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गोपालगंज: लॉकडाउन की वजह से बढ़ा जलस्तर, तालाबों और नदियों में भर गया है पानी

इस साल शुरू से ही अच्छी बारिश हुई है. ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में वाटर हार्वेस्टिंग की वजह से ग्राउंड लेवल में भी सुधार हुआ है. इस वजह से अभी तक पानी की समस्या सामने नहीं आई है.

नदी में जल स्तर
नदी में जल स्तर
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Published : Jun 7, 2020, 5:44 PM IST

Updated : Jun 8, 2020, 6:27 AM IST

गोपालगंज: जिले में पिछले साल की अपेक्षा इस साल जलस्तर में काफी वृद्धि हुई है. इससे नदियां और तालाबों में पानी भरा हुआ दिख रहा है. वहीं, चापाकल जो पहले सूख जाते थे, वो इस साल खूब पानी दे रहा है. ऐसे में जिले के लोगों को जल संकट की समस्याओं से इस साल निजात मिल गई है.

एकतरफ लॉकडाउन की वजह से लोगों की मुश्किलें बढ़ गई, तो दूसरी ओर इससे कुछ फायदे भी हुए हैं. पिछले साल की अपेक्षा इस साल के नदियों में जल स्तर बढ़ा है. शुद्ध हवा मिल रही है और अच्छी बारिश भी हुई है. जलस्तर में 12 से 15 फिट की वृद्धि हुई है. सांख्यिकी विभाग के माने तो 5 साल के बाद इस साल 36.0 एमएम मतलब 555 प्रतिशत बारिश हुई है, जबकि पिछले साल पूरे मार्च महीने में महज 3.0 एमएम बारिश हुई थी. कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि अधिक मात्रा में बारिश होने से इस साल कृषि सिंचाई के लिए किसानों को परेशानी नहीं होगी. पिछले साल मई माह में पानी का जलस्तर 18 से 20 फीट नीचे चला गया था. चापाकल और तालाब के सूखने से लोग परेशान थे.

पेश है रिपोर्ट

इस साल हुई अच्छी बारिश
इस साल जनवरी के बाद हर महीने बारिश होती रही. इस वजह से अभी तक पानी की समस्या सामने नहीं आई है. मई माह में अच्छी बारिश हुई है. ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में वाटर हार्वेस्टिंग की वजह से ग्राउंड लेवल में भी सुधार हुआ है. हर साल कम बारिश से गंडक नदी के किनारे जिले के पांच प्रखंड के लगभग 500 गांव में नदी का जलस्तर सूख जाता था, जिससे सरकारी, निजी चापाकल ट्यूबेल, समर पंप, बोरिंग और तालाब के पानी का जलस्तर 18 से 20 फीट और बाकी प्रखंडों में 20 से 25 जल स्तर नीचे चला जाता था. लेकिन इस साल पीएचईडी विभाग वाटर लेवल को लेकर खुश दिख रहा है.

'पानी की परेशानी नहीं होगी'

लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण प्रमंडल गोपालगंज के कार्यपालक अभियंता अजय कुमार के माने तो पिछले साल की तुलना में इस साल पानी की परेशानी नहीं होगी. फरवरी के बाद लगातार बारिश हो रही है. जिसके वजह से इस बार जल स्तर काफी बढ़ा हुआ है. इस बार 11.7 इंच अब तक वृद्धि हुई है. पूरे जिले में पिछले मई माह में 3. 4 एमएम बारिश हुई थी, जबकि इस साल 36.00 एमएम तक बारिश होने के वजह से जो तालाब मई माह में सूख जाते थे, उन तालाबों में अभी ही पानी गया है. ग्राउंड वाटर लेवल पिछले साल की तुलना में इस साल वाटर लेवल की स्थिति बेहतर है. अप्रैल और मई में सामान्य से अधिक बारिश होने के वजह से ग्राउंड वाटर लेवल अच्छा दिख रहा है.

पानी से भरा हुआ तालाब
पानी से भरा तालाब

वहीं, जानकारों की मानें तो इस साल औसत से ज्यादा बारिश होगी. बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव बनने के वजह से बिहार, बंगाल, उड़ीसा के क्षेत्रों में बारिश हो रही है. इससे भूमध्य सागर से आने वाली अर्द्व हवाएं बारिश के लिए अनुकूल परिस्थिति बनाती है.

बारिश पर एक नजर:-

2019 2020
जनवरी6.1 MM 6.1 MM
फरवरी20.4MM 1.8 MM
मार्च6.1 MM 6.1 MM
अप्रैल6.4 MM 67.7 MM
मई3.4MM 36.6 MM

गोपालगंज: जिले में पिछले साल की अपेक्षा इस साल जलस्तर में काफी वृद्धि हुई है. इससे नदियां और तालाबों में पानी भरा हुआ दिख रहा है. वहीं, चापाकल जो पहले सूख जाते थे, वो इस साल खूब पानी दे रहा है. ऐसे में जिले के लोगों को जल संकट की समस्याओं से इस साल निजात मिल गई है.

एकतरफ लॉकडाउन की वजह से लोगों की मुश्किलें बढ़ गई, तो दूसरी ओर इससे कुछ फायदे भी हुए हैं. पिछले साल की अपेक्षा इस साल के नदियों में जल स्तर बढ़ा है. शुद्ध हवा मिल रही है और अच्छी बारिश भी हुई है. जलस्तर में 12 से 15 फिट की वृद्धि हुई है. सांख्यिकी विभाग के माने तो 5 साल के बाद इस साल 36.0 एमएम मतलब 555 प्रतिशत बारिश हुई है, जबकि पिछले साल पूरे मार्च महीने में महज 3.0 एमएम बारिश हुई थी. कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि अधिक मात्रा में बारिश होने से इस साल कृषि सिंचाई के लिए किसानों को परेशानी नहीं होगी. पिछले साल मई माह में पानी का जलस्तर 18 से 20 फीट नीचे चला गया था. चापाकल और तालाब के सूखने से लोग परेशान थे.

पेश है रिपोर्ट

इस साल हुई अच्छी बारिश
इस साल जनवरी के बाद हर महीने बारिश होती रही. इस वजह से अभी तक पानी की समस्या सामने नहीं आई है. मई माह में अच्छी बारिश हुई है. ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में वाटर हार्वेस्टिंग की वजह से ग्राउंड लेवल में भी सुधार हुआ है. हर साल कम बारिश से गंडक नदी के किनारे जिले के पांच प्रखंड के लगभग 500 गांव में नदी का जलस्तर सूख जाता था, जिससे सरकारी, निजी चापाकल ट्यूबेल, समर पंप, बोरिंग और तालाब के पानी का जलस्तर 18 से 20 फीट और बाकी प्रखंडों में 20 से 25 जल स्तर नीचे चला जाता था. लेकिन इस साल पीएचईडी विभाग वाटर लेवल को लेकर खुश दिख रहा है.

'पानी की परेशानी नहीं होगी'

लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण प्रमंडल गोपालगंज के कार्यपालक अभियंता अजय कुमार के माने तो पिछले साल की तुलना में इस साल पानी की परेशानी नहीं होगी. फरवरी के बाद लगातार बारिश हो रही है. जिसके वजह से इस बार जल स्तर काफी बढ़ा हुआ है. इस बार 11.7 इंच अब तक वृद्धि हुई है. पूरे जिले में पिछले मई माह में 3. 4 एमएम बारिश हुई थी, जबकि इस साल 36.00 एमएम तक बारिश होने के वजह से जो तालाब मई माह में सूख जाते थे, उन तालाबों में अभी ही पानी गया है. ग्राउंड वाटर लेवल पिछले साल की तुलना में इस साल वाटर लेवल की स्थिति बेहतर है. अप्रैल और मई में सामान्य से अधिक बारिश होने के वजह से ग्राउंड वाटर लेवल अच्छा दिख रहा है.

पानी से भरा हुआ तालाब
पानी से भरा तालाब

वहीं, जानकारों की मानें तो इस साल औसत से ज्यादा बारिश होगी. बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव बनने के वजह से बिहार, बंगाल, उड़ीसा के क्षेत्रों में बारिश हो रही है. इससे भूमध्य सागर से आने वाली अर्द्व हवाएं बारिश के लिए अनुकूल परिस्थिति बनाती है.

बारिश पर एक नजर:-

2019 2020
जनवरी6.1 MM 6.1 MM
फरवरी20.4MM 1.8 MM
मार्च6.1 MM 6.1 MM
अप्रैल6.4 MM 67.7 MM
मई3.4MM 36.6 MM
Last Updated : Jun 8, 2020, 6:27 AM IST
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