गोपालगंज: गोपालगंज जिला परिवहन कार्यालय में कथित तौर पर भ्रष्टाचार के खिलाफ छात्रों द्वारा धरना दिया गया. इस दौरान छात्रों ने कर्मचारियों और पदाधिकारियों पर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया.
परिवहन विभाग बना भ्रष्टाचार का अड्डा
दरअसल जिला परिवहन कार्यालय हमेशा ही सुर्खियों में रहा है. ताजा मामला उस वक्त की है जब छात्रों द्वारा डीटीओ कार्यकाल के मुख्य गेट पर धरना देकर अपनी आवाजें बुलन्द की. इस दौरान छात्रों ने कहा कि परिवहन विभाग भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है. जिला मोटर यान निरिक्षक ( M.V.I ), परिवहन कार्यालय के प्रोग्रामर रविन्द्र कुमार कार्यालय कर्मी निरज सिंह, किरण कुमारी ये सभी कार्यालय में अपना-अपना दलाल बहाल कर रखा है और उन्हीं के माध्यम से लोगों से प्रत्येक काम के लिए अवैध राशि निर्धारित की गई है और तथा रिश्वत लेकर हर काम किया जा रहा है.
डीएल को लेकर भी हो रहा भ्रष्टाचार
छात्रों ने कहा कि जिला परिवहन कार्यालय में डीएल बनाने के लिए दलालों के माध्यम से 10 हजार रूपया प्रति लाइसेन्स लिया जा रहा है और आवेदक को घर बैठे ही लाइसेन्स मिल जा रहा है. बिना वाहन चलाने का टेस्ट दिए ही M.V.I प्रति आवेदन 1500 लेकर वाहन चलान का टेस्ट पास करवा देते हैं और जो पैसा नहीं देता हैं उसे जान बूझकर फेल करा दिया जाता है. इसकी सत्यता की जांच के लिए पिछले दो माह के वाहन चलाने के टेस्ट का विडियो ग्राफी की जांच हो तो उनके भ्रष्टाचार का पोल खुल जाएगी.
दलालों के खिलाफ कड़ी कारवाई की मांग
छात्रों ने यह भी आरोप लगाया कि जिला प्रोग्रामर रविन्द्र कुमार ने अपना दस दलाल बहाल किया हैं. उक्त दलाल प्रतिदिन परिवहन कार्यालय में जमा रहते हैं तथा रिश्वत लेकर सभी काम कराते हैं. कार्यालय में लगे C.C.T.V कैमरे देखने से भली स्थिति स्पष्ट हो जाएगी कि ये चिन्हित दलाल प्रतिदिन कार्यालय में आते जाते हैं. आखिर इनका कौन सा काम परिवहन कार्यालय में लंबित हैं. दलालों से भी पुछताछ कर इनके विरूद्ध कड़ी कारवाई होनी चाहिए.
हेड क्लर्क ने आरोप को बताया गलत
यदि किसी का स्मार्ट कार्ड गुम हो जाता है तो नियमित प्रक्रिया के तहत कार्य नहीं करके दलालों के माध्यम से 1000 रूपये से 1500 रूपये लेकर दूसरा कार्ड निर्गत कर दिया जाता हैं इसकी भी जांच होनी चाहिए. उक्त कार्यालय में कोई भी कार्य नियमित नहीं होता है. कोई भी कार्य दलाल के ही माध्यम से होता है. प्रोग्रामर रविन्द्र कुमार पिछले काफी समय से पदस्थापित है तथा दलालों के नेटवर्क का भी संचालन यही करते हैं. वहीं इस संदर्भ में हेड क्लर्क से बात की गई तो उन्होंने कहा कि छात्रों द्वारा लगाई गए आरोप बिल्कुल गलत है.