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हत्या का मामला दर्ज कराने वाला प्रत्यक्षदर्शी ही निकला मास्टरमाइंड, पुलिस ने किया गिरफ्तार

हथुआ थाना क्षेत्र के जिनबाबा के पास आगरा के रहनेवाले एक चालक की हत्या मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. हत्या करने वाला खुद ड्राइवर का मालिक प्रत्यक्षदर्शी नादेश्वर सिंह है. जिसने पूरी प्लानिंग के तहत तीन लोगों के साथ मिलकर अपने चालक की हत्या करवाई. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Nov 16, 2021, 2:00 PM IST

गोपालगंजः हथुआ थाने (Hathua Police Station) क्षेत्र में शुक्रवार को अज्ञात बदमाशों ने एक चालक की गोली मारकर हत्या कर दी थी. पुलिस ने इस मामले का खुलासा कर दिया है. पुलिस के मुताबिक हत्या का मामला दर्ज कराने वाला प्रत्यक्षदर्शी नादेश्वर सिंह (Nadeshwar Singh) ही मास्टरमाइंड है, जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. वहीं अन्य बदमाशों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है.

ये भी पढ़ेंः गोपालगंजः बेखौफ बदमाशों ने व्यवसायी के ड्राइवर को मारी गोली, घटनास्थल पर हुई मौत

दरअसल पिछले 12 नवंबर को हथुआ थाना क्षेत्र के जिनबाबा के पास आगरा के रहनेवाले एक चालक की गोली मारकर हत्या की गई थी. इसके बाद पुलिस ने हत्या के कारणों और अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए वैज्ञानिक तरीके से जांच पड़ताल शुरू की. पुलिस की जांच में मामले का भंडाफोड़ हुआ.

देखें वीडियो

एसडीपीओ नरेश कुमार ने खुलासा करते हुए बताया कि सिवान जिले के नौतन थाना क्षेत्र के गंभीरपुर गांव के नादेश्वर सिंह सहित चार अपराधियों ने मिलकर प्लानिंग के तहत ये हत्या की थी. उन्होंने बताया कि गाजियाबाद में नादेश्वर सिंह के मकान में पिकअप चालक मुकेश गौतम उर्फ मोनू अपनी पत्नी के साथ किराये पर रहता था. छठ पर वो अपने परिवार के साथ गंभीरपुर गांव आया हुआ था.

2017 में एक हत्या के मामले में नामजद अभियुक्त होने के कारण नादेश्वर ने प्लानिंग के तहत उक्त कांड से बरी होने के लिए चालक पर फायरिंग कराई. ताकि इसका आरोप पीड़ित परिवार पर लगाकर केस खत्म करने की तैयार की. आरोपी नर्वदेश्वर ने बरी रायभान गांव के जीन बाबा के पास चालक के साथ सुनसान इलाका में पहुंचा और नादेश्वर ने बाइक रोक दी. साथ ही पीछे से आ रहे तीन अपराधियों के साथ मिल कर चालक के दोनों जांघ पर गोली मारी. तीसरी गोली उसके पेट में लग गयी. इससे मौके पर ही उसकी मौत हो गयी.

ये भी पढ़ें - मधेपुर में अपराधियों ने लूट के दौरान व्यवसायी को मारी गोली

इस घटना के बाद आरोपी नर्वदेश्वर ने खुद स्थानीय थाने में जाकर अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज करवाया. वहीं, पुलिस ने विभिन्न साक्षयों और शक के आधार पर आरोपी नर्वदेश्वर को अपने हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ की तो परत दर परत मामलों का खुलासा हुआ. नादेश्वर ने बताया कि 2017 में हुई हत्या में आरोपित होने के कारण मृतक के परिवार के द्वारा बदला की भावना से हत्या करने का आरोप लगा रहा था. लेकिन पुलिस को यह बात पच नहीं रही थी. पुलिस द्वारा जब कड़ाई से पूछताछ की गई तब नादेश्वर ने अपना जुर्म कबूल करते हुए पूरे घटना को पुलिस के समक्ष रखा.

आरोपी ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि छह बदमाश इस कांड में संलिप्त हुए थे. जिसमें एक लाख रुपये में तीन बदमाशों को चालक के पैर में गोली मारकर जख्मी कर देने की सुपारी दी गयी थी. इसके लिए नादेश्वर सिंह ने 40 हजार रुपये बदमाशों को दिये. बाकी की राशि घटना को अंजाम देने के बाद देने के लिए तय की गयी. इसके बाद नादेश्वर शुक्रवार को अपने गांव गंभीरपुर से यूपी के आगरा के चंढवा गांव निवासी चालक मोनू गौतम को बाइक से लेकर हथुआ के लिए रवाना हो गया और रास्ते में इस घटना को अंजाम दिया गया.

गोपालगंजः हथुआ थाने (Hathua Police Station) क्षेत्र में शुक्रवार को अज्ञात बदमाशों ने एक चालक की गोली मारकर हत्या कर दी थी. पुलिस ने इस मामले का खुलासा कर दिया है. पुलिस के मुताबिक हत्या का मामला दर्ज कराने वाला प्रत्यक्षदर्शी नादेश्वर सिंह (Nadeshwar Singh) ही मास्टरमाइंड है, जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. वहीं अन्य बदमाशों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है.

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दरअसल पिछले 12 नवंबर को हथुआ थाना क्षेत्र के जिनबाबा के पास आगरा के रहनेवाले एक चालक की गोली मारकर हत्या की गई थी. इसके बाद पुलिस ने हत्या के कारणों और अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए वैज्ञानिक तरीके से जांच पड़ताल शुरू की. पुलिस की जांच में मामले का भंडाफोड़ हुआ.

देखें वीडियो

एसडीपीओ नरेश कुमार ने खुलासा करते हुए बताया कि सिवान जिले के नौतन थाना क्षेत्र के गंभीरपुर गांव के नादेश्वर सिंह सहित चार अपराधियों ने मिलकर प्लानिंग के तहत ये हत्या की थी. उन्होंने बताया कि गाजियाबाद में नादेश्वर सिंह के मकान में पिकअप चालक मुकेश गौतम उर्फ मोनू अपनी पत्नी के साथ किराये पर रहता था. छठ पर वो अपने परिवार के साथ गंभीरपुर गांव आया हुआ था.

2017 में एक हत्या के मामले में नामजद अभियुक्त होने के कारण नादेश्वर ने प्लानिंग के तहत उक्त कांड से बरी होने के लिए चालक पर फायरिंग कराई. ताकि इसका आरोप पीड़ित परिवार पर लगाकर केस खत्म करने की तैयार की. आरोपी नर्वदेश्वर ने बरी रायभान गांव के जीन बाबा के पास चालक के साथ सुनसान इलाका में पहुंचा और नादेश्वर ने बाइक रोक दी. साथ ही पीछे से आ रहे तीन अपराधियों के साथ मिल कर चालक के दोनों जांघ पर गोली मारी. तीसरी गोली उसके पेट में लग गयी. इससे मौके पर ही उसकी मौत हो गयी.

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इस घटना के बाद आरोपी नर्वदेश्वर ने खुद स्थानीय थाने में जाकर अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज करवाया. वहीं, पुलिस ने विभिन्न साक्षयों और शक के आधार पर आरोपी नर्वदेश्वर को अपने हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ की तो परत दर परत मामलों का खुलासा हुआ. नादेश्वर ने बताया कि 2017 में हुई हत्या में आरोपित होने के कारण मृतक के परिवार के द्वारा बदला की भावना से हत्या करने का आरोप लगा रहा था. लेकिन पुलिस को यह बात पच नहीं रही थी. पुलिस द्वारा जब कड़ाई से पूछताछ की गई तब नादेश्वर ने अपना जुर्म कबूल करते हुए पूरे घटना को पुलिस के समक्ष रखा.

आरोपी ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि छह बदमाश इस कांड में संलिप्त हुए थे. जिसमें एक लाख रुपये में तीन बदमाशों को चालक के पैर में गोली मारकर जख्मी कर देने की सुपारी दी गयी थी. इसके लिए नादेश्वर सिंह ने 40 हजार रुपये बदमाशों को दिये. बाकी की राशि घटना को अंजाम देने के बाद देने के लिए तय की गयी. इसके बाद नादेश्वर शुक्रवार को अपने गांव गंभीरपुर से यूपी के आगरा के चंढवा गांव निवासी चालक मोनू गौतम को बाइक से लेकर हथुआ के लिए रवाना हो गया और रास्ते में इस घटना को अंजाम दिया गया.

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