गोपालगंज: जिले में आई विनाशकारी बाढ़ का कहर कम तो जरूर हो गया है. लेकिन स्थानीय लोगों की परेशानी अभी भी जस की तस बनी हुई है. बाढ़ के तांडव ने कई मार्गों को ध्वस्त कर दिया है. इससे ग्रामीणों को आवागमन में काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है. आलम ये है कि लोगों ने आपसी सहयोग से खुद ही चचरी पुल बनाकर प्रतिदिन आवागमन कर रहे हैं.
दरअसल गोपालगंज में आई विनाशकारी बाढ़ ने कई लोगों को पहले ही बेघर कर दिया है. जो आज भी सड़कों पर शरण लिए हुए हैं. बाढ़ का पानी धीरे-धीरे अब कम हो रहा है, लेकिन बाढ़ पीड़ितों की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं. कहीं सड़कें बह गई हैं तो कहीं वाहनों का आवागमन ही पूरी तरह से बंद हो गया है. वहीं जिला मुख्यालय गोपालगंज से 35 किलोमीटर दूर बरौली प्रखंड के माधोपुर-बरौली मुख्य मार्ग में बाढ़ के पानी के कारण पक्की सड़क पानी के तेज धारा में बह गई है. इससे दर्जनों से ज्यादा गांवों का सम्पर्क टूट गया है.
'मरीजों को होती है समस्या'
वहीं स्थानीय ग्रामीण आवागमन के लिए चचरी पुल बनाकर प्रतिदिन जोखिम उठाकर आवागमन को बाध्य हैं. अब तक प्रशासन द्वारा इस सड़क को बनाने के लिए कोई पहल नहीं की गई है. ग्रामीणों ने बताया कि मुख्य मार्ग दोनों तरफ से टूट गई है. वहीं सबसे ज्यादा परेशानी लोगों के बीमार पड़ने पर होती है. इस दौरान यहां गांवों में कोई एंबुलेंस नहीं पहुंच पाती है. स्थानीय मैनेजर साह ने बताया कि बाढ़ के दौरान कोई साधन उपलब्ध नहीं था. इस चचरी के सहारे किसी तरह आदमी पैदल तो जा सकता है, लेकिन साईकिल भी पार करने में परेशानी है.