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प्रवासियों को क्वारंटाइन सेंटर में नहीं मिल रही है कोई सुविधा, घर से मंगा रहे हैं खाना

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Published : May 23, 2020, 5:04 PM IST

सदर प्रखंड के तिरबीरवा गांव स्थित मध्य विद्यालय सह डिग्री कॉलेज में बने क्वारंटाइन सेंटर में 9 प्रवासी मजदूरों को रखा गया है. इन मजदूरों को प्रखंड की ओर से 2 दिनों से खाना और नाश्ता नहीं दिया जा रहा है.

गोपालगंज
गोपालगंज

गोपालगंज: जिले में प्रवासियों के लिए संचालित कई ऐसे क्वारंटाइन सेंटर हैं, जिसमें प्रशासनिक सुविधा नसीब नहीं हो रही है. इन सेंटरो में रहने वाले मजदूर अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं. आलम ये है कि आए दिन क्वारंटाइन सेंटरो में हंगामा और लोगों के भागने का मामला सामने आ रहा है. ऐसा तब है जब सरकार द्वारा प्रवासियों के लिए हर सुविधा मुहैया कराने का आदेश भी दिया गया है.

दरअसल, दुनिया में फैले कोरोना महामारी ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. इसको लेकर देश में ऐसे हालात उत्पन्न हो गए हैं कि प्रवासी मजदूरों अपने घर लौटने को मजबूर हैं. लगातार हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूर अपने घर लौट रहे हैं. जिन्हें जिला प्रशासन द्वारा गांव के पास स्थित स्कूल और सरकारी भवनों में 14 दिनों तक क्वारंटाइन किया जा रहा है, ताकि इस दौरान कोरोना संक्रमण से अन्य लोगों को बचाया जा सके.

गोपालगंज
क्वारंटाइन सेंटर में प्रवासी

2 दिन से नहीं मिल रहा है खाना
वहीं, सरकार द्वारा क्वारंटाइन सेंटर में रह रहे लोगों के लिए सभी जरूरी सुविधाएं मुहैया कराए जाने का लगातार दावा भी किया जा रहा है. इन दावों की हकीकत सदर प्रखंड के तिरबीरवा गांव स्थित मध्य विद्यालय सह डिग्री कॉलेज में बने क्वारंटाइन सेंटर देखने के बाद पता चल जाती है. बता दें कि यहां बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर में 9 प्रवासी मजदूरों को रखा गया है. इन मजदूरों को प्रखंड की ओर से 2 दिनों से खाना और नाश्ता नहीं दिया जा रहा है.

गोपालगंज
क्वारंटाइन सेंटर में प्रवासी

घर से खाना मंगवाकर खा रहे हैं प्रवासी
गौरतलब है कि यहां क्वारंटाइन किए गए लोग अपने-अपने घरों से खाना मंगवा कर खा रहे हैं. इन लोगों को अभी तक सरकारी स्तर पर केवल एक साबुन के अलावा कुछ नहीं दिया गया है. जमीन पर अपने घर से लाए हुए विछावन बिछा कर सोते हैं. वहीं, सदर प्रखंड के हाई स्कूल खैरटिया रामनगर मध्य विद्यालय में बनाए गए सेंटर में 95 प्रवासी मजदूरों को रखा गया है. आलम यह है कि इनका अधिकांश समय रूम के बाहर ही घूम रहे हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

नहीं हो रहा है निर्देशों का पालन
बता दें कि पूरे जिले में 158 स्कूल, सामुदायिक भवन और पंचायत भवनों में बने क्वारंटाइन सेंटर में 10 हजार 729 प्रवासी मजदूरों को रखा गया है. सरकार द्वारा इन प्रवासी मजदूरों के लिए दो समय के भोजन, नाश्ता और पानी के लिए 290 से 3 सौ रुपये प्रतिदिन खर्च करने साथ ही नहाने के लिए बाल्टी, कपड़ा मच्छरदानी इत्यादि समान देने का निर्देश है. बावजूद इन प्रवासियों को मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखा गया है.

गोपालगंज: जिले में प्रवासियों के लिए संचालित कई ऐसे क्वारंटाइन सेंटर हैं, जिसमें प्रशासनिक सुविधा नसीब नहीं हो रही है. इन सेंटरो में रहने वाले मजदूर अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं. आलम ये है कि आए दिन क्वारंटाइन सेंटरो में हंगामा और लोगों के भागने का मामला सामने आ रहा है. ऐसा तब है जब सरकार द्वारा प्रवासियों के लिए हर सुविधा मुहैया कराने का आदेश भी दिया गया है.

दरअसल, दुनिया में फैले कोरोना महामारी ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. इसको लेकर देश में ऐसे हालात उत्पन्न हो गए हैं कि प्रवासी मजदूरों अपने घर लौटने को मजबूर हैं. लगातार हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूर अपने घर लौट रहे हैं. जिन्हें जिला प्रशासन द्वारा गांव के पास स्थित स्कूल और सरकारी भवनों में 14 दिनों तक क्वारंटाइन किया जा रहा है, ताकि इस दौरान कोरोना संक्रमण से अन्य लोगों को बचाया जा सके.

गोपालगंज
क्वारंटाइन सेंटर में प्रवासी

2 दिन से नहीं मिल रहा है खाना
वहीं, सरकार द्वारा क्वारंटाइन सेंटर में रह रहे लोगों के लिए सभी जरूरी सुविधाएं मुहैया कराए जाने का लगातार दावा भी किया जा रहा है. इन दावों की हकीकत सदर प्रखंड के तिरबीरवा गांव स्थित मध्य विद्यालय सह डिग्री कॉलेज में बने क्वारंटाइन सेंटर देखने के बाद पता चल जाती है. बता दें कि यहां बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर में 9 प्रवासी मजदूरों को रखा गया है. इन मजदूरों को प्रखंड की ओर से 2 दिनों से खाना और नाश्ता नहीं दिया जा रहा है.

गोपालगंज
क्वारंटाइन सेंटर में प्रवासी

घर से खाना मंगवाकर खा रहे हैं प्रवासी
गौरतलब है कि यहां क्वारंटाइन किए गए लोग अपने-अपने घरों से खाना मंगवा कर खा रहे हैं. इन लोगों को अभी तक सरकारी स्तर पर केवल एक साबुन के अलावा कुछ नहीं दिया गया है. जमीन पर अपने घर से लाए हुए विछावन बिछा कर सोते हैं. वहीं, सदर प्रखंड के हाई स्कूल खैरटिया रामनगर मध्य विद्यालय में बनाए गए सेंटर में 95 प्रवासी मजदूरों को रखा गया है. आलम यह है कि इनका अधिकांश समय रूम के बाहर ही घूम रहे हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

नहीं हो रहा है निर्देशों का पालन
बता दें कि पूरे जिले में 158 स्कूल, सामुदायिक भवन और पंचायत भवनों में बने क्वारंटाइन सेंटर में 10 हजार 729 प्रवासी मजदूरों को रखा गया है. सरकार द्वारा इन प्रवासी मजदूरों के लिए दो समय के भोजन, नाश्ता और पानी के लिए 290 से 3 सौ रुपये प्रतिदिन खर्च करने साथ ही नहाने के लिए बाल्टी, कपड़ा मच्छरदानी इत्यादि समान देने का निर्देश है. बावजूद इन प्रवासियों को मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखा गया है.

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