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गोपालगंजः सिंचाई के सरकारी साधन फेल, किसानों को लेना पड़ रहा पम्पिंगसेट का सहारा

सारण के मुख्य नहर में पानी और उससे निकलने वाली वितरणी नहर में पानी नहीं होने के कारण सूख गई है. जिससे किसानों को पानी मिलना सम्भव नहीं हो पाता है. वैसे में किसान निजी पम्पसेट से महंगे डीजल खरीद कर खेतों की सिंचाई कर रहे हैं.

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Published : Dec 27, 2019, 10:45 AM IST

गोपालगंजः सरकार की ओर से किसानों के लिए कई तरह की योजना लागू की गई है, ताकि किसान को खेती करने में कोई समस्या न हो. लेकिन किसानों की समस्या कम होने की बजाए बढ़ती जा रही है. वर्तमान में रबी फसल की सिंचाई का मौसम चालू है. लेकिन नहरे सूखी पड़ी हैं और नलकूप बंद हैं. जिससे मजबूर किसान पम्पसेट का सहारा लेकर रबी के फसल की सिंचाई कर रहे हैं.

सिंचाई के लिए किसान परेशान
सरकार की ओर से किसानों के खेतों की सिंचाई के लिए बनाए गए नहरे ओर नलकुप दोनों सिचाई के प्रमुख साधन है. जो सूखे की हालात में साथ छोड़ रहे है. किसान सदानंद सिंह का कहना है कि महंगे दामों पर डीजल खरीदकर पम्पसेट से सिंचाई की जाती है. गेहूं के फसल की सिंचाई करने के लिए वर्तमान में पानी की आवश्यकता है. लेकिन नलकूप खराब पड़े है और नहरे सुखी है. जिससे किसानों को काफी परेशानी हो रही है. किसान पम्पसेट से सिंचाई करने को मजबूर हो रहे है.

देखें पूरी रिपोर्ट

ये भी पढ़ेः मोहन भागवत के बयान पर बिहार में सियासी बवाल, कांग्रेस ने उठाए सवाल

पम्पसेट से सिंचाई करने को मजबूर किसान
सारण के मुख्य नहर में पानी और उससे निकलने वाली वितरणी नहर में पानी नहीं होने के कारण सुख गई है. जिससे किसानों को पानी मिलना सम्भव नहीं हो पाता है. वैसे में किसान निजी पम्पसेट से महंगे डीजल खरीद कर खेतों की सिंचाई कर रहे है. वहीं, अगर बात करे सरकारी नलकूप की तो जिले में 316 नलकूप बनाए गए हैं, ताकि किसानों को सिंचाई की समस्या से निजात दिलाया जा सके. लेकिन इन नलकूपों में मात्र 108 नलकूप ही चालू हालत में है. बाकी यांत्रिकी दोष, बिजली और नाला खराब होने के कारण बन्द पड़े है.

गोपालगंजः सरकार की ओर से किसानों के लिए कई तरह की योजना लागू की गई है, ताकि किसान को खेती करने में कोई समस्या न हो. लेकिन किसानों की समस्या कम होने की बजाए बढ़ती जा रही है. वर्तमान में रबी फसल की सिंचाई का मौसम चालू है. लेकिन नहरे सूखी पड़ी हैं और नलकूप बंद हैं. जिससे मजबूर किसान पम्पसेट का सहारा लेकर रबी के फसल की सिंचाई कर रहे हैं.

सिंचाई के लिए किसान परेशान
सरकार की ओर से किसानों के खेतों की सिंचाई के लिए बनाए गए नहरे ओर नलकुप दोनों सिचाई के प्रमुख साधन है. जो सूखे की हालात में साथ छोड़ रहे है. किसान सदानंद सिंह का कहना है कि महंगे दामों पर डीजल खरीदकर पम्पसेट से सिंचाई की जाती है. गेहूं के फसल की सिंचाई करने के लिए वर्तमान में पानी की आवश्यकता है. लेकिन नलकूप खराब पड़े है और नहरे सुखी है. जिससे किसानों को काफी परेशानी हो रही है. किसान पम्पसेट से सिंचाई करने को मजबूर हो रहे है.

देखें पूरी रिपोर्ट

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पम्पसेट से सिंचाई करने को मजबूर किसान
सारण के मुख्य नहर में पानी और उससे निकलने वाली वितरणी नहर में पानी नहीं होने के कारण सुख गई है. जिससे किसानों को पानी मिलना सम्भव नहीं हो पाता है. वैसे में किसान निजी पम्पसेट से महंगे डीजल खरीद कर खेतों की सिंचाई कर रहे है. वहीं, अगर बात करे सरकारी नलकूप की तो जिले में 316 नलकूप बनाए गए हैं, ताकि किसानों को सिंचाई की समस्या से निजात दिलाया जा सके. लेकिन इन नलकूपों में मात्र 108 नलकूप ही चालू हालत में है. बाकी यांत्रिकी दोष, बिजली और नाला खराब होने के कारण बन्द पड़े है.

Intro:नहरे सुखी नलकूप बंद, सिचाई के दोनो साधन हुए बेकार
----रबी के मौसम में किसानो को नही मिल रहा सरकारी सुविधाव का लाभ, पम्पीसेट से सिचाई करने को मजबूर

सरकार द्वारा किसानों के लिए कई तरह की योजना लागू की गई ताकि किसान को अपने खेती करने में कोई समस्या न हो। लेकिन किसानो की समस्या कम होने की वजाए बढ़ती जा रही है। वर्तमान में रबी फसल की सिचाई का मौसम चालू है, लेकिन नहरे सुखी पड़ी है और नलकूप बन्द है। जिससे मजबूर किसान पम्पसेट का सहारा लेकर अपने रबी फसल की सिचाई कर रहे है है।


Body:सरकार द्वारा किसानों के खेतो की सिचाई के लिए बनाए गए ये दोनों सिचाई का प्रमुख साधन है। जो सूखे की हलात् में भी साथ छोड़ रहे है। जबकि रबी फसल पानी मांग रही है।किसानों का कहना है कि महंगे दामो पर डीजल खरीदकर पम्पी सेट से सिचाई की जाती है। गेहूं की फसल सिचाई करने के लिए वर्तमान में पानी की आवश्यकता है। लेकिन नलकूप के खराब पड़े है और नहरे सुखी है। किसानों का सिर्फ दोहन हो रहा है।

बाइट-सदानंद सिंह किसान

सारण मुख्य नहर में पानी व उससे निकलने वाली वितरणी नहर में पानी नही होने के कारण सुख गई है। जिससे किसानो को पानी मिलना सम्भव नही हो पाता है। वैसे में किसान निजी पम्पसेट से महंगे डीजल खरीद कर खेतो की सिचाई कर रहे है। वही अगर बात करे सरकारी नलकूप की तो जिले में 316 नलकूप बनाई गई है ताकि किसानो को सिचाई की समस्या से निजात दिलाया जा सके लेकिन इन नलकुपो मे मात्र 108 नलकूप ही चालू हालत में है बाकी यांत्रिकी दोष,बिजली व नाला खराब होने के कारण ये बन्द पड़े है।

बाइट-अजय कुमार वर्मा, अभियंता लघु सिंचाई विभाग


Conclusion:कुल मिलाकर देखा जाए तो किसानो के समस्या कम होने के बाजाये बढ़ती ही जाती है वही सरकार किसानों के हितैसी साबित करने से पीछे नही हटती वर्तमान में नहरों में पानी होती और नलकूप सही सलामत होते तो किसानों को निजी पम्पइसेट पर निर्भर नही होना पड़ता
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