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भीषण ठंड से बढ़ी परेशानी: गोपालगंज सदर अस्पताल में आने लगे 600 सांस और हर्ट के मरीज

बिहार में ठंड का सितम (Cold Wave In Bihar) जारी है. भयानक शीतलहर के बीच लोगों जीने को मजबूर हैं. सूबे में कोल्ड वेव से लगातार लोगों की तबीतय भी खराब होती जा रही है. इसी क्रम में गोपालगंज में ठंड के प्रकोप से लोगों बीमार पड़ जा रहे हैं. अस्पतालों में हार्ट अटैक, बीपी के अलावे सांस के मरीजो की संख्या लगातार बढ़ती जा रही हैं. पढे़ं पूरी खबर...

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Published : Jan 10, 2023, 9:55 PM IST

बिहार में ठंड बना जानलेवा
बिहार में ठंड बना जानलेवा
गोपालगंज में ठंड से लोगों का हाल खराब

गोपालगंज: बिहार के गोपालगंज जिले मे कड़ाके की ठंड के (Cold In Gopalganj) कारण आम से लेकर खास तक परेशान हैं. बढ़ती ठंड के कारण मरीजो की संख्या में लगातार इजाफा हो (Due To Cold In Gopalganj People Are Getting Sick) रहा है. तापमान में लगातार हो रही गिरावट के कारण बढ़ते ठंड का असर दिल और दिमाम पर सबसे अधिक पड़ रहा है. यही कारण है कि जिले में लकवा, हार्ट अटैक, बीपी के अलावे सांस के मरीजों की संख्या हाल के दिनों में तेजी से बढ़ी है. सदर अस्पताल में प्रतिदिन अमूमन पांच से छह मरीज पहुंच रहे हैं.

ये भी पढ़ें- Cold In Bhojpur: कड़ाके की ठंड से भोजपुर में लोग बेहाल, राहत के लिए अलाव का सहारा

कड़ाके की ठंड से लोगों का हाल बुरा : इसमें दो माह के भीतर 63 मरीजों को गंभीर हालत में भर्ती भी किया गया है. इनकी उम्र 50 या उससे ज्यादा है. ओपीडी इमरजेंसी और जरुरत पड़ने पर आइसीयू में इनका इलाज किया जा रहा है. सदर अस्पताल के मेडिकल ऑफिसर डॉ कैसर जावेद ने बताया कि बीपी की वजह से लकवा के मरीजों की भी संख्या बढ़ी है. प्रतिदिन ऐसे एक या दो मरीज मिल ही जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि अस्पताल में बीपी सुगर की दवाइयां प्रयाप्त मात्रा में उपलब्ध है. इसलिए उच्च रक्तचाप के मरीजों को भरपूर दवाइयां दी जाती है. ताकि उन्हें दवा का अभाव महसूस नहीं हो.

'बीपी के अलावा हृदय रोग, मधुमेह और टीबी के मरीजों को भी ठंड में सावधानी बरतनी चाहिए. क्योंकि ठंड में बीपी के मरीजों की दवा के पावर को बढ़ाना पड़ता है. लेकिन मरीज पुराने डोज पर ही दवा का सेवन करते रहते हैं. उनका यह मानना होता है कि बीपी की दवा खा ली तो उन्हें कोई दिक्कत नहीं होगी.0 उनकी यही सोच उन्हें खतरे में डाल देती है.' - डॉ कैसर जावेद, मेडिकल ऑफिसर

गोपालगंज में कड़ाके की ठंड से लोगों की तबीयत हो रही खराब
गोपालगंज में कड़ाके की ठंड से लोगों की तबीयत हो रही खराब

बचाव के लिए करें यह उपाय-बीपी कंट्रोल करें, बीपी की टेबलेट नियमित रूप से ले, सैर करें, तनाव दूर करने के लिए एक्साइज की जा सकती है. चोट लगने पर चिकित्सक से संपर्क करें. पैरालाइसिस के लक्षण मिलने पर अंधविश्वास में ना पड़कर चिकित्सक से संपर्क करें. शुगर वाले मरीजों में भी पैरालाइसिस होता है. शुगर में बीपी मरीज को भी समस्या आती है. पैरालाइसिस ठीक हो जाता है लेकिन इसके लिए लगातार चिकित्सक से उपचार संबंधी जानकारी लेनी चाहिए. 50 से अधिक उम्र के लोगों में पैरालाइसिस यानि लकवा के अधिक मामले देखने को मिल रहे हैं. ठंड में मरीजों की संख्या में भारी वृद्धि हो रही है. ठंड के साथ मरीजों की संख्या अधिक बढ़ गयी है.

बिहार में पड़ रही है कड़ाके की ठंड : गौैरतलब है कि बिहार में इन दिनों कड़ाके की ठंड (Severe Cold In Bihar) पड़ रही है. सूबे के सभी जिले शीतलहर की चपेट में है. जबकि कई जिले शीतलहर की चपेट में है. बीते 24 घंटे में पटना, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, फारबिसगंज समेत 10 जिलों में भीषण शीतलहर पड़ रही है. बाकी जिलों में सर्द हवा बह रही है. पहाड़ी इलाकों से बर्फीली हवा 10 से 12 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही है.

गोपालगंज में ठंड से लोगों का हाल खराब

गोपालगंज: बिहार के गोपालगंज जिले मे कड़ाके की ठंड के (Cold In Gopalganj) कारण आम से लेकर खास तक परेशान हैं. बढ़ती ठंड के कारण मरीजो की संख्या में लगातार इजाफा हो (Due To Cold In Gopalganj People Are Getting Sick) रहा है. तापमान में लगातार हो रही गिरावट के कारण बढ़ते ठंड का असर दिल और दिमाम पर सबसे अधिक पड़ रहा है. यही कारण है कि जिले में लकवा, हार्ट अटैक, बीपी के अलावे सांस के मरीजों की संख्या हाल के दिनों में तेजी से बढ़ी है. सदर अस्पताल में प्रतिदिन अमूमन पांच से छह मरीज पहुंच रहे हैं.

ये भी पढ़ें- Cold In Bhojpur: कड़ाके की ठंड से भोजपुर में लोग बेहाल, राहत के लिए अलाव का सहारा

कड़ाके की ठंड से लोगों का हाल बुरा : इसमें दो माह के भीतर 63 मरीजों को गंभीर हालत में भर्ती भी किया गया है. इनकी उम्र 50 या उससे ज्यादा है. ओपीडी इमरजेंसी और जरुरत पड़ने पर आइसीयू में इनका इलाज किया जा रहा है. सदर अस्पताल के मेडिकल ऑफिसर डॉ कैसर जावेद ने बताया कि बीपी की वजह से लकवा के मरीजों की भी संख्या बढ़ी है. प्रतिदिन ऐसे एक या दो मरीज मिल ही जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि अस्पताल में बीपी सुगर की दवाइयां प्रयाप्त मात्रा में उपलब्ध है. इसलिए उच्च रक्तचाप के मरीजों को भरपूर दवाइयां दी जाती है. ताकि उन्हें दवा का अभाव महसूस नहीं हो.

'बीपी के अलावा हृदय रोग, मधुमेह और टीबी के मरीजों को भी ठंड में सावधानी बरतनी चाहिए. क्योंकि ठंड में बीपी के मरीजों की दवा के पावर को बढ़ाना पड़ता है. लेकिन मरीज पुराने डोज पर ही दवा का सेवन करते रहते हैं. उनका यह मानना होता है कि बीपी की दवा खा ली तो उन्हें कोई दिक्कत नहीं होगी.0 उनकी यही सोच उन्हें खतरे में डाल देती है.' - डॉ कैसर जावेद, मेडिकल ऑफिसर

गोपालगंज में कड़ाके की ठंड से लोगों की तबीयत हो रही खराब
गोपालगंज में कड़ाके की ठंड से लोगों की तबीयत हो रही खराब

बचाव के लिए करें यह उपाय-बीपी कंट्रोल करें, बीपी की टेबलेट नियमित रूप से ले, सैर करें, तनाव दूर करने के लिए एक्साइज की जा सकती है. चोट लगने पर चिकित्सक से संपर्क करें. पैरालाइसिस के लक्षण मिलने पर अंधविश्वास में ना पड़कर चिकित्सक से संपर्क करें. शुगर वाले मरीजों में भी पैरालाइसिस होता है. शुगर में बीपी मरीज को भी समस्या आती है. पैरालाइसिस ठीक हो जाता है लेकिन इसके लिए लगातार चिकित्सक से उपचार संबंधी जानकारी लेनी चाहिए. 50 से अधिक उम्र के लोगों में पैरालाइसिस यानि लकवा के अधिक मामले देखने को मिल रहे हैं. ठंड में मरीजों की संख्या में भारी वृद्धि हो रही है. ठंड के साथ मरीजों की संख्या अधिक बढ़ गयी है.

बिहार में पड़ रही है कड़ाके की ठंड : गौैरतलब है कि बिहार में इन दिनों कड़ाके की ठंड (Severe Cold In Bihar) पड़ रही है. सूबे के सभी जिले शीतलहर की चपेट में है. जबकि कई जिले शीतलहर की चपेट में है. बीते 24 घंटे में पटना, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, फारबिसगंज समेत 10 जिलों में भीषण शीतलहर पड़ रही है. बाकी जिलों में सर्द हवा बह रही है. पहाड़ी इलाकों से बर्फीली हवा 10 से 12 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही है.

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