गोपालगंज: बिहार (Bihar) के गोपालगंज (Gopalganj) में हत्या के एक मामले में कोर्ट ने तीन को दोषी पाते हुए उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. वहीं कोर्ट ने सभी पर बीस-बीस हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. गोपालगंज व्यवहार न्यायालय (Gopalganj Civil Court) के प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश गुंजन पाण्डेय के न्यायालय ने भाई, बहन और मां को हत्या के मामले में दोषी पाते हुए आजीवन कारावास और अर्थदंड की सजा सुनाई है.
ये भी पढ़ें:पटना सिविल कोर्ट में घुसने की फिराक में था फर्जी दारोगा, सुरक्षाकर्मियों ने दबोचा
बताया जा रहा है कि उदंत राय के बंगरा गांव के रघुनाथ भगत 28 जुलाई 2016 को घर से मवेशी को चराने के लिए गांव के बाहर जा रहे थे. इसी बीच गांव के कुछ लोगों से विवाद हो गया. घटना की जानकारी होने के बाद रघुनाथ भगत के पुत्र जयप्रकाश भगत मौके पर पहुंचकर झगड़ा को समाप्त करा दिया. इस घटना के कुछ ही देर बाद दूसरे पक्ष के लोगों ने जयप्रकाश भगत पर चाकू और लाठी-डंडे से हमला कर दिया.
इस घटना में जयप्रकाश भगत गंभीर रूप से घायल हो गया और उसकी मौके पर ही मौत हो गयी. इस घटना को लेकर रघुनाथ भगत के बयान पर थावे थाने में कांड संख्या 95/2016 दर्ज कराई गई थी. जिसमें उसी गांव के रामटहल प्रसाद, छठिया देवी, काली देवी, लाली देवी और चंदन कुमार को नामजद आरोपित बनाया गया था.
वहीं इस मामले में रामटहल प्रसाद, छठिया देवी और काली देवी को छोड़कर शेष दो आरोपित फरार घोषित कर दिए गए थे. आरोप पत्र दाखिल होने के बाद इस मामले में तीन आरोपितों के विरुद्ध सत्र न्यायालय में सुनवाई प्रारंभ हुई. सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से अपर लोक अभियोजन रामन चंद्र मिश्रा और बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता अशोक सिंह ने बहस किया.
इस बीच अभियोजन पक्ष की ओर से प्रस्तुत किए गए साक्ष्य के आधार पर प्रथम अपर जिला और सत्र न्यायाधीश गुंजन पाण्डेय के न्यायालय ने रामटहल प्रसाद, उनकी बहन काली देवी और मां छठिया देवी को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास और 20-20 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई.
ये भी पढ़ें:पप्पू यादव की मधेपुरा कोर्ट में हुई पेशी, नहीं मिली जमानत