गोपालगंज: लॉकडाउन का इफेक्ट अब पर्व और त्योहारों पर भी दिखने लगा है. गुरुवार को शब-ए-बारात का दिन था. इस दिन मुस्लिम धर्म के लोग मस्जदों में जाकर शब-ए-बारात मनाते हैं. लेकिन लॉकडाउन के कारण लोगों को अपने घरों में ही पर्व मनाना पड़ा.
इस दौरान लोग अपने घरों पर ही इबादत करते नजर आए. लोगों के मुताबिक शब-ए-बारात हिंदुस्तान के प्रमुख त्योहारों में एक माना जाता है. जिसे हिंदुस्तान में इस्लाम धर्म को मानने वाले लोगों उत्साह से मनाते हैं. ऐसा कहा जाता है कि जहन्नुम से बरी होने की रात को शब-ए-बारात कहा जाता है. इस्लाम में इस रात का महत्व बहुत अधिक माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि इस रात को की जाने वाली हर दुआ को अल्लाह जरूर कबूल करते हैं. इस पूरी रात लोगों पर अल्लाह की रहमत बरसती है.
घर में मना रहे पर्व
शब-ए-बारात की रात मुस्लिम धर्म के लोग अपने घरों में ही इबादत करते दिखे. सरकारी की ओर जारी लॉकडाउन का पालन करते हुए लोग घरों में एक-दूसरे के साथ पर्व मनाते देखे गए.