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गोपालगंजः जानकारी के अभाव में कम लेयर का पानी पीने से लोगों में बढ़ रही पेट की बीमारी

स्थानीय डॉ. नौशाद आलम बताते हैं कि इलाके के लोगों में इन दिनों पेट की समस्या बढ़ी है. कम लेयर का पानी पीने से लोग बीमार पड़ रहे हैं. दूषित पानी पीने से जॉन्डिस और डायरिया जैसी बीमारियों का खतरा बना रहता है.

इलाके का हैंडपंप
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Published : Aug 11, 2019, 2:54 PM IST

गोपालगंजः जिले के अधिकांश लोग कम लेयर का पानी पी रहे हैं. जिसमें नाइट्रेट की अधिकता होती है. इससे लोगों में पेट की बीमारियां बढ़ रही हैं. खासकर बच्चों में इसका असर ज्यादा देखा जा रहा है.

पूरी रिपोर्ट

बच्चे जल्दी आते हैं चपेट में
जलस्तर उपर होने के कारण 20 से 25 फीट की बोरिंग पर यहां पानी मिलने लगता है. ये जल का पहला और दूसरा स्तर माना जाता हैं. जिसमें नाइट्रेट की मात्रा अधिक होती हैं. लंबे समय तक इसका सेवन कई बीमारियों का कारण बन जाता है. बच्चे जल्दी इसकी चपेट में आते हैं. हैंडपंप के लिए निर्धारित मानक के अनुसार 150 फीट की गहराई तक बोरिंग होनी चाहिए. लेकिन लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के आंकड़े की माने तो जिले में 60% से भी अधिक घरों में 20 से 25 फीट की बोरिंग का पानी ही इस्तेमाल किया जा रहा है.

गोपालगंज
इलाके का हैंडपंप

जॉन्डिस और डायरिया का खतरा
स्थानीय डॉ. नौशाद आलम बताते हैं कि इलाके के लोगों में इन दिनों पेट की समस्या बढ़ी है. कम लेयर का पानी पीने से लोग बीमार पड़ रहे हैं. दूषित पानी पीने से जॉन्डिस और डायरिया जैसी बीमारियों का खतरा बना रहता है.

गोपालगंजः जिले के अधिकांश लोग कम लेयर का पानी पी रहे हैं. जिसमें नाइट्रेट की अधिकता होती है. इससे लोगों में पेट की बीमारियां बढ़ रही हैं. खासकर बच्चों में इसका असर ज्यादा देखा जा रहा है.

पूरी रिपोर्ट

बच्चे जल्दी आते हैं चपेट में
जलस्तर उपर होने के कारण 20 से 25 फीट की बोरिंग पर यहां पानी मिलने लगता है. ये जल का पहला और दूसरा स्तर माना जाता हैं. जिसमें नाइट्रेट की मात्रा अधिक होती हैं. लंबे समय तक इसका सेवन कई बीमारियों का कारण बन जाता है. बच्चे जल्दी इसकी चपेट में आते हैं. हैंडपंप के लिए निर्धारित मानक के अनुसार 150 फीट की गहराई तक बोरिंग होनी चाहिए. लेकिन लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के आंकड़े की माने तो जिले में 60% से भी अधिक घरों में 20 से 25 फीट की बोरिंग का पानी ही इस्तेमाल किया जा रहा है.

गोपालगंज
इलाके का हैंडपंप

जॉन्डिस और डायरिया का खतरा
स्थानीय डॉ. नौशाद आलम बताते हैं कि इलाके के लोगों में इन दिनों पेट की समस्या बढ़ी है. कम लेयर का पानी पीने से लोग बीमार पड़ रहे हैं. दूषित पानी पीने से जॉन्डिस और डायरिया जैसी बीमारियों का खतरा बना रहता है.

Intro:गोपालगंज जिले में अधिकांश लोग कम लेयर के पानी पीकर कई रोगों का जन्म देते है ऐसे में यहां के पानी की हर बूंद में जैविक रूप से प्रदूषित होने का खतरा बना हुआ है। जिले के विभिन्न इलाकों में लोग कम लेयर तक ही हैंडपंप लगाते है। जिससे हैंडपंप के इर्द-गिर्द फैली गंदगी धीरे धीरे प्रथम व द्वितीय लेयर तक पहुंचता है और उसी प्रदूषित पानी को लोग सेवन करते है।


Body:इस तरह के प्रदूषित पानी के सेवन से कई रोग उतपन्न होंते है। समस्या सिर्फ यहीं खत्म नहीं होती ग्रामीण इलाकों में लगाए गए निजी हैंडपंप भी इस समस्या को और बढ़ा रहे हैं। ग्रामीण इलाकों में करीब 60% लोग प्रथम और द्वितीय लेयर का पानी पी रहे है। पहले व दूसरे लेयर के पानी में अधिक मात्रा में नाइट्रेट रहने के कारण बच्चों में पेट जनित बीमारियां बढ़ने लगी है। गोपालगंज जिले में जस्तर ऊंचा होने के कारण 20से 25 फिट पर ही पानी मिलने लगा है। वही स्थानीय लोगो के माने तो ज्यादा लेयर तक पाइप डालने पर ज्यादा ख़र्च होता है। जब की 20 से 25 फिट में पानी मिल जाये तो ज्यादा की क्या आवश्यकता है। वही कुछ लोगों ने कहा नाली का निर्माण नही होने के कारण खुद गड्ढ़े खोदकर उसी में पानी डम्प किया जाता है, जो प्रदूषित हो जाता है और कई रोग व संक्रमण होने लगता है। मजबूरन इसका अपनी पीते है। प्रथम और द्वितीय लेयर का पानी में हाइड्रेंट तथा नाइट्रेट की मात्रा अधिक होने के कारण लोगों के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। इस पानी को पीने से बच्चों के स्वास्थ्य को अधिक खतरा बना रहता है। लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के आंकड़े की माने तो अभी गांव में 60% से भी अधिक घरों में निर्धारित मानक 150 फीट गहराई के बदले लोग 20से 30 फीट नीचे का पानी पीते हैं। जिससे प्रदूषण की समस्या बढ़ी है। हालांकि लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग ने लोगों को अधिक गहराई तक चापाकल लगाने की दिशा में प्रयास भी किया है। लेकिन अभी तक इस अभियान में कोई खास प्रगति नहीं हो सकी है।

कैसे फैलता है जैविक प्रदूषण

जल प्रदूषण फैलने के पीछे असली कारण हैंड पंप के समीप फैली गंदगी। गांव में हैंडपंप गड्ढा खोद देते हैं। इसी गड्ढे में गंदा पानी जमा होता है। चापाकल की गहराई कम होने से गंदा पानी नीचे चला जाता है जो जैविक रूप से प्रदूषित हो जाता है

क्या कहते हैं चिकित्सक

बीमारी के संबंध में डॉ नौशाद आलम ने कहा कि इसके समस्या के पीछे असली का समस्या जल है। और दूषित जल पीने से पेट में संक्रमण जैसी बीमारियां होती है।।इसे डायरिया जैसी बीमारियां फैलती है ऐसे में लोगों को पीने के पानी के प्रति सावधानी बरतनी चाहिए। साफ सफाई पर विशेष ध्यान देना चहिए। प्रदूषित व कम लेयर के पानी का सेवन करने से डायरिया व डिसेंट्री फैलता है


Conclusion:na
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