गोपालगंज: बाल्मीकि नगर बराज से छोड़े गए साढ़े चार लाख क्यूसेक पानी के कारण गंडक नदी उफान पर है. नदी का जलस्तर जैसे-जैसे बढ़ रहा है. वैसे-वैसे लोगों के अंदर का डर और बढ़ते जा रहा है. लगातार लोग अपने घरों को छोड़ कर पलायन करने में लगे हैं.
बाल्मीकि बराज से छोड़ा गया साढ़े चार लाख क्यूसेक पानी
दरअसल, बाल्मीकि नगर बराज से साढ़े चार लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण जिले के छः प्रखंडों के लोगों की नींद उड़ गई है. पानी जैसे-जैसे जिले में प्रवेश करती रही, वैसे-वैसे लोगों की स्थिति दयनीय होती रही. इसके बाद धीरे-धीरे पानी का दबाव पुरैना रिंग बांध पर पड़ा. दबाव पड़ते ही पुरैना रिंग बांध के कई जगहों पर होल होने लगा. जिससे रिसाव शुरू हुआ और बांध क्षतिग्रस्त हो गया.
बांध क्षतिग्रस्त से पहले ईटीवी भारत ने किया आगाह
क्षतिग्रस्त बांध को स्थानीय लोगों की मदद से बचाने की कोशिश भी की जाती रही. जिसकी तस्वीरें पहले ही ईटीवी भारत ने प्रमुखता से दिखाई थी. जहां यह आशंका भी जाहिर की गई थी कि अगर यह रिंग बांध टूटा तो सारण तटबन्ध को भी नहीं बचाया जा सकता है. और हुआ भी कुछ इसी तरह का. पुरैना रिंग बांध नदी का दबाव नहीं झेल सका और अंततः टूट गया. जिसके बाद बाढ़ का पानी सारण तटबंध को भी तोड़ दिया है.
बरौली प्रखण्ड के कई पंचायतों में बाढ़ ने दी दस्तक
देखते ही देखते बरौली प्रखण्ड के कई पंचायतों में बाढ़ ने दस्तक दे दी. इसके बाद पूरे गांव में खलबली मच गई. चारो ओर हाहाकार मचने लगा. लोग अपने आप को बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे. वहीं बाढ़ की तेज रफ्तार से पुरैना गांव निवासी सुबास मांझी, अच्छेलाल मांझी का ईंट से निर्मित मकान भी ध्वस्त हो गया. जबकि धर्मनाथ मांझी, धर्मेंद्र मांझी, युगल मांझी का झोपड़ी नुमा घर बाढ़ के पानी में जमींदोज हो गया.
सड़क पर शरण लिए लोगों को मदद का इंतजार
पूरे गांव के लोग ध्वस्त बांध पर शरण लिए हुए हैं और जान जोखिम में डाल कर अपने जान-माल की रक्षा में लगे हैं. एनडीआरएफ के टीम ने सभी लोगों को रेस्कयू कर उन्हें बाहर निकाल ऊंचे स्थान तक पहुंचाने की कवायद शुरू कर दी है. जबकि कुछ लोग सड़क पर शरण लेकर प्रशासनिक मदद का इंतजार कर रहे हैं.