गोपालगंज: बिहार के ज्यादातर जिलों में इस वर्ष हुई भारी बारिश से खरीफ की फसलें नष्ट हो गयी (Kharif Crops Destroyed Due to Rain). भारी बारिश के चलते आयी बाढ़ का असर गोपालगंज में भी देखने को मिला. वहीं, पिछले एक सप्ताह तक लगातार रुक-रुककर पानी गिरने से बची-खुची फसलें भी बर्बाद हो रही है. खेतों में पानी लग जाने से धान के पौधे पानी में गिर (Paddy Plants Fall in Water) जा रहे हैं. ऐसे में किसान अपनी आंखों से फसलों को नष्ट होते हुए देख रहे हैं और भारी मन से उसे बचाने की जद्दोजहद में लगे हैं.
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बता दें कि जिले के किसान इस वर्ष अतिवृष्टि की समस्याओं का दंश झेल रहे हैं. इसके बावजूद भी किसानों को सरकार की योजनाओं का लाभ नही मिल पा रहा है. पिछले सप्ताह लगातार कई दिनों तक हुई बारिश ने किसानों के खेतों में लगे धान के फसल को भारी क्षति पहुंचायी है. ऐसे सैकड़ों किसान हैं, जिनके खेतों में लगे पानी आज तक नहीं सूखे. खेतों में एक से लेकर तीन फीट तक पानी जमा रहने से किसान धान की फसल काट नहीं पा रहे हैं. तैयार फसलें नहीं काटे जाने से बर्बाद हो रही हैं. कुछ किसान धान की बालियों को घुटने तक पानी में खड़े होकर किसी तरह काट रहे हैं.
गौरतलब है कि ज्यादा रकबे में खेती करने वाले किसानों की परेशानी और भी बढ़ गई है. तैयार फसल को काटने के लिए मजदूर भी नहीं मिल रहे है. 5 से 10 एकड़ में लगी फसल की बालियों को काटकर लाना भी काफी मुश्किल है. जलजमाव के कारण जिले के 14 प्रखंडों में तैयार फसल की कटाई नहीं हो पा रही है. किसानों ने किसी तरह विपरित मौसम से जूझते हुए खेतों में बीज डाला था. शुरुआत से ही बारिश ने इस बार खेल बिगाड़ा और किसानों के काफी संघर्ष के बाद अब जब फसल काटने की बारी आयी तो खेत जलमग्न हो गये.
किसानों का कहना है कि नवंबर के दूसरे सप्ताह में भी जलजमाव रहने से धान काटना मुश्किल हो रहा है. ऐसे में गेहूं और रवि फसल की खेती हो पाना भी संभव नहीं दिख रहा है. जिन खेतों में अभी 2 से 3 फुट तक पानी है. वहां अगले 1 महीने तक पानी सूखने के आसार नहीं है. धूप की तख्त में कमी व तापमान में गिरावट से पानी का सुखना मुश्किल है.
'जहां भी अतिवृष्टि के कारण खेतों में पानी जमा हुआ है, उसका सर्वेक्षण कराया जा रहा है. सरकार के नियमों के अनुसार यदि 33 प्रतिशत से ज्यादा फसल की क्षति होती है, तो किसानों को मुआवजा मिलेगा. किसान इसके लिये ऑनलाइन आवेदन दे सकते हैं. जो भी नियमसंगत अनुदान होगा वह उन्हें दिया जाएगा.' -वेद नारायण सिंह, कृषि पदाधिकारी
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