गोपालगंज: वन स्टॉप महिला हेल्पलाइन केंद्र न्याय के लिए दर-दर भटकने वाली पीड़ित महिलाओं के लिए आशा का केंद्र बन गया है. यहां प्रति महीने करीब 25 से 30 घरेलू हिंसा, यौन शोषण समेत कई समस्याओं से पीड़ित महिलाएं न्याय की गुहार लगाने आती हैं. यहां इनकी समस्याओं का तुरंत ही निराकरण कर उन्हें नई जिंदगी दी जाती है. आज यह केंद्र उन महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रहा है जो महिला हर जगह से थक हार चुकी हैं.
2008 में हुई थी स्थापना
इस केंद्र की स्थापना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नारी शक्ति योजना के अंतर्गत 8 मई 2008 में किया था. उस समय से लेकर अब तक इस केंद्र में कुल 2,404 मामलों में से 2,314 मामलों का निष्पादन किया जा चुका है. इसमें कुल 32 मामलों को कोर्ट में स्थानांतरित किया गया है.
महिलाओं को दी जाती हैं कई सुविधाएं
महिला हेल्पलाइन से स्थानांतरित मामलों में 14 मामलों का निष्पादन किया गया है. यहां न्याय के लिए पहुंचने वाली महिलाओं को न्याय मिल रहा है. कलेक्ट्रेट परिसर स्थित इस केंद्र में महिलाओं को निशुल्क परामर्श, मनोवैज्ञानिक परामर्श, कानूनी सलाह के अलावे चिकित्सकीय सुविधा प्रदान की जाती है.
FIR से लेकर कोर्ट के मामलों का निष्पादन
साथ ही यहां एफआईआर कराने से लेकर कोर्ट में चल रहे मामलों को सुलझाने समेत कई तरह की सुविधाएं भी उपलब्ध हैं. इस केंद्र में तेजाब हमले से पीड़ित, रेप या छेड़खानी से पीड़ित, मेंटल डिस्टर्ब सहित हर उम्र की महिलाओं को आवश्यकतानुसार सारी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं.
विभागीय आंकड़ें:
⦁ घरेलू हिंसा के1,279 मामलों में कुल 1,245 मामलों का निष्पादन
⦁ दहेज हत्या में एक मामला सामने आया है, जिसे निष्पादित किया जा चुका है.
⦁ दहेज प्रताड़ना में 548 मामलों में से 521 मामलों का निष्पादन
⦁ द्वितीय विवाह मामले में 35 में से 35 मामलों का निष्पादन
⦁ यौन शोषण के 23 मामलों में से 21 मामलों का निष्पादन
⦁ मानव व्यापार के एक मामले में से एक का निष्पादन
⦁ छेड़छाड़/कार्य स्थल पर उत्पीड़न के चार मामलों में से चारों का निष्पादन
महिलाओं के दुख-सुख में शामिल रहने के कारण इसे मॉडल सेंटर क रूप में चयनित भी किया गया है. यहां महिला रोते हुए आती तो जरूर है, लेकिन यहां से वह हंसते हुए जाती हैं.
जानकी देवी को मिला न्याय
महिला हेल्पलाइन सेंटर से न्याय प्राप्त करने वाली मांझा प्रखंड के चौकी खास गांव निवासी जानकी देवी ने बताया कि उसकी पुत्री सोनामती देवी की शादी तीन वर्ष पहले हुई थी. शादी के बाद से ससुराल पक्ष बार-बार उसके साथ मारपीट कर उसे प्रताड़ित करता था. महिला ने इसके लिए कई जगह न्याय की गुहार लगाई, लेकिन किसी ने उसकी मदद नहीं की. अंत में जानकी देवी ने महिला हेल्पलाइन के बारे में पता चला. जानकी देवी ने तुरंत इस केंद्र में अपनी शिकायत दर्ज करवाई. जिसके बाद तुरंत ही महिला को न्याय मिल गया.
जानकी देवी ने बताया कि यहां के लोगों ने उसकी काफी मदद की. केंद्र के लोगों ने ससुराल पक्ष के लोगों से बॉंड लिखवाकर उसकी बेटी को ससुराल भेजा. आज उसकी बेटी वहां सही से रह रही है.
काउन्सिलिंग और परामर्श से निराकरण
वहीं, इस संदर्भ में महिला हेल्पलाइन सेंटर की परियोजना प्रबंधक सह संरक्षण पदाधिकारी नाजिया मुमताज ने बताया कि इस केंद्र में जमीनी विवाद को छोड़कर सभी तरह के मामलों का निष्पादन किया जाता है. यहां 14 प्रखंड के विभिन्न हिंसा की शिकार महिला प्रतिमहीने 25 से 30 की संख्या में आती हैं. जिनकी समस्याओं को काउन्सिलिंग और परामर्श के द्वारा निराकरण किया जाता है.
दी जाती है पुनर्वास की राशि
इस केंद्र को मॉडल केंद्र के रूप में नामित किया गया है. वैसी महिला जो घरेलू हिंसा से पीड़ित या जिनके छोटे छोटे बच्चे हो उन्हें 10 से 15 हजार पुनर्वास की राशि दी जाती है.