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महिलाओं के लिए आशा की किरण है 'वन स्टॉप महिला हेल्पलाइन', हर चेहरे पर लाती है मुस्कान - महिलाओं के लिए हेल्पलाइन

इस केंद्र की स्थापना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नारी शक्ति योजना के अंतर्गत 8 मई 2008 में किया था. उस समय से लेकर अब तक इस केंद्र में कुल 2,404 मामलों में से 2,314 मामलों का निष्पादन किया जा चुका है. इसमें कुल 32 मामलों को कोर्ट में स्थानांतरित किया गया है.

वन स्टॉप महिला हेल्पलाइन केंद्र
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Published : Sep 13, 2019, 9:17 PM IST

Updated : Sep 13, 2019, 9:57 PM IST

गोपालगंज: वन स्टॉप महिला हेल्पलाइन केंद्र न्याय के लिए दर-दर भटकने वाली पीड़ित महिलाओं के लिए आशा का केंद्र बन गया है. यहां प्रति महीने करीब 25 से 30 घरेलू हिंसा, यौन शोषण समेत कई समस्याओं से पीड़ित महिलाएं न्याय की गुहार लगाने आती हैं. यहां इनकी समस्याओं का तुरंत ही निराकरण कर उन्हें नई जिंदगी दी जाती है. आज यह केंद्र उन महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रहा है जो महिला हर जगह से थक हार चुकी हैं.

2008 में हुई थी स्थापना
इस केंद्र की स्थापना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नारी शक्ति योजना के अंतर्गत 8 मई 2008 में किया था. उस समय से लेकर अब तक इस केंद्र में कुल 2,404 मामलों में से 2,314 मामलों का निष्पादन किया जा चुका है. इसमें कुल 32 मामलों को कोर्ट में स्थानांतरित किया गया है.

patna
मॉडल महिला हेल्पलाइन सेंटर में मौजूद महिलाएं

महिलाओं को दी जाती हैं कई सुविधाएं
महिला हेल्पलाइन से स्थानांतरित मामलों में 14 मामलों का निष्पादन किया गया है. यहां न्याय के लिए पहुंचने वाली महिलाओं को न्याय मिल रहा है. कलेक्ट्रेट परिसर स्थित इस केंद्र में महिलाओं को निशुल्क परामर्श, मनोवैज्ञानिक परामर्श, कानूनी सलाह के अलावे चिकित्सकीय सुविधा प्रदान की जाती है.

FIR से लेकर कोर्ट के मामलों का निष्पादन
साथ ही यहां एफआईआर कराने से लेकर कोर्ट में चल रहे मामलों को सुलझाने समेत कई तरह की सुविधाएं भी उपलब्ध हैं. इस केंद्र में तेजाब हमले से पीड़ित, रेप या छेड़खानी से पीड़ित, मेंटल डिस्टर्ब सहित हर उम्र की महिलाओं को आवश्यकतानुसार सारी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं.

patna
अपनी फरियाद सुनाती महिला

विभागीय आंकड़ें:
⦁ घरेलू हिंसा के1,279 मामलों में कुल 1,245 मामलों का निष्पादन
⦁ दहेज हत्या में एक मामला सामने आया है, जिसे निष्पादित किया जा चुका है.
⦁ दहेज प्रताड़ना में 548 मामलों में से 521 मामलों का निष्पादन
⦁ द्वितीय विवाह मामले में 35 में से 35 मामलों का निष्पादन
⦁ यौन शोषण के 23 मामलों में से 21 मामलों का निष्पादन
⦁ मानव व्यापार के एक मामले में से एक का निष्पादन
⦁ छेड़छाड़/कार्य स्थल पर उत्पीड़न के चार मामलों में से चारों का निष्पादन

महिलाओं के दुख-सुख में शामिल रहने के कारण इसे मॉडल सेंटर क रूप में चयनित भी किया गया है. यहां महिला रोते हुए आती तो जरूर है, लेकिन यहां से वह हंसते हुए जाती हैं.

जानकी देवी को मिला न्याय
महिला हेल्पलाइन सेंटर से न्याय प्राप्त करने वाली मांझा प्रखंड के चौकी खास गांव निवासी जानकी देवी ने बताया कि उसकी पुत्री सोनामती देवी की शादी तीन वर्ष पहले हुई थी. शादी के बाद से ससुराल पक्ष बार-बार उसके साथ मारपीट कर उसे प्रताड़ित करता था. महिला ने इसके लिए कई जगह न्याय की गुहार लगाई, लेकिन किसी ने उसकी मदद नहीं की. अंत में जानकी देवी ने महिला हेल्पलाइन के बारे में पता चला. जानकी देवी ने तुरंत इस केंद्र में अपनी शिकायत दर्ज करवाई. जिसके बाद तुरंत ही महिला को न्याय मिल गया.

जानकी देवी ने बताया कि यहां के लोगों ने उसकी काफी मदद की. केंद्र के लोगों ने ससुराल पक्ष के लोगों से बॉंड लिखवाकर उसकी बेटी को ससुराल भेजा. आज उसकी बेटी वहां सही से रह रही है.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

काउन्सिलिंग और परामर्श से निराकरण
वहीं, इस संदर्भ में महिला हेल्पलाइन सेंटर की परियोजना प्रबंधक सह संरक्षण पदाधिकारी नाजिया मुमताज ने बताया कि इस केंद्र में जमीनी विवाद को छोड़कर सभी तरह के मामलों का निष्पादन किया जाता है. यहां 14 प्रखंड के विभिन्न हिंसा की शिकार महिला प्रतिमहीने 25 से 30 की संख्या में आती हैं. जिनकी समस्याओं को काउन्सिलिंग और परामर्श के द्वारा निराकरण किया जाता है.

दी जाती है पुनर्वास की राशि
इस केंद्र को मॉडल केंद्र के रूप में नामित किया गया है. वैसी महिला जो घरेलू हिंसा से पीड़ित या जिनके छोटे छोटे बच्चे हो उन्हें 10 से 15 हजार पुनर्वास की राशि दी जाती है.

गोपालगंज: वन स्टॉप महिला हेल्पलाइन केंद्र न्याय के लिए दर-दर भटकने वाली पीड़ित महिलाओं के लिए आशा का केंद्र बन गया है. यहां प्रति महीने करीब 25 से 30 घरेलू हिंसा, यौन शोषण समेत कई समस्याओं से पीड़ित महिलाएं न्याय की गुहार लगाने आती हैं. यहां इनकी समस्याओं का तुरंत ही निराकरण कर उन्हें नई जिंदगी दी जाती है. आज यह केंद्र उन महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रहा है जो महिला हर जगह से थक हार चुकी हैं.

2008 में हुई थी स्थापना
इस केंद्र की स्थापना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नारी शक्ति योजना के अंतर्गत 8 मई 2008 में किया था. उस समय से लेकर अब तक इस केंद्र में कुल 2,404 मामलों में से 2,314 मामलों का निष्पादन किया जा चुका है. इसमें कुल 32 मामलों को कोर्ट में स्थानांतरित किया गया है.

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मॉडल महिला हेल्पलाइन सेंटर में मौजूद महिलाएं

महिलाओं को दी जाती हैं कई सुविधाएं
महिला हेल्पलाइन से स्थानांतरित मामलों में 14 मामलों का निष्पादन किया गया है. यहां न्याय के लिए पहुंचने वाली महिलाओं को न्याय मिल रहा है. कलेक्ट्रेट परिसर स्थित इस केंद्र में महिलाओं को निशुल्क परामर्श, मनोवैज्ञानिक परामर्श, कानूनी सलाह के अलावे चिकित्सकीय सुविधा प्रदान की जाती है.

FIR से लेकर कोर्ट के मामलों का निष्पादन
साथ ही यहां एफआईआर कराने से लेकर कोर्ट में चल रहे मामलों को सुलझाने समेत कई तरह की सुविधाएं भी उपलब्ध हैं. इस केंद्र में तेजाब हमले से पीड़ित, रेप या छेड़खानी से पीड़ित, मेंटल डिस्टर्ब सहित हर उम्र की महिलाओं को आवश्यकतानुसार सारी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं.

patna
अपनी फरियाद सुनाती महिला

विभागीय आंकड़ें:
⦁ घरेलू हिंसा के1,279 मामलों में कुल 1,245 मामलों का निष्पादन
⦁ दहेज हत्या में एक मामला सामने आया है, जिसे निष्पादित किया जा चुका है.
⦁ दहेज प्रताड़ना में 548 मामलों में से 521 मामलों का निष्पादन
⦁ द्वितीय विवाह मामले में 35 में से 35 मामलों का निष्पादन
⦁ यौन शोषण के 23 मामलों में से 21 मामलों का निष्पादन
⦁ मानव व्यापार के एक मामले में से एक का निष्पादन
⦁ छेड़छाड़/कार्य स्थल पर उत्पीड़न के चार मामलों में से चारों का निष्पादन

महिलाओं के दुख-सुख में शामिल रहने के कारण इसे मॉडल सेंटर क रूप में चयनित भी किया गया है. यहां महिला रोते हुए आती तो जरूर है, लेकिन यहां से वह हंसते हुए जाती हैं.

जानकी देवी को मिला न्याय
महिला हेल्पलाइन सेंटर से न्याय प्राप्त करने वाली मांझा प्रखंड के चौकी खास गांव निवासी जानकी देवी ने बताया कि उसकी पुत्री सोनामती देवी की शादी तीन वर्ष पहले हुई थी. शादी के बाद से ससुराल पक्ष बार-बार उसके साथ मारपीट कर उसे प्रताड़ित करता था. महिला ने इसके लिए कई जगह न्याय की गुहार लगाई, लेकिन किसी ने उसकी मदद नहीं की. अंत में जानकी देवी ने महिला हेल्पलाइन के बारे में पता चला. जानकी देवी ने तुरंत इस केंद्र में अपनी शिकायत दर्ज करवाई. जिसके बाद तुरंत ही महिला को न्याय मिल गया.

जानकी देवी ने बताया कि यहां के लोगों ने उसकी काफी मदद की. केंद्र के लोगों ने ससुराल पक्ष के लोगों से बॉंड लिखवाकर उसकी बेटी को ससुराल भेजा. आज उसकी बेटी वहां सही से रह रही है.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

काउन्सिलिंग और परामर्श से निराकरण
वहीं, इस संदर्भ में महिला हेल्पलाइन सेंटर की परियोजना प्रबंधक सह संरक्षण पदाधिकारी नाजिया मुमताज ने बताया कि इस केंद्र में जमीनी विवाद को छोड़कर सभी तरह के मामलों का निष्पादन किया जाता है. यहां 14 प्रखंड के विभिन्न हिंसा की शिकार महिला प्रतिमहीने 25 से 30 की संख्या में आती हैं. जिनकी समस्याओं को काउन्सिलिंग और परामर्श के द्वारा निराकरण किया जाता है.

दी जाती है पुनर्वास की राशि
इस केंद्र को मॉडल केंद्र के रूप में नामित किया गया है. वैसी महिला जो घरेलू हिंसा से पीड़ित या जिनके छोटे छोटे बच्चे हो उन्हें 10 से 15 हजार पुनर्वास की राशि दी जाती है.

Intro:न्याय के लिए दर-दर भटकने वाली पीड़ित महिलाओं के लिए वन स्टॉप महिला हेल्पलाइन केंद्र आशा की किरण बन गया है। यहां प्रतिमाह करीब 25-30 घरेलू हिंसा के आलावे यौन शोषण समेत कई समस्याओं से पीड़ित महिला पहुँच कर न्याय की गुहार लगती है। जिनकी समस्याओं को यथाशीघ्र निराकरण कर उन्हें एक जीने का सहारा दी जाती है। आज यह केंद्र उन महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रही है जो महिला हर जगह से थक हार चुकी है।





Body:इस केंद्र का स्थापना मुख्यमंत्री नारीशक्ति योजना के अंतर्गत 8 मई 2008 को हुआ था। इस केंद्र में स्थापना काल से लेकर अब तक कुल 2404 मामलों में से 2314 मामलो का निष्पादन किया गया है। जिसमे कुल 32 मामले को कोर्ट में स्थानांतरित किया गया है। महिला हेल्प लाइन से स्थानांतरित मामले में 14 मामलों को निष्पादन किया गया है। यहां न्याय के लिए पहुंचने वाली महिलाओं को न्याय मिल रहा है। कलेक्ट्रेट स्थित परिसर में यह केंद्र एक छत के नीचे महिलाओं को निःशुल्क परामर्श, मनोवैज्ञानिक परामर्श, कानूनी सलाह के अलावे चिकित्सकीय सुविधा प्रदान की जाती है।
साथ ही यहां एफआईआर कराने से लेकर कोर्ट में चल रहे मामलों को सुलझाने समेत कई तरह की सुविधाएं भी यहां उपलब्ध है। इस केंद्र में तेजाब हमले से पीड़ित, रेप या छेड़खानी की विक्टिम, मेंटल डिस्टर्ब सहित हर उम्र की महिलाओं को आवश्यकतानुसार सारी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती है। अगर विभागीय आंकड़ो के माने तो यहां घरेलू हिंसा से 1279 मामले में कुल 1245 मामलों का निष्पादन किया गया है। दहेज हत्या में 1 मामले सामने आए है जिसे निष्पादित किया गया। दहेज प्रताड़ना में 548 मामलों में से 521व द्वितीय विवाह मामले में 35 में से 35 मामलो का निष्पादन किया गया। यौन शोषण 23 में से 21 मामलों का निष्पादन हो चुका है। जबकि मानव व्यापार के 1 मामले में 1 का निष्पादन किया गया। छेड़छाड़/कार्य स्थल पर उत्पीड़न के 4 मामले आये जिसे चारो कानिष्पादन कर दिया गया। महिलाओं के दुःख सुख में सामिल रहने के कारण इसे मॉडल सेंटर क रूप में चयनित भी किया गया है। यहां महिला रोते हुए आती तो जरूर है, लेकिन वह हँसते हुए जाती है। महिला हेल्प लाइन सेंटर से न्याय प्राप्त करने वाली मांझा प्रखंड के चौकी खास गाँव निवासी जानकी देवी के माने तो उसकी पुत्री सोनामती देवी की शादी तीन वर्ष पूर्व हुई थी शादी के बाद से ससुराल पक्ष द्वारा बार बार प्रताड़ित व मार पीट किया जाता था कई जगह न्याय की गुहार लगाने के बावजूद कहि से न्याय नही मिला और अंततः महिला हेल्प लाइन से सम्पर्क हुई तब यहां मेरी बेटी को न्याय मिल सका है। यहां के लोग काफी मदद किये और ससुराल पक्ष के लोगो से बाउंड लिखवाकर मेरी बेटी को ससुराल भेजा गया। आज मेरी बेटी सही से रह रही है। वही इस संदर्भ में महिला हेल्पलाइन सेंटर की परियोजना प्रबंधक सह संरक्षण पदाधिकारी नाजिया मुमताज ने बताया कि इस केंद्र में जमीनी विवाद को छोड़ कर सभी तरह के मामले की निष्पादन किया जाता है। यहां 14 प्रखण्ड के विभिन्न हिंसा की शिकार महिला प्रतिमाह 25 से 30 की संख्या में आती है जिनकी की समस्याओं को को काउन्सिलिंग व परामर्श के द्वारा निराकरण किया जाता है। इस केंद्र को मॉडल केंद्र के रूप में नामित किया गया है वैसी महिला जो घरेलू हिंसा से पीड़ित या जिनके छोटे छोटे बच्चे हो उन्हें पुनर्वास की राशि 10 से 15 हजार रुपये दिए जाते है।
यदि आप भी किसी परेशानी से गुजर रही है और आपको कहि न्याय नही मिल रहा है तो यहां आप की प्रॉब्लम दूर हो सकती है। यदि किसी थाने में मामला दर्ज नहीं हो रही हो तो यहां आपकी रिपोर्ट दर्ज होगी और पूरा न्याय मिलेगा। आपके साथ वकील होंगे महिला पुलिस होंगे और चेकअप के लिए डॉक्टर की टीम भी होगी। काउंसलिंग के लिए काउंसलर भी मौजूद है।



Conclusion:na
Last Updated : Sep 13, 2019, 9:57 PM IST
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