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गोपालगंज: स्कूलों को खोलने की मांग पर प्राइवेट स्कूल एवं कोचिंग संस्थान एसोसिएशन का प्रदर्शन

गोपालगंज में प्राइवेट स्कूल एवं कोचिंग संस्थान एसोसिएशन ने स्कूलों को खोलने की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि कोरोना गाइडलाइन के तहत स्कूलों को खोलने की इजाजत देनी चाहिए.

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Published : Apr 10, 2021, 7:30 PM IST

प्रदर्शन
प्रदर्शन

गोपालगंज: हथुआ अनुमंडल में प्राइवेट स्कूल और कोचिंग संस्थान एसोसिएशन ने सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया. संचालकों ने मीरगंज के जेपी चौक से हथुआ अनुमंडल कार्यालय तक पैदल मार्च किया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने सभी निजी स्कूलों और कोचिंग संस्थानों को खोलने की मांग की.

सचिव विजय कुमार सिंह का कहना है कि "सरकार द्वारा सभी शैक्षणिक गतिविधियां रोक दिए जाने से निजी शिक्षक भुखमरी के कगार पर आ गए हैं. इसलिए सरकार को कोरोना गाइडलाइन के तहत स्कूलों को खोलने की इजाजत देनी चाहिए."

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

पढ़ें: औरंगाबाद में लागू कोविड गाइडलाइन, देव का चैत्री छठ मेला स्थगित, पुलिस को दें शादियों की सूचना

दरअसल, बिहार में लगातार कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ने से सरकार ने पहले 11 अप्रैल तक स्कूलों को बंद रखने के आदेश जारी किए थे, जिसे अब 18 अप्रैल तक बढ़ा दिया गया है. जिसका स्कूल एसोसिएशन विरोध कर रहा है.

कोरोना काल में सबसे ज्यादा प्रभावित निजी शिक्षक हैं जो कि भुखमरी के कगार पर खड़े हैं. उन्होंने कहा कि हमलोग भी इसी देश के नागरिक हैं. सरकार हमारी समस्या नहीं सुनेगी तो हम लोग आत्मदाह करने के लिए मजबूर हो जाएंगे.

school
प्राइवेट स्कूल एवं कोचिंग संस्थान एसोसिएशन.

पढ़ें: CORONA EFFECT: 7 प्रखंडों में बनाए गए माइक्रो कंटेनमेंट जोन, तेजी से चल रहा है वैक्सीनेशन

उन्होंने आरोप लगाते हुए सरकार को कहा कि सरकार का विवेक खत्म हो चुका है. सरकार को यह सोचना चाहिए कि क्या शिक्षक इतना गैर जिम्मेदार हैं कि वे कोरोना को बढ़ावा देंगे. हमारा भी ये नारा है कि 'दो गज दूरी शिक्षा है जरूरी'.

गोपालगंज: हथुआ अनुमंडल में प्राइवेट स्कूल और कोचिंग संस्थान एसोसिएशन ने सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया. संचालकों ने मीरगंज के जेपी चौक से हथुआ अनुमंडल कार्यालय तक पैदल मार्च किया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने सभी निजी स्कूलों और कोचिंग संस्थानों को खोलने की मांग की.

सचिव विजय कुमार सिंह का कहना है कि "सरकार द्वारा सभी शैक्षणिक गतिविधियां रोक दिए जाने से निजी शिक्षक भुखमरी के कगार पर आ गए हैं. इसलिए सरकार को कोरोना गाइडलाइन के तहत स्कूलों को खोलने की इजाजत देनी चाहिए."

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दरअसल, बिहार में लगातार कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ने से सरकार ने पहले 11 अप्रैल तक स्कूलों को बंद रखने के आदेश जारी किए थे, जिसे अब 18 अप्रैल तक बढ़ा दिया गया है. जिसका स्कूल एसोसिएशन विरोध कर रहा है.

कोरोना काल में सबसे ज्यादा प्रभावित निजी शिक्षक हैं जो कि भुखमरी के कगार पर खड़े हैं. उन्होंने कहा कि हमलोग भी इसी देश के नागरिक हैं. सरकार हमारी समस्या नहीं सुनेगी तो हम लोग आत्मदाह करने के लिए मजबूर हो जाएंगे.

school
प्राइवेट स्कूल एवं कोचिंग संस्थान एसोसिएशन.

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उन्होंने आरोप लगाते हुए सरकार को कहा कि सरकार का विवेक खत्म हो चुका है. सरकार को यह सोचना चाहिए कि क्या शिक्षक इतना गैर जिम्मेदार हैं कि वे कोरोना को बढ़ावा देंगे. हमारा भी ये नारा है कि 'दो गज दूरी शिक्षा है जरूरी'.

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