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गोपालगंज: सार्वजनिक जल स्त्रोतों पर लोगों का कब्जा, प्रशासन ने भेजा नोटिस

सरकार की जल जीवन हरियाली योजना काफी अच्छी योजना है. इसके तहत जो जल स्रोत नहर, तालाब, कुंओं पर अतिक्रमण किए गए हैं, उन्हें खाली कराया जाएगा.

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Published : Nov 10, 2019, 10:24 AM IST

गोपालगंज: जल जीवन हरियाली योजना के तहत जिले में अतिक्रमण जल स्त्रोंतों को मुक्त कराने के लिए प्रशासन ने पहल शुरू कर दी है. गोपालगंज सदर प्रखंड में अतिक्रमण किए गए जल स्त्रोतों को मुक्त कराने के लिए सूची भी तैयार कर ली गई है. जिसमें 451 लोगों को चिन्हित कर लिया गया है. वहीं, 47 लोगों को नोटिस जारी कर दिया गया है.

अंचलाधिकारी ने दी जानकारी
इसकी जानकारी अंचलाधिकारी विजय कुमार सिंह ने दी. उन्होंने कहा कि इसकी सूची तैयार कर ली गई है. सरकार की जल जीवन हरियाली योजना काफी अच्छी योजना है. उन्होंने कहा कि इसके तहत जो जल स्रोत नहर, तालाब, कुंओं पर अतिक्रमण किए गए हैं, उन्हें खाली कराया जाएगा.

'अतिक्रमण मुक्त कराने की तैयारी'
अंचलाधिकारी ने कहा कि जल जीवन हरियाली के तहत तालाब, आहर, पाइन के उड़ाही, पौधे लगाना, रेन वाटर हार्वेस्टिंग के साथ ही उन इलाकों तक नदियों का पानी पहुंचाना है, जहां सूखा पड़ता है. उन्होंने कहा कि सरकार ने उन जल स्रोतों को चिन्हित करने का निर्देश दिया था, जो अतिक्रमण के चपेट हैं. जिसे अतिक्रमण से मुक्त कर उसकी उड़ाही करा कर योग्य बनाई जा सके.

गोपालगंज से ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'काम में हो रही देरी'
वहीं, कई जगहों पर सरकारी काम में देरी होने के कारण लोगों ने तालाबों में पाटकर मकान तैयार कर लिया है. हालांकि, इसपर अंचलाधिकारी ने बताया कि उन मकानों को भी खाली कराया जाएगा.

इन गांव के लोगों ने किया अतिक्रमण
बस डीला पंचायत में 30
तीरबिरवा पंचायत 36
जादोपुर दुखहरण पंचायत 46
एकडेरवा पंचायत 4
वरई पट्टी पंचायत 7
जगिरी टोला पंचायत 14
ख्वाजेपुर पंचायत 5
मानिकपुर पंचायत 12
नगर परिषद 12
चौराव पंचायत 13
यादवपुर शुक्ल पंचायत 8
कोंहवा पंचायत 7
बिशुनपुर पूर्वी पंचायत 8
बिशुनपुर पश्चिमी पंचायत में 17
भितभेरवा पंचायत 5
को चिन्हित किया गया है. वहीं, 90 पोखरा, गड़हा, पाइन, आहार, पर लोगों ने या तो खेत बनवा लिया है. सरकार उसपर भी कार्रवाई करने में जुटी है.

गोपालगंज: जल जीवन हरियाली योजना के तहत जिले में अतिक्रमण जल स्त्रोंतों को मुक्त कराने के लिए प्रशासन ने पहल शुरू कर दी है. गोपालगंज सदर प्रखंड में अतिक्रमण किए गए जल स्त्रोतों को मुक्त कराने के लिए सूची भी तैयार कर ली गई है. जिसमें 451 लोगों को चिन्हित कर लिया गया है. वहीं, 47 लोगों को नोटिस जारी कर दिया गया है.

अंचलाधिकारी ने दी जानकारी
इसकी जानकारी अंचलाधिकारी विजय कुमार सिंह ने दी. उन्होंने कहा कि इसकी सूची तैयार कर ली गई है. सरकार की जल जीवन हरियाली योजना काफी अच्छी योजना है. उन्होंने कहा कि इसके तहत जो जल स्रोत नहर, तालाब, कुंओं पर अतिक्रमण किए गए हैं, उन्हें खाली कराया जाएगा.

'अतिक्रमण मुक्त कराने की तैयारी'
अंचलाधिकारी ने कहा कि जल जीवन हरियाली के तहत तालाब, आहर, पाइन के उड़ाही, पौधे लगाना, रेन वाटर हार्वेस्टिंग के साथ ही उन इलाकों तक नदियों का पानी पहुंचाना है, जहां सूखा पड़ता है. उन्होंने कहा कि सरकार ने उन जल स्रोतों को चिन्हित करने का निर्देश दिया था, जो अतिक्रमण के चपेट हैं. जिसे अतिक्रमण से मुक्त कर उसकी उड़ाही करा कर योग्य बनाई जा सके.

गोपालगंज से ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'काम में हो रही देरी'
वहीं, कई जगहों पर सरकारी काम में देरी होने के कारण लोगों ने तालाबों में पाटकर मकान तैयार कर लिया है. हालांकि, इसपर अंचलाधिकारी ने बताया कि उन मकानों को भी खाली कराया जाएगा.

इन गांव के लोगों ने किया अतिक्रमण
बस डीला पंचायत में 30
तीरबिरवा पंचायत 36
जादोपुर दुखहरण पंचायत 46
एकडेरवा पंचायत 4
वरई पट्टी पंचायत 7
जगिरी टोला पंचायत 14
ख्वाजेपुर पंचायत 5
मानिकपुर पंचायत 12
नगर परिषद 12
चौराव पंचायत 13
यादवपुर शुक्ल पंचायत 8
कोंहवा पंचायत 7
बिशुनपुर पूर्वी पंचायत 8
बिशुनपुर पश्चिमी पंचायत में 17
भितभेरवा पंचायत 5
को चिन्हित किया गया है. वहीं, 90 पोखरा, गड़हा, पाइन, आहार, पर लोगों ने या तो खेत बनवा लिया है. सरकार उसपर भी कार्रवाई करने में जुटी है.

Intro: जल जीवन हरियाली बचाने को लेकर सरकार ने जल जीवन हरियाली योजना की शुरुआत। जिसके तहत विभिन्न जल स्रोतों को अतिक्रमण से मुक्त करा कर जल व हरियाली को बचाने के लिए प्रशासनिक पहल शुरू की गई।वही गोपालगंज जिले के सदर प्रखंड में जल स्रोतों पर अतिक्रमण करने वाले लोगो की सूची तैयार की गई है। जिसमें 451 लोगो को चिन्हित किया गया। वही अभी तक महज 47 वैसे लोगो पर नोटिस जारी किया गया है जो जल स्रोतों नहर पाइन, तालाब, कुंओ पर अतिक्रमण किए है।






Body:सरकार द्वारा उन स्रोतों को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए योजना तैयार किया था। जिसमें पानी की समस्या और मौसम में हो रहे बदलाव में सुधार किया जा सके। वही जल जीवन हरियाली के तहत तालाबों आहर पाइन के उड़ाही, पौधे लगाना, रेन वाटर हार्वेस्टिंग के साथ ही उन इलाकों तक नदियों का पानी पहुंचाना है जहां सूखा पड़ता है। सरकार ने उन जल स्रोतों को चिन्हित करने का निर्देश दिया था जो अतिक्रमण के चपेट है। जिसे अतिक्रमण से मुक्त कर उसकी उड़ाई करा कर योग्य बनाई जा सके। साथ ही बांधों सार्वजनिक जगहों और निजी योग पर पौधारोपण किए जाने की योजना तैयार की गई थी। लेकिन गोपालगंज जिले में सरकार की योजना कछुए की चाल चल रही है। वही सदर प्रखंड द्वारा एक अभियान चलाकर सभी पारंपरिक जल स्रोतों को चिन्हित कर अतिक्रमण मुक्त कराने की कवायद भी शुरू की गई। पर आज तक चिन्हित किए गए स्रोतों को अतिक्रमण मुक्त कराने में प्रशासन विफल रहा है। कई पारंपरिक जल स्रोतों का वजूद मिट गया है। तो कई अपने अस्तित्व खोने कि कगार पर है। सदर प्रखंड के 451 पारंपरिक जल स्रोतों में से आधे का नामोनिशान ही मिट गया है। कई जल स्रोतों को लोगों ने अतिक्रमण कर कुछ लोग खेती कर रहे हैं। सदर प्रखण्ड में जल जीवनी हरियाली योजना के तहत 451 को चिन्हित किए गए हैं। बावजूद अभी तक पूर्ण रूप से अतिक्रमण से मुक्ति नही दिलाई जा सकी। ऐसे नही है कि जमीन निजी है और कर्मी भी प्राइवेट। यहां तो सरकारी जमीन है और सरकारी कर्मी भी। बावजूद अतिक्रमण हटाने में।
विलंब हो रहा है। सदर प्रखंड में अभिक्रमित तालाबों पर गौर करें तो आधा से अधिक तालाब अतिक्रमण की चपेट में है। तालाबों के अतिक्रमण का प्रमुख कारण बढ़ती आबादी बताई जा रही है। जमीन की कमी के कारण लोग सरकार की जमीन पर अतिक्रमण कर रहे हैं। या गांव के तालाबों को पाटकर उस पर पक्का मकान बना लिए हैं। कई जगहों पर तो बड़े बड़े तालाबों को पाटकर और खेती की जा रही है।

इन गांव के लोगों ने किया अतिक्रमण

बस डीला पंचायत में 30
तीरबिरवा पंचायत 36
जादोपुर दुखहरण पंचायत 46
एकडेरवा पंचायत 4
वरई पट्टी पंचायत 7
जगिरी टोला पंचायत 14
ख़्वाज़ेपुर पंचायत। 5
मानिकपुर पंचायत। 12
नगर परिषद 12
चौराव पंचायत 13
यादवपुर शुक्ल पंचायत 8
कोंहवा पंचायत 7
बिशुनपुर पूर्वी पंचायत 8
बिशुनपुर पश्चिमी पंचायत में 17
भितभेरवा पंचायत 5
को चिन्हित किया गया है। 90 पोखरा,गड़हा, पाइन, आहार, पर लोगों ने या तो खेत बनवा लिया है। या उसपर या सरकारी जमीन पर पक्का भवन बना लिया है। इसे हटाने के लिए जिला प्रशासन की ओर से अभी तक कार्रवाई नहीं की जा रही है। बाकी बेकार पड़े हुए कुंए हैं।






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