गोपालगंजः जिले के लोगों को पथ परिवहन विभाग के सौतेले व्यवहार का दंश झेलना पड़ रहा है. यहां से किसी भी रूट के लिए सरकारी बसों की सेवा नहीं है. यहां तक की राजधानी पटना जाने के लिए भी लोगों को निजी बसों का ही सहारा लेना पड़ता है. जिले में चल रही निजी बसें सरकारी नियमों का पालन नहीं करती है. यात्री सुरक्षा को लेकर ये बेहद लापरवाह दिखते हैं.
पहले चलती थी सरकारी बसें
बता दें कि पहले यहां से सरकारी बसें चलती थीं. सरकारी बस स्टैंड से सभी रूटों के लिए बसे उपलब्ध होती थीं. लेकिन धीरे-धीरे ये सेवा बंद कर दी गई. स्थानीय छात्रों ने कहा कि सरकारी बस स्टैंड पर अब ताला जड़ा है. हम लोग परीक्षा देने के लिए कहीं जाते हैं तो काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. निजी बसों से जाना हमें बेहद महंगा पड़ जाता है. हमारे पास उनते पैसे नहीं होते हैं.
निजी बस वालों की मनमानी
गोपालगंज से पटना जाने के लिए ट्रेन रूट भी नहीं है. ऐसे में लोगों के पास एक मात्र विकल्प निजी बसों का ही रह जाता है. स्थानीय लोगों ने कहा कि सरकारी बसें नहीं होने के कारण हमें ज्यादा किराया देना पड़ता है. निजी बस वाले मनमाने तरीके पैसे वसूलते हैं. बसों में क्षमता से ज्यादा यात्री बिठाए जाते हैं, लेकिन इस ओर किसी भी अधिकारी या जनप्रतिनिधि का ध्यान नहीं जाता है.
पथ परिवहान एक मात्र विकल्प
नगर परिषद के चेयरमैन हरेंद्र चौधरी ने कहा कि बिहार के सभी जिलों में पथ परिवहन विभाग की बसों का संचालन होता है, लेकिन गोपालगंज जिले के साथ सरकार सौतेला व्यवहार कर रही है. यहां से राजधानी का कोई सीधा ट्रेन रूट भी नहीं है. ऐसे में आवागमन के लिए पथ परिवहान एक मात्र साधन है, लेकिन एक भी सरकारी बसें यहां से नहीं चलती हैं.