटी, 1 जवान की मौत

गोपालगंज: बिहार के जिले के सात मजदूर, सांसद और गृह विभाग की पहल से अपने गांव सकुशल लौट (Seven laborers of Gopalganj returned safely) आये हैं. साथ मजदूरों ने आतंकी हमले की पूरी दस्तां बताई. इस दौरान मजदूरों ने सांसद डॉ आलोक कुमार सुमन को धन्यवाद दिया है. जिनकी पहल पर वे अपने गांव लौटे है. वही अनंतनाग से लौटे मजदूरों ने कहा कि अब हम दोबारा नहीं जाएंगे अपने ही राज्य व शहर में रहकर रोजी रोटी की व्यवस्था करेंगे.

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जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में आतंकियों ने किया था हमला: दरअसल जिले के अधिकांश लोग विभिन्न्न राज्यों में रहकर रोजी-रोटी की व्यवस्था करते हैं. वहीं जिले के सात मजदूरों पर तीन नवंबर को जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में आतंकियों ने हमला कर दिया था. इस हमले में गोपालगंज सदर प्रखंड की जादोपुर दुखहरण पंचायत के मशानथाना गांव का निवासी भिखु उर्फ राजू राम को गोली लगी थी, जबकि इन मजदूरों को बचाने में वहां तैनात नेपाली नागरिक बहादुर थापा की मौत हो गयी थी. वारदात के बाद से इन सभी मजदूरों को स्थानीय प्रशासन ने जम्मू-कश्मीर में नजरबंद कर रखा था. परिजनों को वारदात के 12 दिनों बाद घटना की जानकारी हुई. जिसके बाद परिजनों ने सांसद सह जेडीयू के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष डॉ आलोक कुमार सुमन को पूरी बात बतायी और सुरक्षित वापस बुलाने की गुहार लगायी थी.

सांसद ने गृह विभाग को लिखा था पत्र: परिजनों द्वारा लगाई गई गुहार के बाद सांसद ने गृह विभाग में बात की और मामले में जम्मू-कश्मीर में फंसे मजदूरों को वापस घर बुलाने के लिए पत्र लिखा था. इसके बाद सेना ने सभी मजदूरों को अनंतनाग जिले से बाहर निकाला और घर भेज दिया. वापस अपने घर लौटने वाले मजदूरों में मशानथाना गांव के नगीना राम, धर्मेंद्र राम, सुनील राम, मुन्ना साह, हीरापाकड़ गांव के हरेंद्र मांझी, चौराव गांव निवासी सुरेंद्र राम भी जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों से घिरे हुए थे. जो अपने घर लौटकर राहत की सांस ली है और सांसद के पहल की सराहना की है. इस सन्दर्भ में आतंकी हमले में जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले से बचकर घर पहुंचे मजदूरों ने कहा कि आतंकियों के इलाके में जम्मू-कश्मीर कभी नहीं जायेंगे. मजदूरों ने कहा कि जिस तरह से फायरिंग की गयी, उसमें जिंदगी बाल-बाल बची है. सेना नहीं होती तो शायद उनकी जान नहीं बच पाती.

"बिहार सरकार उनकी रोजगार और उन्हें काम देने के लिए लगातार काम कर रही है. अब इन मजदूरों को घर पर ही काम मिलेगा. इन्हें ऐसे जोन में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी." :- डॉ आलोक कुमार सुमन, सांसद

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