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डेंगू के आतंक से लोगों में दहशत, नाकाफी साबित हो रही है प्रशासनिक तैयारी - खोखला साबित हो रहा प्रशासन का दावा

समुचित इलाज के अभाव में पिछले दिनों डेंगू के कारण तीन लोगों की मौत हो गई. स्थानीय लोगों का कहना है कि डेंगू से बचाव के लिए पर्याप्त मात्रा में फॉगिंग मशीन और केमिकल भी उपलब्ध नहीं है, जिससे हालात और बिगड़ रहे हैं.

डेंगू का आतंक जारी
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Published : Nov 6, 2019, 8:33 AM IST

Updated : Nov 6, 2019, 8:43 AM IST

गोपालगंज: पिछले कुछ दिनों से जिले के विभिन्न प्रखंडों में डेंगू का आतंक जारी है. इससे लोगों में दहशत का माहौल है. मीरगंज में डेंगू के कारण कई लोग काल के गाल में समा गए हैं. वर्तमान में अभी 300 लोग डेंगू की चपेट में हैं, जिनका इलाज गोरखपुर समेत विभिन्न जगहों पर चल रहा है.

अस्पताल प्रशासन की मानें तो अनुमंडल अस्पताल के अलावे सदर अस्पताल में डेंगू के मरीजों के लिए अलग से वार्ड बनाये गए हैं. साथ ही मरीजों की जांच के लिए हथुआ अनुमंडल अस्पताल में कैंप भी चलाये जा रहे हैं, जबकि स्थानीय लोग इसे नाकाफी मान रहे हैं. लोगों का मानना है कि यहां पर्याप्त सुविधा मरीजों को नसीब नहीं हो रही है.

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डेंगू वार्ड में नहीं है मरीजों के लिये बेहतर सुविधा

डेंगू का आतंक जारी
समुचित इलाज के अभाव में पिछले दिनों डेंगू के कारण तीन लोगों की मौत हो गई. लेकिन जिला प्रशासन इसकी पुष्टि नहीं करता है. आंकड़ों के मुताबिक मीरगंज शहर में डेंगू से पीड़ित लोगों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है. शहर के लगभग हर वार्ड में डेंगू के मरीज पाए जा रहे हैं. वर्तमान में डेंगू के मरीजों की संख्या 300 से अधिक होगी. इस कराण शहरवासियों में भय का माहौल है.

खोखला साबित हो रहा प्रशासन का दावा
स्थानीय लोगों का कहना है कि डेंगू से बचाव के लिए पर्याप्त मात्रा में फॉगिंग मशीन और केमिकल भी उपलब्ध नहीं है, जिससे हालात और बिगड़ रहे हैं. वर्तमान में नगर पंचायत के पास महज दो फागिंग मशीन उपलब्ध है. शहर के कुल 16 वार्डो में फागिंग करानी है, लेकिन केवल तीन वार्डों में ही फॉगिंग कराई जा रही है, इसे लेकर शहरवासियों में काफी आक्रोश है.

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डेंगू के मरीजों में हो रहा इजाफा

मरीजों का हो रहा है इलाज- अस्पताल प्रशासन
हालांकि प्रशासन का दावा है कि समुचित मात्रा में केमिकल फॉगिंग मशीन उपलब्ध है. साथ ही अनुमंडलीय अस्पताल के अलावे अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भी डेंगू जांच का किट उपलब्ध करा दिया गया है. इस संदर्भ में हथुआ अनुमंडलाधिकारी अनिल कुमार रमण ने बताया कि डेंगू को लेकर प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है. दवा और जांच की पूरी तैयारी की गई है. अब तक 42 से 51 संख्या तक डेंगू के मरीजों की जांच की गई है, जिसमें 13 मरीज पॉजिटिव पाए गए हैं. सभी का इलाज चल रहा है.

क्या है डेंगू रोग?
डेंगू बुखार एडिस नामक मच्छर द्वारा फैलने वाले वायरस के कारण होता है. आमतौर पर शुरुआत में सर्दी बुखार जैसे प्रकट होता है. लेकिन कई बार आपकी लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है. डेंगू बुखार का कोई विशेष उपचार नहीं है. डेंगू फैलने का कारण मच्छर है, जिसके काटने पर उनके लार के द्वारा वायरस शरीर के अंदर प्रवेश कर जाता है. एडिस मच्छर साफ पानी में पनपते हैं. जैसे पानी टंकी, कूलर, फेंके गए रबर टायर इत्यादि, इसलिए इन चीजों को साफ रखें.

रिपोर्ट देखिए

ऐसे करें डेंगू से बचाव
अगर आपको 5 दिन से ज्यादा बुखार आए तो तुरंत चेकअप करा कर डॉक्टर से संपर्क करें. बुखार या फिर जो जोड़ों में दर्द है तो आप पारासिटामोल खा सकते हैं. किनएस्प्रिन आइब्यूप्रोफेन नहीं लेनी चाहिए क्योंकि इसे ब्लीडिंग का खतरा हो सकता है. डेंगू मच्छर हमेशा ठहरे हुए पानी में पनपता है. इसलिए कूलर, रुका हुआ पानी या फिर आसपास मौजूद नालियों को साफ रखें. रोजाना एक छोटा गिलास बकरी के दूध का सेवन करें. इससे आपके शरीर में प्लेटलेट्स की मात्रा में बढ़ोत्तरी होगी.

गोपालगंज: पिछले कुछ दिनों से जिले के विभिन्न प्रखंडों में डेंगू का आतंक जारी है. इससे लोगों में दहशत का माहौल है. मीरगंज में डेंगू के कारण कई लोग काल के गाल में समा गए हैं. वर्तमान में अभी 300 लोग डेंगू की चपेट में हैं, जिनका इलाज गोरखपुर समेत विभिन्न जगहों पर चल रहा है.

अस्पताल प्रशासन की मानें तो अनुमंडल अस्पताल के अलावे सदर अस्पताल में डेंगू के मरीजों के लिए अलग से वार्ड बनाये गए हैं. साथ ही मरीजों की जांच के लिए हथुआ अनुमंडल अस्पताल में कैंप भी चलाये जा रहे हैं, जबकि स्थानीय लोग इसे नाकाफी मान रहे हैं. लोगों का मानना है कि यहां पर्याप्त सुविधा मरीजों को नसीब नहीं हो रही है.

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डेंगू वार्ड में नहीं है मरीजों के लिये बेहतर सुविधा

डेंगू का आतंक जारी
समुचित इलाज के अभाव में पिछले दिनों डेंगू के कारण तीन लोगों की मौत हो गई. लेकिन जिला प्रशासन इसकी पुष्टि नहीं करता है. आंकड़ों के मुताबिक मीरगंज शहर में डेंगू से पीड़ित लोगों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है. शहर के लगभग हर वार्ड में डेंगू के मरीज पाए जा रहे हैं. वर्तमान में डेंगू के मरीजों की संख्या 300 से अधिक होगी. इस कराण शहरवासियों में भय का माहौल है.

खोखला साबित हो रहा प्रशासन का दावा
स्थानीय लोगों का कहना है कि डेंगू से बचाव के लिए पर्याप्त मात्रा में फॉगिंग मशीन और केमिकल भी उपलब्ध नहीं है, जिससे हालात और बिगड़ रहे हैं. वर्तमान में नगर पंचायत के पास महज दो फागिंग मशीन उपलब्ध है. शहर के कुल 16 वार्डो में फागिंग करानी है, लेकिन केवल तीन वार्डों में ही फॉगिंग कराई जा रही है, इसे लेकर शहरवासियों में काफी आक्रोश है.

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डेंगू के मरीजों में हो रहा इजाफा

मरीजों का हो रहा है इलाज- अस्पताल प्रशासन
हालांकि प्रशासन का दावा है कि समुचित मात्रा में केमिकल फॉगिंग मशीन उपलब्ध है. साथ ही अनुमंडलीय अस्पताल के अलावे अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भी डेंगू जांच का किट उपलब्ध करा दिया गया है. इस संदर्भ में हथुआ अनुमंडलाधिकारी अनिल कुमार रमण ने बताया कि डेंगू को लेकर प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है. दवा और जांच की पूरी तैयारी की गई है. अब तक 42 से 51 संख्या तक डेंगू के मरीजों की जांच की गई है, जिसमें 13 मरीज पॉजिटिव पाए गए हैं. सभी का इलाज चल रहा है.

क्या है डेंगू रोग?
डेंगू बुखार एडिस नामक मच्छर द्वारा फैलने वाले वायरस के कारण होता है. आमतौर पर शुरुआत में सर्दी बुखार जैसे प्रकट होता है. लेकिन कई बार आपकी लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है. डेंगू बुखार का कोई विशेष उपचार नहीं है. डेंगू फैलने का कारण मच्छर है, जिसके काटने पर उनके लार के द्वारा वायरस शरीर के अंदर प्रवेश कर जाता है. एडिस मच्छर साफ पानी में पनपते हैं. जैसे पानी टंकी, कूलर, फेंके गए रबर टायर इत्यादि, इसलिए इन चीजों को साफ रखें.

रिपोर्ट देखिए

ऐसे करें डेंगू से बचाव
अगर आपको 5 दिन से ज्यादा बुखार आए तो तुरंत चेकअप करा कर डॉक्टर से संपर्क करें. बुखार या फिर जो जोड़ों में दर्द है तो आप पारासिटामोल खा सकते हैं. किनएस्प्रिन आइब्यूप्रोफेन नहीं लेनी चाहिए क्योंकि इसे ब्लीडिंग का खतरा हो सकता है. डेंगू मच्छर हमेशा ठहरे हुए पानी में पनपता है. इसलिए कूलर, रुका हुआ पानी या फिर आसपास मौजूद नालियों को साफ रखें. रोजाना एक छोटा गिलास बकरी के दूध का सेवन करें. इससे आपके शरीर में प्लेटलेट्स की मात्रा में बढ़ोत्तरी होगी.

Intro:पिछले कुछ दिनों से गोपालगंज जिले के विभिन्न प्रखंडों के अलाके मीरगंज में डेंगू के आतंक से लोगो मे दहसत है। वही इस बीमारी से कई लोग आक्रांत है जबकि कई लोग काल के गाल में समा गए है।
बाइट-अनिल कुमार रमन, एसडीएम हथुआ अनुमण्डल
डॉ रमेश राम(डॉक्टर)
मुस्ताक अली(लैब टेक्नीशियन) गुलाबी सर्ट



Body:अकेले मीरगंज की माने तो, इसके चपेट में अब तक करीब 3 सौ लोग आ गए है। जिनका ईलाज गोरखपुर समेत विभिन्न जगह चल रही है। इसको लेकर प्रशासन भी काफी मुस्तैद है और अनुमण्डल अस्पताल के आलावे सदर अस्पताल में डेंगू मरीजो के लिए अलग से वार्ड बनाये गए है। साथ ही मरीजो की जांच के लिए हथुआ अनुमंडल अस्पताल में कैप भी कजलाये जा रहे है जबकि स्थानीय लोग इसे नाकाफी मान रहे है। लोगो का मानना है कि यहां पर्याप्त प्रशासनिक सुविधा लोगो को नशीब नही हो रही है। पिछले एक पखवाड़े के आंकड़े को देखे तो मीरगंज शहर में ड़ेंगू से पीड़ित लोगों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। शहर के लगभग हर वार्ड में डेंगू के मरीज पाए जा रहे है। ताजा स्थिति पर गौर करें तो समूचे शहर में डेंगू की मरीजो की संख्या 3 सौ से अधिक होगी। इसे शहरवासियों में भय का माहौल है। वही समुचित इलाज के अभाव में ही पिछले दिनों तीन डेंगू पीड़ितों की मौत हो गई। लेकिन।जिला प्रशासन इसे ड़ेंगू से मौत होने की पुष्टि नही करता है। बताया जाता है कि वर्तमान समय में करीब ढाई सौ लोगों का इलाज गोरखपुर में चल रहा है स्थानीय स्तर पर स्थिति में सुधार नहीं होने पर डॉक्टरों ने उन्हें रेफर किया है गोरखपुर के विभिन्न अस्पतालों में इनका इलाज चल रहा है। इसमें कई मरीजों का प्लेटलेट्स काफी गिर गया है उनको प्लेटलेट्स भी चढ़ाए जा रहा है कई मरीज पटना भी रेफर किए जा रहे हैं नगर पंचायत में डेंगू से बचाव के लिए पर्याप्त मात्रा में फागिंग मशीन केमिकल उपलब्ध नहीं है जिससे हालात और बिगड़े हैं। स्थिति यह है कि महज दो फागिंग मशीन नगर पंचायत के पास उपलब्ध है। शहर के कुल 16 वार्डो में फागिंग करानी है लेकिन जानकारी के अनुसार केवल दो यार 3 वार्डों में ही फागिंग कराई जा रही है। जिससे अन्य वार्ड वंचित रह जा रहे हैं। जिसको लेकर शहरवासियों में गुस्सा भी देखने को मिला है। प्रशासन का दावा है, कि समुचित मात्रा में केमिकल फागिंग मशीन उपलब्ध है। साथ ही अनुमंडलीय अस्पताल के आलावे अतिरिक्त प्राथमिक स्वस्थ्य केंद्र पर ड़ेंगू जांच का किट उपलब्ध करा दिया गया है। इस संदर्भ में हथुआ अनुमंडलाधिकारी अनिल कुमार रमण से बात की गई तो उन्होंने कहा कि ड़ेंगू को लेकर प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है दवा व जांच की पूरी तैयारी की गई है अब तक 42 से 51 संख्या तक ड़ेंगू के मरीजो की जांच की गई है जिसमे 13 मरीज पॉजिटिव पाए गए है। वही लैब टेक्नीशियन मुस्ताक अली के माने तो अब तक 134 लोगो की जांच की गई है जिसमे 11 लोग पॉजिटिव पाए गए है। उन्होंने बताया कि रोजाना दस से ज़्यादा लोगो की जांच की जा रही है।

क्या है डेंगू रोग

डेंगू बुखार एडिस नामक मच्छर द्वारा फैलने वाला वायरस के कारण होता है। आमतौर पर शुरुआत में सर्दी बुखार जैसे प्रकट होता है। लेकिन कई बार आपकी लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है।

ड़ेंगू फैलने का कारण

डेंगू बुखार का कोई विशेष उपचार नहीं है। डेंगू फैलने का कारण या मच्छर मरीज का खून चूसते हैं। जिससे उनके लार द्वारा वायरस शरीर के अंदर प्रवेश कर जाता है। एडिस मच्छर साफ पानी में पनपते हैं। जैसे पानी टंकी कूलर फेंके गए रबर टायर इत्यादि इसलिए इन चीजों को साफ रखें

डेंगू के लक्षण

जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द होना, स्किन में लाल धब्बे पड़ जाना, भूख कम लगना, तेज ठंड लगकर बुखार आना, नाक मुंह मसूड़ों स्क्रीन से खून निकलना,खून या नॉर्मल उल्टी होना,अधिक पसीना आना, तेज पेट दर्द सांस लेने में समस्या उतपन्न होना

ऐसे करें डेंगू से बचाव

अगर आपको 5 दिन से ज्यादा बुखार आए तो तुरंत चेकअप करा कर डॉक्टर से संपर्क करें। बुखार या फिर जो जोड़ों में दर्द है तो आप पेरासिटामोल खा सकते हैं । किनएस्प्रिन आइब्यूप्रोफेन नहीं लेनी चाहिए। क्योंकि इसे ब्लीडिंग का खतरा हो सकता है। डेंगू मच्छर हमेशा ठहरे हुए पानी में पनपता है। इसलिए कूलर, रुका हुआ पानी या फिर आसपास मौजूद नालियों को साफ रखें। रोजाना एक छोटा गिलास बकरी का दूध पीना इसे आपके शरीर में प्लेटलेटस की मात्रा में बढ़ोतरी होगी।


Conclusion:na
Last Updated : Nov 6, 2019, 8:43 AM IST
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