गोपालगंज: जिले में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम दम तोड़ती नजर आ रही है. उद्योग विभाग बेरोजगारों को रोजगार देने के लक्ष्य को पूरा नहीं कर पा रहा है. इसके साथ ही बैंक भी बेरोजगारों को उद्योग लगाने के लिए लोन देने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं, जिसके कारण लोग इस योजना के लाभ से वंचित हो रहे हैं.
केंद्र सरकार द्वारा बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना शुरू की गई थी. इसकी मदद से बेरोजगार युवा बैंक से लोन लेकर रोजगार कर सकते हैं. गोपालगंज जिले में यह योजना विभागीय उदासीनता और बैंकों की मनमर्जी के कारण दम तोड़ रही है.
बैंकों के चक्कर लगा रहे युवा
बेरोजगार युवा कभी उद्योग विभाग तो कभी बैंकों के चक्कर लगा रहे हैं. प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम का उद्देश्य लघु उद्योगों की स्थापना करते हुए शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ाना है. नए उद्योग लगाने के लिए पिछले 5 साल में 190 लक्षय निर्धारित किए गए थे. इसके लिए बेरोजगारों ने उद्योग विभाग को आवेदन दिया था. इनमें से 866 आवेदन उद्योग विभाग ने बैंकों को भेजा था. बैंकों ने 164 आवेदन स्वीकार किया. इनमें से 147 आवेदनकर्ता को ही लोन मिल सका.
2020 में 38 लोन हुए स्वीकृत
2020 में 67 नए उद्योग लगाने का लक्ष्य रखा गया था. इसके लिए 136 लोगों ने आवेदन किया. इनमें से 38 आवेदन के लिए लोन स्वीकृत हुए, जिसमें सिर्फ 24 लोगों को ही लोन का भुगतान हुआ. पिछले साल के आवेदक आज भी बैंक के चक्कर लगा रहे हैं.
लोन के लिए फॉर्म भरा, नहीं मिला लाभ
युवाओं ने बताया कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना के लिए उन्होंने फॉर्म भरा था, लेकिन आज तक लाभ नहीं मिला. उद्योग विभाग और बैंक टालमटोल वाला रवैया अपनाते हैं. वहीं, उद्योग विभाग के महाप्रबंधक कमलेश कुमार सिंह ने कहा "बैंकों की निरंकुशता के कारण परेशानी होती है. बैंकों से बात कर रहे हैं. हमारा प्रयास है कि सभी लोगों को समय से लोन मिल जाए."
इस संबंध में एलडीएम विकास कुमार ने कहा "ऐसी बात नहीं है कि बैंक लोन देने में आनाकानी करते हैं. कहीं-कहीं बैंक में स्टाफ की कमी के चलते परेशानी होती है. इस कमी को भी जल्द पूरा कर लिया जाएगा. सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य को भी पूरा कर लिया जाएगा."
25 लाख रुपए तक मिलता है लोन
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम केंद्र सरकार की योजना है. इसके तहत उद्योग लगाने पर 25 लाख रुपए तक का लोन मिलता है. सामान्य जाति के आवेदक को 15 फीसदी और आरक्षित जाति के आवेदक को 25 फीसदी तक सब्सिडी मिलती है. ग्रामीण क्षेत्र में उद्योग लगाने पर सब्सिडी बढ़कर 25-35 फीसदी तक हो जाती है.