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जज ने सुनाया अनोखा फैसला, इंटर के छात्र को 3 माह तक स्कूल के Students को पढ़ाने की दी सजा - bihar news

गोपालगंज में जज ने अनोखा फैसला सुनाया (Judge Gave a Unique Verdict in Gopalganj) है. किशोर न्यायालय के प्रधान मजिस्ट्रेट राकेश मणि तिवारी ने एक किशोर को तीन माह तक मिडिल स्कूल के छात्रों को पढ़ाने की सजा सुनाई है. छात्र पर मारपीट, छेड़खानी व डायन एक्ट मामले में दोषी पाया गया था. पढ़ें पूरी खबर...

गोपालगंज में जज ने अनोखा फैसला सुनाया
गोपालगंज में जज ने अनोखा फैसला सुनाया
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Published : Feb 22, 2022, 10:46 PM IST

गोपालगंज: बिहार के गोपालगंज में किशोर न्याय परिषद (Juvenile Justice Council in Gopalganj) ने अनोखा फैसला सुनाया है. गोपालगंज किशोर न्यायालय के प्रधान मजिस्ट्रेट राकेश मणि तिवारी (Principal Magistrate Rakesh Mani Tiwari of Juvenile Court) ने बरौली थाना क्षेत्र के एक गांव के निवासी इंटरमीडिएट के छात्र को मारपीट, छेड़खानी और डायन एक्ट के मामले में दोषी पाते हुए मिडिल स्कूल में तीन माह तक छात्र- छात्राओं को पढ़ाने की सजा सुनाई है.

ये भी पढ़ें- गोपालगंज में कुख्यात जेपी यादव गिरफ्तार, MLA पप्पू पांडेय के करीबियों की हत्या का आरोप

मिली जानकारी के अनुसार, जिला किशोर न्यायालय के प्रधान मजिस्ट्रेट राकेश मणि तिवारी तथा सदस्य ममता श्रीवास्तव ने यह कार्य विद्यालय के प्रधानाचार्य के पर्यवेक्षण में करने को कहा है. प्रधानाचार्य तीन माह बाद अपना प्रतिवेदन देंगे जिससे यह स्पष्ट होगा कि न्यायालय के आदेश का अनुपालन हुआ या नहीं. प्रधान मजिस्ट्रेट ने कहा कि अभिलेख पर किशोर का कोई आपराधिक इतिहास नहीं रहने, पूछताछ में उसके यह कहने पर कि बड़ा होकर वह वैज्ञानिक बनना चाहता है तथा न्यायालय की तरफ से पढ़ाई के बारे में की गई सामान्य पूछताछ में सभी प्रश्नों के सही एवं स्पष्ट जबाब दिया है.

किशोर की बातों से प्रभावित होकर न्यायालय ने कोई अन्य सजा देने के बजाए उसके हुनर और प्रतिभा को देखते हुए पास के मिडिल स्कूल में पढ़ाने की सजा दी. बता दें कि एक साल पहले किशोर पर गांव के ही एक महिला को डायन कहने और मारपीट कर छेड़खानी करने का मामला दर्ज किया गया था. एक साल के बाद गोपालगंज किशोर न्याय बोर्ड द्वारा आरोपी किशोर के मामले की सुनवाई की गई. बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत साक्ष्य के आधार पर उसे दोषी करार दिया गया.

किशोर न्यायालय के समक्ष किशोर व उसके संरक्षण उपस्थित थे. किशोर से प्रधान मजिस्ट्रेट एवं सदस्य द्वारा पूछताछ किया गया तो उसने बताया कि वह इंटरमीडियट विज्ञान का छात्र है. इंटरमीडिएट का नाम सुन प्रधान मजिस्ट्रेट ने किशोर से कुछ सवाल किया. जिसका सही-सही जवाब उसने बिना अटके दिया.

प्रधान मजिस्ट्रेट और किशोर के बीच हुआ सवाल-जवाब ये हैं-

1. प्रधान मजिस्ट्रेट- पौधे किस विधि से भोजन का निर्माण करते हैं ?
किशोर-सर प्रकाश संश्लेषण विधि द्वारा पौधे भोजन का निर्माण करते हैं

2. प्रधान मजिस्ट्रेट- पसीना निकलने से शरीर का सबसे उपयोग कार्य क्या होता है ?
किशोर- सर शरीर से पसीना निकलने पर शरीर का ताप नियन्त्रित होता है.

3. प्रधान मजिस्ट्रेट- प्रकृति में सबसे सशक्त बल क्या होता है?.

किशोर - सर नाभिकीय बल प्रकृति में सबसे सशक्त बल होता है.

4. प्रधान मजिस्ट्रेट- यदि किसी स्थान के तापमान में सहसा वृद्धि हो तो आपेक्षिक आर्द्रता घटती है कि बढ़ती है.
किशोर-घटती है.

इसके आलावे न्यूटन के थ्योरी समेत मैथ के फॉर्मूला पूछने पर सही और सटीक जवाब किशोर ने दिया. प्रधान मजिस्ट्रेट ने उसके द्वारा दिये गए बेबाकी से सटीक जवाब सुन कर पूछा कि क्या बनना चाहते हो तो उसने कहा कि मैं वैज्ञानिक बनना चाहता हूं. जिसके बाद प्रधान मजिस्ट्रेट व बोर्ड के सदस्य उसके जवाब से संतुष्ट हुए. उसकी प्रतिभा, जनाकारी को ध्यान में रखते हुए JJ एक्ट 2015 के धारा 18 के अन्तर्गत कोई अन्य सजा देने के बजाए अपने क्षेत्र के मिडिल स्कूल में तीन माह तक छात्र-छात्राओं को पढ़ाने का आदेश दिया गया.

वहीं, इस सन्दर्भ में जानकारी देते हुए विधि परामर्शी सह अभियोजन पदाधिकारी अनूप कुमार त्रिपाठी ने बताया कि इसके पहले भी प्रधान मजिस्ट्रेट द्वारा अनोखा फैसले सुनाया गया है. ताकि किशोर सजा के दौरान पर्यावरण, धर्म, समाज के साथ रहकर अपना माइन्ड सही दिशा की तरफ ले जा सके. उन्होंने बताया कि प्रधान मजिस्ट्रेट द्वारा फरवरी 2021 से अब तक कुल सौ मामलों में 8 किशोरो को मंदिर की सफाई, 4 को मस्जिद की सफाई के अलावे निरक्षर लोगों को साक्षर बनाने के लिए 5 लोगों के अलावे अन्य लोगों को पेड़ लगा कर उसका तीन माह तक देख-भाल करने की अनोखी सजा सुनाई गई है.

ये भी पढ़ें- गोपालगंज के हनुमान मंदिर में घुसा अनियंत्रित ट्रक, मौके पर ही ड्राइवर और खलासी की मौत

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गोपालगंज: बिहार के गोपालगंज में किशोर न्याय परिषद (Juvenile Justice Council in Gopalganj) ने अनोखा फैसला सुनाया है. गोपालगंज किशोर न्यायालय के प्रधान मजिस्ट्रेट राकेश मणि तिवारी (Principal Magistrate Rakesh Mani Tiwari of Juvenile Court) ने बरौली थाना क्षेत्र के एक गांव के निवासी इंटरमीडिएट के छात्र को मारपीट, छेड़खानी और डायन एक्ट के मामले में दोषी पाते हुए मिडिल स्कूल में तीन माह तक छात्र- छात्राओं को पढ़ाने की सजा सुनाई है.

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मिली जानकारी के अनुसार, जिला किशोर न्यायालय के प्रधान मजिस्ट्रेट राकेश मणि तिवारी तथा सदस्य ममता श्रीवास्तव ने यह कार्य विद्यालय के प्रधानाचार्य के पर्यवेक्षण में करने को कहा है. प्रधानाचार्य तीन माह बाद अपना प्रतिवेदन देंगे जिससे यह स्पष्ट होगा कि न्यायालय के आदेश का अनुपालन हुआ या नहीं. प्रधान मजिस्ट्रेट ने कहा कि अभिलेख पर किशोर का कोई आपराधिक इतिहास नहीं रहने, पूछताछ में उसके यह कहने पर कि बड़ा होकर वह वैज्ञानिक बनना चाहता है तथा न्यायालय की तरफ से पढ़ाई के बारे में की गई सामान्य पूछताछ में सभी प्रश्नों के सही एवं स्पष्ट जबाब दिया है.

किशोर की बातों से प्रभावित होकर न्यायालय ने कोई अन्य सजा देने के बजाए उसके हुनर और प्रतिभा को देखते हुए पास के मिडिल स्कूल में पढ़ाने की सजा दी. बता दें कि एक साल पहले किशोर पर गांव के ही एक महिला को डायन कहने और मारपीट कर छेड़खानी करने का मामला दर्ज किया गया था. एक साल के बाद गोपालगंज किशोर न्याय बोर्ड द्वारा आरोपी किशोर के मामले की सुनवाई की गई. बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत साक्ष्य के आधार पर उसे दोषी करार दिया गया.

किशोर न्यायालय के समक्ष किशोर व उसके संरक्षण उपस्थित थे. किशोर से प्रधान मजिस्ट्रेट एवं सदस्य द्वारा पूछताछ किया गया तो उसने बताया कि वह इंटरमीडियट विज्ञान का छात्र है. इंटरमीडिएट का नाम सुन प्रधान मजिस्ट्रेट ने किशोर से कुछ सवाल किया. जिसका सही-सही जवाब उसने बिना अटके दिया.

प्रधान मजिस्ट्रेट और किशोर के बीच हुआ सवाल-जवाब ये हैं-

1. प्रधान मजिस्ट्रेट- पौधे किस विधि से भोजन का निर्माण करते हैं ?
किशोर-सर प्रकाश संश्लेषण विधि द्वारा पौधे भोजन का निर्माण करते हैं

2. प्रधान मजिस्ट्रेट- पसीना निकलने से शरीर का सबसे उपयोग कार्य क्या होता है ?
किशोर- सर शरीर से पसीना निकलने पर शरीर का ताप नियन्त्रित होता है.

3. प्रधान मजिस्ट्रेट- प्रकृति में सबसे सशक्त बल क्या होता है?.

किशोर - सर नाभिकीय बल प्रकृति में सबसे सशक्त बल होता है.

4. प्रधान मजिस्ट्रेट- यदि किसी स्थान के तापमान में सहसा वृद्धि हो तो आपेक्षिक आर्द्रता घटती है कि बढ़ती है.
किशोर-घटती है.

इसके आलावे न्यूटन के थ्योरी समेत मैथ के फॉर्मूला पूछने पर सही और सटीक जवाब किशोर ने दिया. प्रधान मजिस्ट्रेट ने उसके द्वारा दिये गए बेबाकी से सटीक जवाब सुन कर पूछा कि क्या बनना चाहते हो तो उसने कहा कि मैं वैज्ञानिक बनना चाहता हूं. जिसके बाद प्रधान मजिस्ट्रेट व बोर्ड के सदस्य उसके जवाब से संतुष्ट हुए. उसकी प्रतिभा, जनाकारी को ध्यान में रखते हुए JJ एक्ट 2015 के धारा 18 के अन्तर्गत कोई अन्य सजा देने के बजाए अपने क्षेत्र के मिडिल स्कूल में तीन माह तक छात्र-छात्राओं को पढ़ाने का आदेश दिया गया.

वहीं, इस सन्दर्भ में जानकारी देते हुए विधि परामर्शी सह अभियोजन पदाधिकारी अनूप कुमार त्रिपाठी ने बताया कि इसके पहले भी प्रधान मजिस्ट्रेट द्वारा अनोखा फैसले सुनाया गया है. ताकि किशोर सजा के दौरान पर्यावरण, धर्म, समाज के साथ रहकर अपना माइन्ड सही दिशा की तरफ ले जा सके. उन्होंने बताया कि प्रधान मजिस्ट्रेट द्वारा फरवरी 2021 से अब तक कुल सौ मामलों में 8 किशोरो को मंदिर की सफाई, 4 को मस्जिद की सफाई के अलावे निरक्षर लोगों को साक्षर बनाने के लिए 5 लोगों के अलावे अन्य लोगों को पेड़ लगा कर उसका तीन माह तक देख-भाल करने की अनोखी सजा सुनाई गई है.

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