गोपालगंज: लोक आस्था का महापर्व को लेकर बाजारों में पहले के अपेक्षा रौनक कम देखने को मिल रही है. क्योंकि कोरोना काल मे लागू लॉक डाउन ने हर लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी है. बावजूद पूजा को लेकर श्रद्धालुओं के श्रद्धा कम नहीं हुई है.
दरअसल, कार्तिक माह में होने वाला महापर्व छठ पूजा पर चार दिनों तक लोग भक्ति भाव से मनाते रहे हैं. लेकिन पहली बार श्रद्धालु इस कोरोना काल मे छठ पूजा मना रहे है. इस कोरोना का असर पूजा पर भी देखने को मिला है. लॉक डाउन में लोगों की आमदनी कम हो गई है. जिसके कारण बाजारों में जो रौनक होती थी वह अब कम दिखाई दे रही है. श्रद्धालु कम मात्रा में पूजा के समान खरीद कर अनुष्ठान कर रहे हैं. शहर में पूजा सामाग्री के लिए सड़क के किनारे दुकानें लगी हैं और सामान खरीदने के लिए लोग पहुंच रहे है. लेकिन महंगाई की मार से हर वर्ग परेशान हैं.
इन सामानों के बढ़े दाम -
सामान का नाम | सामान दर रुपये में |
बड़ा दउरा | 100 से 120 |
छोटा दउरा | 60 से 80 |
छोटा ढाका | 100 से 120 |
बड़ा ढाका | 120 से 200 |
सूपली | 30 से 60 |
नारियल एक जोड़ा | 60 से 70 |
केला एक घौद | 250 से 300 |
मिट्टी के बर्तन | 120 से 150 |
सेव प्रति किलो | 80 से 100 |
सामानों को महंगे दर पर खरीदने को विवश
बता दें कि एक साल में सामानों की बढ़ी कीमतों ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है. पूजा के दौरान प्रयोग में लाए जाने वाले मौसमी फलों की दुकानें भी सज गई हैं. शहर के डाकघर चौक से लेकर कलेक्ट्रेट पथ और थाना रोड में शहर की मुख्य सड़कों पर दुकानदार दुकान लगी हैं. पूजा के दौरान प्रयोग में आने वाले सामान दुकानदारों के पास उपलब्ध है. लेकिन पिछले साल की अपेक्षा इस बार कुछ सामानों की कीमत दोगुनी तो कुछ की कीमत डेढ़ गुनी तक बढ़ चुकी है. लोग मोल-तोल के बीच सामान महंगे दर पर खरीदने को विवश हो रहे हैं. पिछले साल की तुलना में मिट्टी के बर्तन से लेकर बांस के बने सामानों की कीमत भी बढ़ गई है.