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गोपालगंज में बाढ़ की विभीषका, संकट में हजारों लोगों की जिंदगी, पलायन कर रहे लोग

गोपालगंज के कई इलाके जलमग्न हो गए हैं. गंडक का जलस्तर लगातार बढ़ता ही जा रहा है. जिंदगी की जद्दोजहद में ग्रामीण सुरक्षित जगहों पर पलायन करने पर मजबूर हैं. देखिए रिपोर्ट...

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Published : Jun 17, 2021, 8:27 AM IST

Updated : Jun 17, 2021, 10:20 AM IST

गोपालगंजः नेपाल में भारी बारिश और वाल्मीकिनगर बराज से ( Valmikinagar Barrage ) चार लाख क्यूसेक से अधिक पानी डिस्चार्ज किये जाने के बाद गंडक नदी उफान पर है. बढ़ते जल स्तर के कारण सारण तटबंध इलाके में बसे 22 पंचायतों के करीब 96 गांव जलमग्न हो गए हैं. बाढ़ से जिंदगी बेहाल होने के कारण जान जोखिम में डालकर ग्रामीण पलायन करने पर मजबूर हैं.

बाढ़ की विभीषिका ( Flood Disaster ) को देखते हुए प्रशासन ने ग्रामीणों के लिए अलर्ट जारी किया है. निचले इलाकों में रहने रहने वाले लोगों को तत्काल उंचे और सुरक्षित स्थानों पर जाने को कहा गया है.

इसे भी पढ़ेंः Gopalganj Flood News: बाढ़ के पानी से दो माह पहले बनी सड़क ध्वस्त, 15 गांवों के लोगों का आवागमन ठप

दांव पर 20 हजार लोगों की जिंदगी
गंडक नदी का जलस्तर बढ़ने से सदर प्रखंड के अलावा मांझा, बरौली, सिधवलिया तथा बैकुंठपुर प्रखंड में नदी के आसपास के 13 पंचायतों के लोगों की नींद एक बार फिर उड़ गई है. हलांकि प्रशासनिक स्तर पर तटबंधों की निगरानी को और बढ़ा दिया गया है. मौसम विभाग के अलर्ट के बाद गंडक नदी के आसपास के गांवों में प्रशासन के द्वारा अधिक सतर्कता बरतने का निर्देश जारी किया गया. तटबंध की निगरानी के लिए बाढ़ नियंत्रण विभाग की टीम मुस्तैद है. बाढ़ से प्रभावित होने वाले जिले के छह प्रखंड के सीओ को तटबंध की लगातार निगरानी करने को कहा गया है. हालांकि प्रशासन नदी के जल ग्रहण क्षेत्र में बसे 36 गांवों में नदी के पानी आने को बाढ़ नहीं मानता है. लेकिन अभी के हालात में करीब 20 हजार लोगों की जिंदगी दांव पर लगी हुई है.

देखें वीडियो

बाढ़ प्रभावित इन पंचायतों में अलर्ट

  • कुचायकोट प्रखंड : काला मटिहनियां, दुर्ग मटिहनियां, सलेहपुर, टोला सिपाया व रामपुर माधो.
  • गोपालगंज प्रखंड : कटघरवां, विशुनपुर पूर्वी, विशनुपुर पश्चिमी, बरईपट्टी, जादोपुर दु:खहरण, रामपुर टेंगराही और जगीरी टोला.
  • मांझा प्रखंड : निमुईया, भैंसही, गौसिया, पुरैना, मधु सरेया और ख्वाजेपुर.
  • बरौली प्रखंड : सोनबरसा, मोहम्मदपुर पकड़िया, देवापुर, हसनपुर, रामपुर, सलेमपुर पूर्वी, सलेमपुर पश्चिमी, बतरदेह और सरफरा.
  • सिधवलिया प्रखंड : अमरपुरा, डुमरिया और काशी टेंगराही.
  • बैकुंठपुर प्रखंड : परसौनी, बासघाट मंसुरिया, उसरी, गम्हारी, फैजुल्लाहपुर, प्यारेपुर, बखरी और बंगरा.
    परिवार के साथ पलायन करते ग्रामीण
    परिवार के साथ पलायन करते ग्रामीण

बाढ़ जैसे हालात क्यों?
मानसून के सक्रिय होने के बाद लगातार हो रही बारिश और वाल्मिकीनगर बराज से 4 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण गंडक नदी का जलस्तर बढ़ गया है. नदी का जलस्तर बढ़ने के साथ ही दियारा इलाके के कई स्थानों पर नदी की धारा तटबंध की तरफ बढ़ने लगी है. जिसके कारण दियारा इलाके के निचले इलाके के लोग बाढ़ के चपेट में जाने के कारण गांव को खाली कर पलायन शुरू कर दिए है.

इसे भी पढ़ेंः Bihar Flood: बाढ़ के कहर से पानी-पानी हुआ बेतिया, 20 गांव जलमग्न

सीओ कर रहे माइकिंग
सदर प्रखंड के सीओ विजय कुमार सिंह रामनगर गांव पहुंचने के बाद तटबंध के अंदर नीचले इलाके में बसे लोगों को रात होने से पहले उंचे स्थलों पर सुरक्षित जाने के लिए माइकिंग कर रहे हैं. माइकिंग के जरिये लोगों को बाढ़ से संभावित खतरों की सूचना दी जा रही है.

पिछले साल भी हुई थी तबाही
गोपालगंज में पिछले साल नेपाल से चार लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किये जाने के कारण सारण तटबंध समेत कई जमींदारी बांध टूट गये थे. जिसके कारण 6 प्रखंडों की चार लाख से अधिक आबादी बाढ़ से प्रभावित हो गयी थी. लिहाजा इस बार भी नेपाल से पर्याप्त मात्रा में गंडक नदी में जल डिस्चार्ज किया गया है, जिससे बाढ़ को लेकर एक बार फिर दियारा के लोग सहमे हुए हैं और पलायन करने पर मजबूर हैं.

गोपालगंजः नेपाल में भारी बारिश और वाल्मीकिनगर बराज से ( Valmikinagar Barrage ) चार लाख क्यूसेक से अधिक पानी डिस्चार्ज किये जाने के बाद गंडक नदी उफान पर है. बढ़ते जल स्तर के कारण सारण तटबंध इलाके में बसे 22 पंचायतों के करीब 96 गांव जलमग्न हो गए हैं. बाढ़ से जिंदगी बेहाल होने के कारण जान जोखिम में डालकर ग्रामीण पलायन करने पर मजबूर हैं.

बाढ़ की विभीषिका ( Flood Disaster ) को देखते हुए प्रशासन ने ग्रामीणों के लिए अलर्ट जारी किया है. निचले इलाकों में रहने रहने वाले लोगों को तत्काल उंचे और सुरक्षित स्थानों पर जाने को कहा गया है.

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दांव पर 20 हजार लोगों की जिंदगी
गंडक नदी का जलस्तर बढ़ने से सदर प्रखंड के अलावा मांझा, बरौली, सिधवलिया तथा बैकुंठपुर प्रखंड में नदी के आसपास के 13 पंचायतों के लोगों की नींद एक बार फिर उड़ गई है. हलांकि प्रशासनिक स्तर पर तटबंधों की निगरानी को और बढ़ा दिया गया है. मौसम विभाग के अलर्ट के बाद गंडक नदी के आसपास के गांवों में प्रशासन के द्वारा अधिक सतर्कता बरतने का निर्देश जारी किया गया. तटबंध की निगरानी के लिए बाढ़ नियंत्रण विभाग की टीम मुस्तैद है. बाढ़ से प्रभावित होने वाले जिले के छह प्रखंड के सीओ को तटबंध की लगातार निगरानी करने को कहा गया है. हालांकि प्रशासन नदी के जल ग्रहण क्षेत्र में बसे 36 गांवों में नदी के पानी आने को बाढ़ नहीं मानता है. लेकिन अभी के हालात में करीब 20 हजार लोगों की जिंदगी दांव पर लगी हुई है.

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बाढ़ प्रभावित इन पंचायतों में अलर्ट

  • कुचायकोट प्रखंड : काला मटिहनियां, दुर्ग मटिहनियां, सलेहपुर, टोला सिपाया व रामपुर माधो.
  • गोपालगंज प्रखंड : कटघरवां, विशुनपुर पूर्वी, विशनुपुर पश्चिमी, बरईपट्टी, जादोपुर दु:खहरण, रामपुर टेंगराही और जगीरी टोला.
  • मांझा प्रखंड : निमुईया, भैंसही, गौसिया, पुरैना, मधु सरेया और ख्वाजेपुर.
  • बरौली प्रखंड : सोनबरसा, मोहम्मदपुर पकड़िया, देवापुर, हसनपुर, रामपुर, सलेमपुर पूर्वी, सलेमपुर पश्चिमी, बतरदेह और सरफरा.
  • सिधवलिया प्रखंड : अमरपुरा, डुमरिया और काशी टेंगराही.
  • बैकुंठपुर प्रखंड : परसौनी, बासघाट मंसुरिया, उसरी, गम्हारी, फैजुल्लाहपुर, प्यारेपुर, बखरी और बंगरा.
    परिवार के साथ पलायन करते ग्रामीण
    परिवार के साथ पलायन करते ग्रामीण

बाढ़ जैसे हालात क्यों?
मानसून के सक्रिय होने के बाद लगातार हो रही बारिश और वाल्मिकीनगर बराज से 4 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण गंडक नदी का जलस्तर बढ़ गया है. नदी का जलस्तर बढ़ने के साथ ही दियारा इलाके के कई स्थानों पर नदी की धारा तटबंध की तरफ बढ़ने लगी है. जिसके कारण दियारा इलाके के निचले इलाके के लोग बाढ़ के चपेट में जाने के कारण गांव को खाली कर पलायन शुरू कर दिए है.

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सीओ कर रहे माइकिंग
सदर प्रखंड के सीओ विजय कुमार सिंह रामनगर गांव पहुंचने के बाद तटबंध के अंदर नीचले इलाके में बसे लोगों को रात होने से पहले उंचे स्थलों पर सुरक्षित जाने के लिए माइकिंग कर रहे हैं. माइकिंग के जरिये लोगों को बाढ़ से संभावित खतरों की सूचना दी जा रही है.

पिछले साल भी हुई थी तबाही
गोपालगंज में पिछले साल नेपाल से चार लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किये जाने के कारण सारण तटबंध समेत कई जमींदारी बांध टूट गये थे. जिसके कारण 6 प्रखंडों की चार लाख से अधिक आबादी बाढ़ से प्रभावित हो गयी थी. लिहाजा इस बार भी नेपाल से पर्याप्त मात्रा में गंडक नदी में जल डिस्चार्ज किया गया है, जिससे बाढ़ को लेकर एक बार फिर दियारा के लोग सहमे हुए हैं और पलायन करने पर मजबूर हैं.

Last Updated : Jun 17, 2021, 10:20 AM IST
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